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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कनिष्ठ अभियंताओं का मानदेय बढ़ाने के लिए कमेटी बनाने का दिया आदेश - ग्रामीण विकास विभाग प्रमुख सचिव

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार को ग्रामीण विकास विभाग प्रमुख सचिव को संविदा पर काम करने वाले कनिष्ठ अभियंताओं का मानदेय बढ़ाने पर विचार करने के लिए नई कमेटी गठित करने का आदेश दिया.

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इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश
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Published : Apr 11, 2022, 6:56 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मनरेगा के तहत लोक निर्माण विभाग और पंचायती राज विभाग में समान कार्य-समान वेतन की तर्ज पर संविदा पर काम कर रहे कनिष्ठ अभियंताओं को स्थायी अभियंताओं के बराबर वेतन देने की मांग खारिज कर दी. अदालत ने कहा कि याचियों को दिये जा रहे प्रतिमाह 8 हजार रुपये मानदेय में बढ़ोतरी की जानी चाहिए.

कोर्ट ने ग्रामीण विकास विभाग प्रमुख सचिव को मानदेय बढ़ाने पर विचार करने के लिए नई कमेटी गठित करने का आदेश दिया. अदालत ने कहा कि कमेटी छह हफ्ते में फैसला करे और 8 हफ्ते में कोर्ट में रिपोर्ट पेश करें. गठित कमेटी की रिपोर्ट पर कोर्ट 27 मई को विचार करेगी. कोर्ट ने प्रमुख सचिव को हाजिर होने का भी आदेश दिया.

ये भी पढ़ें- दुष्कर्म पीड़ित ने अस्पताल में तोड़ा दम, मौत के पहले आरोपियों के खिलाफ दिया बयान

यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने सोनभद्र के विमल तिवारी और 16 अन्य याचिकाओं की एक साथ सुनवाई करते हुए दिया. याचियों की नियुक्ति मनरेगा के अंतर्गत संविदा पर कनिष्ठ अभियंता और तकनीकी सहायक पद पर की गई थी. पहले प्रतिमाह 4 हजार मानदेय था, जो अब बढ़कर 8 हजार रुपए हो गया है.

इस पर कोर्ट ने सोमवार को ग्रामीण विकास विभाग प्रमुख सचिव को संविदा पर काम करने वाले कनिष्ठ अभियंताओं का मानदेय बढ़ाने पर विचार करने के लिए नई कमेटी गठित करने का आदेश दिया.

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प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मनरेगा के तहत लोक निर्माण विभाग और पंचायती राज विभाग में समान कार्य-समान वेतन की तर्ज पर संविदा पर काम कर रहे कनिष्ठ अभियंताओं को स्थायी अभियंताओं के बराबर वेतन देने की मांग खारिज कर दी. अदालत ने कहा कि याचियों को दिये जा रहे प्रतिमाह 8 हजार रुपये मानदेय में बढ़ोतरी की जानी चाहिए.

कोर्ट ने ग्रामीण विकास विभाग प्रमुख सचिव को मानदेय बढ़ाने पर विचार करने के लिए नई कमेटी गठित करने का आदेश दिया. अदालत ने कहा कि कमेटी छह हफ्ते में फैसला करे और 8 हफ्ते में कोर्ट में रिपोर्ट पेश करें. गठित कमेटी की रिपोर्ट पर कोर्ट 27 मई को विचार करेगी. कोर्ट ने प्रमुख सचिव को हाजिर होने का भी आदेश दिया.

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यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने सोनभद्र के विमल तिवारी और 16 अन्य याचिकाओं की एक साथ सुनवाई करते हुए दिया. याचियों की नियुक्ति मनरेगा के अंतर्गत संविदा पर कनिष्ठ अभियंता और तकनीकी सहायक पद पर की गई थी. पहले प्रतिमाह 4 हजार मानदेय था, जो अब बढ़कर 8 हजार रुपए हो गया है.

इस पर कोर्ट ने सोमवार को ग्रामीण विकास विभाग प्रमुख सचिव को संविदा पर काम करने वाले कनिष्ठ अभियंताओं का मानदेय बढ़ाने पर विचार करने के लिए नई कमेटी गठित करने का आदेश दिया.

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