प्रयागराज: मातृत्व अवकाश के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को महिला कर्मचारियों को बड़ी राहत दी. हाईकोर्ट ने कहा कि किसी महिला कर्मचारी को दो साल में दो मातृत्व अवकाश का लाभ न देना कानून के खिलाफ है. कोर्ट ने कहा कि मातृत्व लाभ अधिनियम में ऐसी कोई बंदिश नहीं है कि दो साल के बाद ही मातृत्व अवकाश का लाभ दिया जाए. यह लाभ दो साल के अंदर भी दिया जा सकता है.
कोर्ट ने फिरोजाबाद बेसिक शिक्षा अधिकारी के दो साल के भीतर मातृत्व अवकाश देने से इंकार के आदेश को रद्द कर दिया. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि याची को दूसरे मातृत्व अवकाश का लाभ दिया जाए. साथ ही इस दौरान उसे वेतन सहित अन्य लाभ प्रदान किए जाएं. यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने फिरोजाबाद के उच्च प्राथमिक विद्यालय नगला बालू में तैनात सहायक अध्यापिका सुनीता यादव की याचिका को स्वीकार करते हुए गुरुवार को दिया.
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याची ने 2020 में 180 दिनों का वैतनिक मातृत्व अवकाश लिया था, जिसके बाद याची ने दूसरे मातृत्व अवकाश के लिए मई 2022 में बीएसए को आवेदन किया था. बीएसए ने याची के आवेदन को इस आधार पर निरस्त कर दिया कि दो मातृत्व अवकाशों के मध्य दो साल का अंतराल जरूरी है. न्यायालय में बीएसए के आदेश को रद्द करते हुए याची को 180 दिनों का वैतनिक मातृत्व अवकाश देने का आदेश दिया.
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