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इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकीलों का हंगामा, नारेबाजी कर हाईब्रिड मोड में सुनवाई की मांग

सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकीलों ने हंगामा किया. वकीलों ने नारेबाजी कर हाईकोर्ट (Allahabad High Court in Prayagraj) में हाईब्रिड मोड में सुनवाई करने की मांग की.

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allahabad high court in prayagraj
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Published : Jan 10, 2022, 10:58 PM IST

प्रयागराज: कोरोना संक्रमण के बदतर होते हालात को देखते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट में सोमवार से वर्चुअल सुनवाई का लिंक न मिलने और दूसरी खामियों के चलते वकीलों ने जमकर बवाल काटा. हाईकोर्ट परिसर में वकीलों, वादकारियों का प्रवेश पूरी तरह से रोक दिये जाने और पुलिस बैरिकेडिंग लगाकर रास्ता रोके जाने से अधिवक्ताओं ने खासी नाराजगी जताई.

परिसर में कोई प्रवेश की कोशिश न करे, इसके लिए हाईकोर्ट के सभी प्रवेश द्वारों पर बैरिकेडिंग कर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था. वकीलों ने इस पर आपत्ति जताते हुए हाईकोर्ट गेट पर दिनभर धरना, प्रदर्शन एवं नारेबाजी की.

हाईकोर्ट के वकीलों का हंगामा देखते हुए हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य न्यायाधीश से वार्ता कर वर्चुअल के साथ खुली अदालत में भी सुनवाई की मांग की, लेकिन हाईकोर्ट प्रशासन ने इंकार कर दिया और कहा कि स्वास्थ्य कारणों से वर्चुअल सुनवाई ही होगी. हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने आपात बैठक कर हाईब्रिड मोड (दोनों माध्यमों खुली अदालत व वर्चुअल) सुनवाई प्रारंभ न होने तक रोजाना शाम 4 बजे बैठक करने का निर्णय लिया.

रविवार को हाईकोर्ट प्रशासन और बार एसोसिएशन के बीच हुई बैठक में निर्णय लिया गया कि हालात को देखते हुए दो सप्ताह के लिए खुली अदालत में सुनवाई बंद कर मुकदमों की वर्चुअल सुनवाई की जाए. लिंक आदि न मिल पाने की स्थिति में किसी मुकदमे में विपरीत आदेश पारित नहीं किया जाएगा. केवल वर्चुअल सुनवाई व्यवस्था लागू करने के विरोध में बड़ी संख्या में अधिवक्ताओं ने प्रदर्शन किया.

प्रदर्शन के दौरान वकीलों ने नारेबाजी भी की. पूर्व संयुक्त सचिव प्रशासन संतोष मिश्र व ऋतेश श्रीवास्तव की अगुवाई में हो रहे प्रदर्शन में वकीलों ने कहा कि न्यायाधीश अपने चैंबर में बैठकर न्याय कक्ष में उपस्थित अधिवक्ता की बहस भौतिक या आभासी रूप में सुन सकते हैं. न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने यही विकल्प चुना और सफलतापूर्वक सुनवाई की.

इस पर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य न्यायमूर्ति से वार्ता की. संयुक्त सचिव प्रेस आशुतोष त्रिपाठी के अनुसार वार्ता के दौरान वर्चुअल सुनवाई पर वकीलों के बढ़ते रोष व प्रयागराज की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का हवाला देते हुए फिर वर्चुअल व फिजिकल दोनों माध्यमों से मुकदमों की सुनवाई का आग्रह किया. इसके बाद हाईकोर्ट बार ने अध्यक्ष आरके ओझा की अध्यक्षता में आपात बैठक की.

बैठक का संचालन महासचिव एसडीएस जादौन ने किया. प्रस्ताव पारित किया गया कि अधिवक्ताओं की समस्या को ध्यान में रखकर मुकदमों की सुनवाई फिजिकल एवं वर्चुअल से किया जाना आवश्यक है, क्योंकि वर्तमान परिस्थिति में नेटवर्क समस्या एवं मुकदमों का लिंक न मिलने से सुनवाई नहीं हो पा रही है.

ऐसे में अधिवक्ताओं एवं वादकारियों के हित के साथ मुकदमों के बढ़ते बोझ को ध्यान में रखकर दोनों माध्यमों से सुनवाई कराना अधिवक्ता हित में आवश्यक है. इससे उच्च न्यायालय में मुकदमों की सुनवाई सुचारू रूप से चल सके. यह भी कहा गया कि यदि अधिवक्ता कोविड-19 के नियमों का पालन करते हए सुनवाई को तैयार हैं, तो उच्च न्यायालय को मात्र वर्चुअल सुनवाई के निर्णय के संबंध में फिर विचार करना अधिवक्ता हित में अत्यन्त आवश्यक है. हाईकोर्ट बार एसोसिएशन नियमित रूप से प्रतिदिन बैठक कर इसकी मांग करता रहेगा.

