बुलंदशहर: कोरोना वायरस के संक्रमण रोकने के लिए देश में तीन मई तक लॉकडाउन कर दिया गया है. वायरस के खौफ से मजदूर गेहूं की फसल काटने के लिए राजी नहीं हो रहे हैं. इसकी वजह से किसानों को खुद ही फसल काटनी पड़ रही है. ऐसे में किसान के घरों के बच्चों से लेकर बुजुर्ग खुद ही फसल काट रहे हैं.
देश में कोरोना वायरस नामक महामारी को मात देने के लिए पीएम मोदी के आवाहन पर देशभर में 14 अप्रैल तक लॉकडाउन का किया गया था. मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुनः एक बार लॉकडाउन बढ़ाने की घोषणा की. लॉकडाउन का ठीक से पालन हो इसके लिए केंद्र और राज्यों की सरकारें लगातार प्रयत्नशील हैं. इसका असर भी देखने को मिल रहा है.
मजदूर न मिलने से किसान परेशान
ऐसे में सबसे ज्यादा किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि खेतों में गेहूं की फसल तैयार खड़ी है और किसानों को मजदूर नहीं मिल रहे हैं. अगर मजदूर मिल भी रहे हैं तो वह खुद इस कोरोना महामारी की वजह से अपने घरों में ही रहना पसंद कर रहे हैं, जिसकी वजह से किसान परेशान हैं. बड़े-बड़े काश्तकारों को अधिक दिक्कत हो रही है, क्योंकि मजदूर नहीं मिल रहे हैं और दूसरी ओर लगातार गर्मी बढ़ती जा रही है.
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वहीं जिन किसानों के पास कम जमीन है, वह लोग तो किसी तरह अपना काम चला ले जा रहे हैं. छोटे किसानों के बच्चों से लेकर घर के बुजुर्गों तक क खेतों में हसिया और दराती लेकर फसल काट रहे हैं. किसान मानते हैं कि भले ही उन्हें कुछ तकलीफें झेलनी पड़ रही हों, लेकिन कोरोना वायरस नामक महामारी का खात्मा होना जरूरी है.