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रमजान के महीने में गुलजार रहता है बाजार, रोजेदारों की उमड़ती है भीड़ - allahabad news

रमजान का महीना चल रहा है. हर तरफ बाजार रोजेदारों के लिए लजीज पकवानों से सजा हुआ है. इसी तरह शहर का घंटा-घर चौराहा भी रोजेदारों के लिए सजा हुआ है, जहां की फुलौरी और दही बड़ा रोजेदारों को काफी भाता है. दूर-दराज ले लोग आकर फुलौरी और दही-बड़े का लुत्फ उठाते हैं.

रमजान के महीने में गुलजार रहता है बाजार
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Published : May 18, 2019, 4:59 AM IST

प्रयागराज : रमजान के महीने में खुदा की बेशुमार रहमत रोजेदारों पर बरसती है. ईद के दस्तक देते ही शहर का घंटा-घर चौक और कई ऐसे स्पॉट हैं, जो सुबह से लेकर शाम तक गुलजार रहते हैं. शाम होते ही बाजार में रोजेदारों की भीड़ जमा होती है और रोजेदार नमाज पढ़कर इफ्तार करते हैं.

इस दिनों घंटा-घर चौराहा और रोशन बाग के रोड पर दुकानें सजी हुई है. यहां पकोड़े, खस्ता, पापड़ी, दही बड़ा और फल-फ्रूट की भी दुकानें रोजेदारों के लिए पूरे माह लगाई जाती है.

रमजान के महीने में गुलजार रहता है बाजार

रमजान के महीने में रोजेदारों के लिए गुलजार रहता है बाजार

  • रमजान के महीने में रोजेदार पर बरसती है खुदा की रहमत.
  • शहर का घंटा-घर चौक सुबह से लेकर शाम तक रहता है गुलजार.
  • शाम होते ही इन बाजारों में जमा होती है रोजेदारों की भीड़.
  • बाजारों मे रोजेदारों के लिए दही-बड़ा, खस्ता, पापड़ी और पकोड़े जैसे पकवान बनते हैं.


60 सालों से रमजान के पाक महीने में रोजेदारों के लिए फुलौरी की दुकाने लगाता हूं, बाकि 11 महीने हमारी दुकान नहीं लगती है. पहले यह दुकान मेरे पिता लगाते थे और अब मैं लगाता हूं. शाम को यहां रोजेदारों की भीड़ जमा हो जाती है और छह बजे तक हमारा सारा सामान बिक जाता है.
गुलाम अहमद, दुकानदार

50 साल से रमजान के महीने में रोजेदारों के लिए हमारी दही-बड़ा की दुकान लग रही है. पूरे माह हमारे यहां रोजेदार आते हैं और रोजा तोड़ने के लिए दही-बड़ा यहां से लेकर जाते हैं. हम रोजेदारों के लिए लिए दही बड़ा, पकौड़ी, दही, छोले और चना बनाते हैं.
समीम, दुकानदार

प्रयागराज : रमजान के महीने में खुदा की बेशुमार रहमत रोजेदारों पर बरसती है. ईद के दस्तक देते ही शहर का घंटा-घर चौक और कई ऐसे स्पॉट हैं, जो सुबह से लेकर शाम तक गुलजार रहते हैं. शाम होते ही बाजार में रोजेदारों की भीड़ जमा होती है और रोजेदार नमाज पढ़कर इफ्तार करते हैं.

इस दिनों घंटा-घर चौराहा और रोशन बाग के रोड पर दुकानें सजी हुई है. यहां पकोड़े, खस्ता, पापड़ी, दही बड़ा और फल-फ्रूट की भी दुकानें रोजेदारों के लिए पूरे माह लगाई जाती है.

