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बिजली उत्पादन को लेकर योगी सरकार गंभीर नहीं : आराधना मिश्रा मोना

कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा मोना ने योगी पर हमला करते हुए कहा कि योगी सरकार बिजली उत्पादन को लेकर गंभीर नहीं है. इसीलिए विद्युत आपूर्ति सुचारू नहीं हो पा रही है.

नेता आराधना मिश्रा मोना
नेता आराधना मिश्रा मोनानेता आराधना मिश्रा मोनानेता आराधना मिश्रा मोना
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Published : Apr 28, 2022, 10:48 PM IST

प्रयागराज : कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा मोना ने प्रदेश में दिन प्रतिदिन गहराते जा रहे विद्युत संकट के लिए योगी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में विद्युत कटौती से लोग बेहाल हो उठे हैं. गर्मी में जनता तिलमिला उठी है लेकिन विद्युत उत्पादन और उसकी मांग के बीच बड़ा अंतर होने की वजह से विद्युत आपूर्ति सुचारू नहीं हो पा रही है.

उन्होंने आरोप लगाया कि बीते 5 वर्षों में प्रदेश की बीजेपी सरकार ने कोई नया पावर प्रोजेक्ट नहीं लगाया है. इससे पूरा यूपी बिजली के संकट के दौर से गुजर रहा है. उन्होंने कहा कि मौसम विभाग ने भी पूर्वानुमान जताया था कि जिस तरह कड़ाके की ठंड पड़ी थी, उसी तरह भीषण गर्मी भी पड़ेगी. राज्य सरकार ने बिजली को लेकर कोई तैयारी नहीं की.

कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा मोना ने कहा कि सुबे के ऊर्जा मंत्री अरविंद शर्मा ने भी इस बात को स्वीकार किया कि विद्युत आपूर्ति के लिए अधिकारियों का कुप्रबंधन जिम्मेदार है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में 22000 मेगावाट से ज्यादा की बिजली डिमांड है जबकि 15000 मेगावाट की ही आपूर्ति हो रही है.

उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार की सरकार की गलत नीतियों की वजह से यूपी की जनता परेशान हो रही है. प्रतियोगी छात्र बिजली की कटौती से परेशान है. गांव में विद्युत कनेक्शन काटकर विभागीय अधिकारी धन की उगाही कर रहे हैं.

उन्होंने सीएम योगी से अनुरोध किया कि कोयले की आपूर्ति की जाए और नए पावर प्रोजेक्ट लगाए जाएं ताकि प्रदेश की जनता की बिजली को लेकर तकलीफ कम हो सके. कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता ने कहा है कि प्रदेश सरकार 4000 मेगावाट बिजली खरीदकर विद्युत आपूर्ति सामान्य करें. इस संकट से प्रदेश की जनता को बचाएं.

विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा मोना ने प्रदेश और प्रयागराज की कानून व्यवस्था को लेकर भी बड़ा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में अपराध बढ़ रहा है. उन्होंने प्रयागराज में हाल के दिनों में हुई सामूहिक हत्याओं को लेकर भी कानून व्यवस्था पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा, प्रयागराज में पिछले 5 वर्षों में सामूहिक हत्या की नौ घटनाएं हुई हैं जिनमें 38 लोगों की हत्या हुई है.

सरकार को इन हत्याओं का खुलासा करना चाहिए और दोषियों को जेल के सलाखों के पीछे भेजना चाहिए. तभी ऐसी वारदातों पर लगाम लगेगी. अघोषित विद्युत कटौती और प्रदेश की कानून व्यवस्था की समस्या का मुद्दा वे विधानसभा में भी उठाएंगी और इस मामले को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर उनसे भी मांग करेंगी. वहीं, इस मौके पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य प्रमोद तिवारी ने भी प्रदेश की बदहाल बिजली व्यवस्था पर सरकार को आड़े हाथों लिया.

उन्होंने जोर देकर कहा कि राज्य सरकार विद्युत आपूर्ति बहाल करने में पूरी तरह से विफल रही है. उन्होंने कहा कि विद्युत को लेकर सरकार का होमवर्क पूरा नहीं है. सरकार इस तरह से घाटा दिखाकर विद्युत विभाग को निजीकरण की ओर धकेलने की कोशिश कर रही है. वहीं, पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर भी कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने केंद्र की मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा किया है. उन्होंने कहा कि केंद्र की सरकार ने सेंट्रल एक्साइज को 30 फीसदी तक बढ़ा दिया है जो सीधे तौर पर जनता के साथ धोखा है.

यह भी पढ़ें-पीएम की असम यात्रा में नागाओं के लिए भी था 'छिपा' संदेश, जानें विस्तार से

उन्होंने कहा कि पांच राज्यों के चुनाव से पहले सेंट्रल एक्साइज को घटाया गया था. चुनाव के बाद फिर से सेंट्रल एक्साइज बढ़ा दिया गया है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार राज्यों से वैट घटाने की बात कहती है. अगर केंद्र सरकार सेंट्रल एक्साइज न बढ़ाए तो राज्यों को भी वैट बढ़ाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. उन्होंने मांग की कि 2014 में जो सेंट्रल एक्साइज था यदि उसी स्तर पर यह लागू कर दिया जाए तो पेट्रोल और डीजल की कीमतें खुद-ब-खुद कम हो जाएंगी.

