प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शनिवार को सपा सांसद आजम खां की जमानत अर्जी पर सुनवाई करने के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया. आजम खां के वकीलों व सरकारी वकील की दलीलें सुनने के बाद जस्टिस राहुल चतुर्वेदी की बेंच ने फैसला सुरक्षित किया है. उम्मीद की जा रही है कि इस मामले में अगले सप्ताह कोर्ट अपना फैसला दे सकती है.
इस मामले में सपा सांसद को अगर हाईकोर्ट जमानत दे भी देती है, तब भी वो जेल से बाहर नहीं आ सकेंगे. सीतापुर जेल में बंद आजम खां पर कई अन्य मामले भी दर्ज हैं. सपा सांसद आजम खां (SP MP Azam Khan) के वकीलों ने इस आरोपों को बेबुनियाद बताया और कोर्ट में कहा कि उनको राजनीतिक कारणों से फंसाया गया है.
वहीं सरकार वकील ने कहा कि आजम खां ने अवैध तरीके से शत्रु संपत्ति को कब्जा किया है. यही नहीं शत्रु संपत्ति को कब्जा कर जौहर विश्विद्यालय के परिसर में नियम विरुद्ध तरीके से शामिल किया गया है. कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया. अदालत का फैसला अगले हफ्ते आने की उम्मीद है.
सपा सांसद आजम खां पर रामपुर स्थित जौहर यूनिवर्सिटी के लिए शत्रु संपत्ति कब्जा करने आरोप है. यह संपत्ति 13.842 हेक्टेअर है. इसे रामपुर के इमामुद्दीन कुरैशी की दर्शाया गया है, जो विभाजन के समय पाकिस्तान चले गए थे. इस तरह उनकी संपत्ति को सरकार ने अपने कब्जे में ले लिया था.
यह शत्रु संपत्ति के रूप में दर्ज है. शिकायत पर जांच हुई, तो पता चला कि यहां इमामुद्दीन कुरैशी नाम का कोई व्यक्ति नहीं रहता था. इस नाम के व्यक्ति लखनऊ के कोतवाली सआदत गंज क्षेत्र में दीनदयाल रोड स्थित मोहल्ला अशर्फाबाद में रहते थे, जो विभाजन के बाद पाकिस्तान चले गए. जब वह मूल रूप से लखनऊ के रहने वाले थे, तो उनके नाम पर रामपुर में संपत्ति कहां से आ गई और किस तरह राजस्व अभिलेखों में अंकित भी हो गई.
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