रमजान के महीने में गुलजार रहता है बाजार

रमजान के महीने में रोजेदारों के लिए गुलजार रहता है बाजार

  • रमजान के महीने में रोजेदार पर बरसती है खुदा की रहमत.
  • शहर का घंटा-घर चौक सुबह से लेकर शाम तक रहता है गुलजार.
  • शाम होते ही इन बाजारों में जमा होती है रोजेदारों की भीड़.
  • बाजारों मे रोजेदारों के लिए दही-बड़ा, खस्ता, पापड़ी और पकोड़े जैसे पकवान बनते हैं.


60 सालों से रमजान के पाक महीने में रोजेदारों के लिए फुलौरी की दुकाने लगाता हूं, बाकि 11 महीने हमारी दुकान नहीं लगती है. पहले यह दुकान मेरे पिता लगाते थे और अब मैं लगाता हूं. शाम को यहां रोजेदारों की भीड़ जमा हो जाती है और छह बजे तक हमारा सारा सामान बिक जाता है.
गुलाम अहमद, दुकानदार

50 साल से रमजान के महीने में रोजेदारों के लिए हमारी दही-बड़ा की दुकान लग रही है. पूरे माह हमारे यहां रोजेदार आते हैं और रोजा तोड़ने के लिए दही-बड़ा यहां से लेकर जाते हैं. हम रोजेदारों के लिए लिए दही बड़ा, पकौड़ी, दही, छोले और चना बनाते हैं.
समीम, दुकानदार

Intro:प्रयागराज: रमजान के एक माह तक गुलजार रहती है शहर के ये स्पॉट

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प्रयागराज: रमजान के पूरे एक माह खुदा की बेशुमार रहमतें बरस ही रही हैं. इसके साथ ही इस पाक माह में तमाम जरूरतमंदों के लिए रोजी के मौक़े भी लेकर आया है. ईद के दस्तक देते ही शहर के घंटा घर चौक और कई ऐसे स्पॉट हैं जो सुबह से लेकर शाम तक गुलजार रहता है. हर तरफ रोजेदारों के लिए मौसमी बाजार सज कर तैयार है. शाम होते ही इस बाजार में रोजेदारों की भीड़ जमा होती है. हर कोई खाने पीने का आइटम खरीदकर नमाज पढ़कर सफ्तारी करता है. इसी तरह पूरे माह रोजेदार इन दुकानों पर शाम होते ही खरीदारी करने के लिए पहुंचते हैं.


Body:रोड पर सजी है दुकानें

इस दिनों घंटा घर चौराहे और रोशन बाग के रोड पर दुकानें सजी हुई है. इसमें पकोड़े की दुकानें, खस्ता, पपड़ी, दही बड़ा और फल फ्रूट की भी दुकानें रोजेदारों के लिए पूरे माह लगाई गई है.

दुकानदार गुलाम अहमद का कहना है कि 60 सालों से रमजान के पाक महीने में रोजेदारों केलिए फालौरी की दुकानें लगाया करता हूँ. इसके पहले हमारे पिता जी लगते थे और इस दुकान को हम लगते हैं. रमजान के महीने में ही यह दुकान लगाया करता हूँ उसके बाद पूरे 11 महीना दुकान नहीं लगता हूँ. शाम होते ही यहां रोजेदारों की भीड़ खरीदारी के लिए जमा हो जाते हैं. इसके साथ हमारी फालौरी खाने के लिए बाहर से भी रोजेदार आते हैं.



Conclusion:50 सालों से लगता हूँ रोजेदारों के लिए दही-बड़ा

दुकानदार मो. समीम का कहना है कि 50 सालों से हर साल रमजान महीने में रोजेदारों के लिए दही बड़ा की दुकान लगाया करता हूँ. पूरे माह हमारे यहां रोजेदार आते हैं और रोजा तोड़ने के लिए दही-बड़ा लेकर जाते हैं. समीम बताते हैं कि इसके पहले मेरे अब्बू रमजान माह में दुकान लगते थे अब उनकी जगह हर साल रमजान के महीने दुकान लगाया करता हूँ. रोजेदारों के लिए दही बड़ा, पकौड़ी दही, छोले और मसाला चना रखता हूँ.
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