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प्रयागराज : कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा मोना ने प्रदेश में दिन प्रतिदिन गहराते जा रहे विद्युत संकट के लिए योगी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में विद्युत कटौती से लोग बेहाल हो उठे हैं. गर्मी में जनता तिलमिला उठी है लेकिन विद्युत उत्पादन और उसकी मांग के बीच बड़ा अंतर होने की वजह से विद्युत आपूर्ति सुचारू नहीं हो पा रही है.

उन्होंने आरोप लगाया कि बीते 5 वर्षों में प्रदेश की बीजेपी सरकार ने कोई नया पावर प्रोजेक्ट नहीं लगाया है. इससे पूरा यूपी बिजली के संकट के दौर से गुजर रहा है. उन्होंने कहा कि मौसम विभाग ने भी पूर्वानुमान जताया था कि जिस तरह कड़ाके की ठंड पड़ी थी, उसी तरह भीषण गर्मी भी पड़ेगी. राज्य सरकार ने बिजली को लेकर कोई तैयारी नहीं की.

कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा मोना ने कहा कि सुबे के ऊर्जा मंत्री अरविंद शर्मा ने भी इस बात को स्वीकार किया कि विद्युत आपूर्ति के लिए अधिकारियों का कुप्रबंधन जिम्मेदार है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में 22000 मेगावाट से ज्यादा की बिजली डिमांड है जबकि 15000 मेगावाट की ही आपूर्ति हो रही है.

उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार की सरकार की गलत नीतियों की वजह से यूपी की जनता परेशान हो रही है. प्रतियोगी छात्र बिजली की कटौती से परेशान है. गांव में विद्युत कनेक्शन काटकर विभागीय अधिकारी धन की उगाही कर रहे हैं.

उन्होंने सीएम योगी से अनुरोध किया कि कोयले की आपूर्ति की जाए और नए पावर प्रोजेक्ट लगाए जाएं ताकि प्रदेश की जनता की बिजली को लेकर तकलीफ कम हो सके. कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता ने कहा है कि प्रदेश सरकार 4000 मेगावाट बिजली खरीदकर विद्युत आपूर्ति सामान्य करें. इस संकट से प्रदेश की जनता को बचाएं.

विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा मोना ने प्रदेश और प्रयागराज की कानून व्यवस्था को लेकर भी बड़ा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में अपराध बढ़ रहा है. उन्होंने प्रयागराज में हाल के दिनों में हुई सामूहिक हत्याओं को लेकर भी कानून व्यवस्था पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा, प्रयागराज में पिछले 5 वर्षों में सामूहिक हत्या की नौ घटनाएं हुई हैं जिनमें 38 लोगों की हत्या हुई है.

सरकार को इन हत्याओं का खुलासा करना चाहिए और दोषियों को जेल के सलाखों के पीछे भेजना चाहिए. तभी ऐसी वारदातों पर लगाम लगेगी. अघोषित विद्युत कटौती और प्रदेश की कानून व्यवस्था की समस्या का मुद्दा वे विधानसभा में भी उठाएंगी और इस मामले को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर उनसे भी मांग करेंगी. वहीं, इस मौके पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य प्रमोद तिवारी ने भी प्रदेश की बदहाल बिजली व्यवस्था पर सरकार को आड़े हाथों लिया.

उन्होंने जोर देकर कहा कि राज्य सरकार विद्युत आपूर्ति बहाल करने में पूरी तरह से विफल रही है. उन्होंने कहा कि विद्युत को लेकर सरकार का होमवर्क पूरा नहीं है. सरकार इस तरह से घाटा दिखाकर विद्युत विभाग को निजीकरण की ओर धकेलने की कोशिश कर रही है. वहीं, पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर भी कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने केंद्र की मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा किया है. उन्होंने कहा कि केंद्र की सरकार ने सेंट्रल एक्साइज को 30 फीसदी तक बढ़ा दिया है जो सीधे तौर पर जनता के साथ धोखा है.

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उन्होंने कहा कि पांच राज्यों के चुनाव से पहले सेंट्रल एक्साइज को घटाया गया था. चुनाव के बाद फिर से सेंट्रल एक्साइज बढ़ा दिया गया है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार राज्यों से वैट घटाने की बात कहती है. अगर केंद्र सरकार सेंट्रल एक्साइज न बढ़ाए तो राज्यों को भी वैट बढ़ाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. उन्होंने मांग की कि 2014 में जो सेंट्रल एक्साइज था यदि उसी स्तर पर यह लागू कर दिया जाए तो पेट्रोल और डीजल की कीमतें खुद-ब-खुद कम हो जाएंगी.

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