बरेली: पुलिस ने कलर मिलाकर नकली मोबिल ऑयल बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया और इस मामले में पिता-पुत्र को गिरफ्तार कर लिया. इनके पास से 3000 लीटर नकली मोबिल ऑयल बरामद किया गया. यहां पर नामी कंपनी के रैपर और अन्य उपकरण भी बरामद किए गए.
बरेली के बारादरी क्षेत्र के श्याम गंज चौकी इंचार्ज अजय शुक्ला ने अपनी टीम के साथ इस नकली मोबिल ऑयल बनाने की फैक्ट्री पर छापा मारा. इस दुकान के अंदर का नजारा देखकर पुलिस कर्मी दंग रह गए. पुलिस को दुकान के अंदर नकली मोबिल ऑयल और उसको बनाने के उपकरणों सहित नामी-गिरामी कंपनियों के लेबल मिले. कई डिब्बों में नकली मोबिल ऑयल पैक किया या था. पुलिस ने इस मामले में सुरेश चंद श्रीवास्तव और उसके बेटे अरविंद श्रीवास्तव को गिरफ्तार कर लिया.
चौकी इंचार्ज अजय शुक्ला ने बताया कि आरोपियों से पूछताछ में खुलासा हुआ कि सुरेश चंद्र श्रीवास्तव इंजनों से निकलने वाले खराब मोबिल ऑयल को दिल्ली, गाजियाबाद, कानपुर जैसे बड़े शहरों से खरीद कर लाते थे. इसके बाद उस खराब मोबिल ऑयल में कलर मिलाकर असली मोबाइल की तरह बना देते थे. इतना ही नहीं ग्राहकों को चकमा देने के लिए नामी कंपनियों के रैपर लगाकर डिब्बों में पैक कर दिया करते थे.
नामी कंपनियों की पैकिंग को देखकर किसी को नकली मोबाइल होने का शक भी नहीं होता था और ये लोग बेखौफ होकर बाजार में नकली मोबिल ऑयल सप्लाई कर रहे थे. आरोपी पिता-पुत्र ने बताया कि वह इस नकली मोबिल ऑयल को बरेली के आसपास के ग्रामीण इलाकों में बेच देते थे. इनका माल ग्रामीण इलाकों और आसपास के जिलों में मोटर मैकेनिक लेते थे. वो ये काम पिछले 4 साल से कर रहे थे.
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बारादरी थाने के इंस्पेक्टर नीरज मलिक ने बताया कि पुलिस ने फैक्ट्री से लगभग 3000 लीटर नकली मोबिल ऑयल बरामद किया. इसके अलावा ड्रमों में नकली मोबिल ऑयल , नकली मोबिल ऑयल बनाने में इस्तेमाल होने वाला कलर, नामी कंपनियों के नकली रैपर, मोबिल ऑयल पैक करने के लिए बोतलें और अन्य उपकरण भी बरामद किए. आरोपियों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया और उन्हें जेल भेज दिया जाएगा.