वकीलों ने मुकद्दमो का लिंक न मिलने पर सुनवाई न हो पाने पर अगली तिथि फरवरी में लगाने से चिंतित हैं. उनका कहना है कि इस व्यवस्था से केवल इलीट क्लास की ही वकालत जलेगी. आम अधिवक्ता के सामने जीविका चलाने की कठिनाइयां होगी. वकीलों का कहना है कि कोरोना के दो साल बीत जाने के बाद भी न्यायालय प्रशासन इन लाइन सुनवाई व्यवस्था की खामियां दूर नहीं कर सका है. इसका आम अधिवक्ताओं पर बुरा असर पड़ रहा है. सैकड़ों वकीलों ने हस्ताक्षर अभियान चलाकर हाईब्रिड मोड में या जज चेंबर में बैठ कोर्ट में वकीलों की ऑनलाइन सुनवाई व्यवस्था करने का सुझाव दिया.

ये भी पढ़ें- आचार संहिता उल्लंघनः घर पर हजारों समर्थक जुटाने पर इमरान मसूद के खिलाफ रिपोर्ट...

बैठक में वरिष्ठ उपाध्यक्ष मनोज कुमार मिश्र, उपाध्यक्ष नीरज कुमार त्रिपाठी, सुरेन्द्र नाथ मिश्र, धर्मेन्द्र सिंह यादव, सत्यम पांडेय व श्यामा चरन त्रिपाठी संयुक्त सचिव प्रशासन संजय सिंह सोमवंशी, संयुक्त सचिव, लाइब्रेरी यादवेश यादव, संयुक्त सचिव महिला ऊष्मा मिश्रा, कोषाध्यक्ष अरुण कुमार सिंह और गवर्निंग काउंसिल सदस्य पूजा सिंह, प्रियंका शर्मा, अन्नपूर्णा सिंह चंदेल, राखी कुमारी, अनुज कुमार सिंह, जितेन्द्र सिंह, दिलीप कुमार यादव, अनुराग शुक्ल, अभिषेक तिवारी, सैयद फैज हसनैन, अखिलेश कुमार शुक्ल, हरि मोहन केसरवानी, दीपांकर द्विवेदी, मानव चौरसिया एवं विक्रान्त नीरज उपस्थित रहे.

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प्रयागराज: कोरोना संक्रमण के बदतर होते हालात को देखते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट में सोमवार से वर्चुअल सुनवाई का लिंक न मिलने और दूसरी खामियों के चलते वकीलों ने जमकर बवाल काटा. हाईकोर्ट परिसर में वकीलों, वादकारियों का प्रवेश पूरी तरह से रोक दिये जाने और पुलिस बैरिकेडिंग लगाकर रास्ता रोके जाने से अधिवक्ताओं ने खासी नाराजगी जताई.

परिसर में कोई प्रवेश की कोशिश न करे, इसके लिए हाईकोर्ट के सभी प्रवेश द्वारों पर बैरिकेडिंग कर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था. वकीलों ने इस पर आपत्ति जताते हुए हाईकोर्ट गेट पर दिनभर धरना, प्रदर्शन एवं नारेबाजी की.

हाईकोर्ट के वकीलों का हंगामा देखते हुए हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य न्यायाधीश से वार्ता कर वर्चुअल के साथ खुली अदालत में भी सुनवाई की मांग की, लेकिन हाईकोर्ट प्रशासन ने इंकार कर दिया और कहा कि स्वास्थ्य कारणों से वर्चुअल सुनवाई ही होगी. हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने आपात बैठक कर हाईब्रिड मोड (दोनों माध्यमों खुली अदालत व वर्चुअल) सुनवाई प्रारंभ न होने तक रोजाना शाम 4 बजे बैठक करने का निर्णय लिया.

रविवार को हाईकोर्ट प्रशासन और बार एसोसिएशन के बीच हुई बैठक में निर्णय लिया गया कि हालात को देखते हुए दो सप्ताह के लिए खुली अदालत में सुनवाई बंद कर मुकदमों की वर्चुअल सुनवाई की जाए. लिंक आदि न मिल पाने की स्थिति में किसी मुकदमे में विपरीत आदेश पारित नहीं किया जाएगा. केवल वर्चुअल सुनवाई व्यवस्था लागू करने के विरोध में बड़ी संख्या में अधिवक्ताओं ने प्रदर्शन किया.

