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UP Elections Result 2022: नेहरू के गढ़ प्रयागराज में कांग्रेस हुई पस्त, पढ़िए पूरी खबर - congress defeated in prayagraj

यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में नेहरू के गढ़ प्रयागराज में कांग्रेस की हालत पस्त हो गयी. चुनाव के नतीजे आने के बाद लोग कांग्रेस के आस्तित्व को लेकर सवाल खड़े करने लगे हैं.

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प्रयागराज में कांग्रेस की हालत पस्त
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Published : Mar 11, 2022, 4:45 PM IST

प्रयागराज: धर्म और आध्यात्म की नगरी प्रयागराज कांग्रेस का गढ़ रही है. पंडित जवाहरलाल नेहरू से लेकर इंदिरा गांधी तक ने राजनीति का ककहरा संगम की धरती से ही सीखा और देश के प्रधानमंत्री की कुर्सी संभाली. कांग्रेस के राज में प्रयागराज से देश की राजनीति को दिशा दी जाती थी. संगम नगरी को नेहरू-गांधी की धरती भी कहा जाता है.

यूपी विधानसभा चुनाव में नेहरू के उसी गढ़ में आज कांग्रेस का नाम लेने वाले लोग भी गिनती के बचे हुए हैं. प्रयागराज में कांग्रेस के आस्तित्व को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं. यहां 12 विधानसभा सीट हैं. इलाहाबाद उत्तरी विधानसभा सीट के कांग्रेस प्रत्याशी अनुग्रह नारायण सिंह को यूपी कांग्रेस के दिग्गजों में गिना जाता था. इस बार के चुनाव परिणाम अनुग्रह नारायण सिंह के लिये भी चौंकाने वाले थे, क्योंकि इस बार उनकी जमानत जब्त हो गयी. यहां भाजपा के विजयी प्रत्याशी हर्ष वर्धन बाजपेयी को 96 हजार से अधिक वोट मिले. वहीं कांग्रेस के अनुग्रह नारायण सिंह मात्र 23,517 वोट ही हासिल कर सके. सपा के उम्मीदवार संदीप यादव को 42,007 वोट मिले.


अनुग्रह नारायण सिंह शुरू से ही इसे अपना आखिरी चुनाव बता रहे थे. इस बार की हार उनके राजनीतिक करियर की सबसे बड़ी हार रही. इस चुनाव के पहले वो जब भी हारे तो दूसरे स्थान पर रहते थे. इस बार अनुग्रह नारायण सिंह के साथ ही अन्य सीटों पर चुनाव लड़ रहे कांग्रेस के बाकी 11 उम्मीदवारों की भी जमानत जब्त हो गयी.
ये भी पढ़ें- UP Election 2022: योगी कैबिनेट के सारे मंत्री लखनऊ बुलाए गए, आखिरी मीटिंग आज होगी...

प्रयागराज की 12 विधानसभा सीटों में से नौ सीटों पर कांग्रेस के प्रत्याशियों को चार हजार से भी कम वोट मिले. इनमें तीन सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवार दो हजार से कम वोट पा सके हैं. वहीं दो सीटों पर कांग्रेस के प्रत्याशियों से ज्यादा वोट नोटा को मिले. जिले की शहर उत्तरी और कोरांव दो ऐसी विधानसभा सीटें हैं, जहां के प्रत्याशी 23 हजार और 21 हजार मतों का आंकड़ा पार कर पाए.

इन दो सीटों के अलावा करछना विधानसभा सीट एक मात्र ऐसी सीट है, जहां के प्रत्याशी को 4330 वोट मिले. बाकी नौ सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवारों को 1400 से लेकर 3400 वोट ही हासिल कर सके.

किस विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी को कितने वोट मिले
कांग्रेस प्रत्याशी को बारा में 3431, कोरांव में 21,450, मेजा में 1547, फाफामऊ में 2372, शहर पश्चिमी में 2278, शहर दक्षिणी में 2091, शहर उत्तरी में 23,362, प्रतापपुर में 2957, हंडिया में 1428, सोरांव में 2020, फूलपुर में 1626 और करछना में 4330 वोट मिले.

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प्रयागराज: धर्म और आध्यात्म की नगरी प्रयागराज कांग्रेस का गढ़ रही है. पंडित जवाहरलाल नेहरू से लेकर इंदिरा गांधी तक ने राजनीति का ककहरा संगम की धरती से ही सीखा और देश के प्रधानमंत्री की कुर्सी संभाली. कांग्रेस के राज में प्रयागराज से देश की राजनीति को दिशा दी जाती थी. संगम नगरी को नेहरू-गांधी की धरती भी कहा जाता है.

यूपी विधानसभा चुनाव में नेहरू के उसी गढ़ में आज कांग्रेस का नाम लेने वाले लोग भी गिनती के बचे हुए हैं. प्रयागराज में कांग्रेस के आस्तित्व को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं. यहां 12 विधानसभा सीट हैं. इलाहाबाद उत्तरी विधानसभा सीट के कांग्रेस प्रत्याशी अनुग्रह नारायण सिंह को यूपी कांग्रेस के दिग्गजों में गिना जाता था. इस बार के चुनाव परिणाम अनुग्रह नारायण सिंह के लिये भी चौंकाने वाले थे, क्योंकि इस बार उनकी जमानत जब्त हो गयी. यहां भाजपा के विजयी प्रत्याशी हर्ष वर्धन बाजपेयी को 96 हजार से अधिक वोट मिले. वहीं कांग्रेस के अनुग्रह नारायण सिंह मात्र 23,517 वोट ही हासिल कर सके. सपा के उम्मीदवार संदीप यादव को 42,007 वोट मिले.


अनुग्रह नारायण सिंह शुरू से ही इसे अपना आखिरी चुनाव बता रहे थे. इस बार की हार उनके राजनीतिक करियर की सबसे बड़ी हार रही. इस चुनाव के पहले वो जब भी हारे तो दूसरे स्थान पर रहते थे. इस बार अनुग्रह नारायण सिंह के साथ ही अन्य सीटों पर चुनाव लड़ रहे कांग्रेस के बाकी 11 उम्मीदवारों की भी जमानत जब्त हो गयी.
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प्रयागराज की 12 विधानसभा सीटों में से नौ सीटों पर कांग्रेस के प्रत्याशियों को चार हजार से भी कम वोट मिले. इनमें तीन सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवार दो हजार से कम वोट पा सके हैं. वहीं दो सीटों पर कांग्रेस के प्रत्याशियों से ज्यादा वोट नोटा को मिले. जिले की शहर उत्तरी और कोरांव दो ऐसी विधानसभा सीटें हैं, जहां के प्रत्याशी 23 हजार और 21 हजार मतों का आंकड़ा पार कर पाए.

इन दो सीटों के अलावा करछना विधानसभा सीट एक मात्र ऐसी सीट है, जहां के प्रत्याशी को 4330 वोट मिले. बाकी नौ सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवारों को 1400 से लेकर 3400 वोट ही हासिल कर सके.

किस विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी को कितने वोट मिले
कांग्रेस प्रत्याशी को बारा में 3431, कोरांव में 21,450, मेजा में 1547, फाफामऊ में 2372, शहर पश्चिमी में 2278, शहर दक्षिणी में 2091, शहर उत्तरी में 23,362, प्रतापपुर में 2957, हंडिया में 1428, सोरांव में 2020, फूलपुर में 1626 और करछना में 4330 वोट मिले.

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