प्रदर्शन के दौरान वकीलों ने नारेबाजी भी की. पूर्व संयुक्त सचिव प्रशासन संतोष मिश्र व ऋतेश श्रीवास्तव की अगुवाई में हो रहे प्रदर्शन में वकीलों ने कहा कि न्यायाधीश अपने चैंबर में बैठकर न्याय कक्ष में उपस्थित अधिवक्ता की बहस भौतिक या आभासी रूप में सुन सकते हैं. न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने यही विकल्प चुना और सफलतापूर्वक सुनवाई की.

इस पर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य न्यायमूर्ति से वार्ता की. संयुक्त सचिव प्रेस आशुतोष त्रिपाठी के अनुसार वार्ता के दौरान वर्चुअल सुनवाई पर वकीलों के बढ़ते रोष व प्रयागराज की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का हवाला देते हुए फिर वर्चुअल व फिजिकल दोनों माध्यमों से मुकदमों की सुनवाई का आग्रह किया. इसके बाद हाईकोर्ट बार ने अध्यक्ष आरके ओझा की अध्यक्षता में आपात बैठक की.

बैठक का संचालन महासचिव एसडीएस जादौन ने किया. प्रस्ताव पारित किया गया कि अधिवक्ताओं की समस्या को ध्यान में रखकर मुकदमों की सुनवाई फिजिकल एवं वर्चुअल से किया जाना आवश्यक है, क्योंकि वर्तमान परिस्थिति में नेटवर्क समस्या एवं मुकदमों का लिंक न मिलने से सुनवाई नहीं हो पा रही है.

ऐसे में अधिवक्ताओं एवं वादकारियों के हित के साथ मुकदमों के बढ़ते बोझ को ध्यान में रखकर दोनों माध्यमों से सुनवाई कराना अधिवक्ता हित में आवश्यक है. इससे उच्च न्यायालय में मुकदमों की सुनवाई सुचारू रूप से चल सके. यह भी कहा गया कि यदि अधिवक्ता कोविड-19 के नियमों का पालन करते हए सुनवाई को तैयार हैं, तो उच्च न्यायालय को मात्र वर्चुअल सुनवाई के निर्णय के संबंध में फिर विचार करना अधिवक्ता हित में अत्यन्त आवश्यक है. हाईकोर्ट बार एसोसिएशन नियमित रूप से प्रतिदिन बैठक कर इसकी मांग करता रहेगा.

वकीलों ने मुकद्दमो का लिंक न मिलने पर सुनवाई न हो पाने पर अगली तिथि फरवरी में लगाने से चिंतित हैं. उनका कहना है कि इस व्यवस्था से केवल इलीट क्लास की ही वकालत जलेगी. आम अधिवक्ता के सामने जीविका चलाने की कठिनाइयां होगी. वकीलों का कहना है कि कोरोना के दो साल बीत जाने के बाद भी न्यायालय प्रशासन इन लाइन सुनवाई व्यवस्था की खामियां दूर नहीं कर सका है. इसका आम अधिवक्ताओं पर बुरा असर पड़ रहा है. सैकड़ों वकीलों ने हस्ताक्षर अभियान चलाकर हाईब्रिड मोड में या जज चेंबर में बैठ कोर्ट में वकीलों की ऑनलाइन सुनवाई व्यवस्था करने का सुझाव दिया.

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बैठक में वरिष्ठ उपाध्यक्ष मनोज कुमार मिश्र, उपाध्यक्ष नीरज कुमार त्रिपाठी, सुरेन्द्र नाथ मिश्र, धर्मेन्द्र सिंह यादव, सत्यम पांडेय व श्यामा चरन त्रिपाठी संयुक्त सचिव प्रशासन संजय सिंह सोमवंशी, संयुक्त सचिव, लाइब्रेरी यादवेश यादव, संयुक्त सचिव महिला ऊष्मा मिश्रा, कोषाध्यक्ष अरुण कुमार सिंह और गवर्निंग काउंसिल सदस्य पूजा सिंह, प्रियंका शर्मा, अन्नपूर्णा सिंह चंदेल, राखी कुमारी, अनुज कुमार सिंह, जितेन्द्र सिंह, दिलीप कुमार यादव, अनुराग शुक्ल, अभिषेक तिवारी, सैयद फैज हसनैन, अखिलेश कुमार शुक्ल, हरि मोहन केसरवानी, दीपांकर द्विवेदी, मानव चौरसिया एवं विक्रान्त नीरज उपस्थित रहे.

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