प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ऑनर किलिंग के आरोप में जेल में बंद आरोपी की जमानत मंजूर करते हुए आजाद भारत के 75 साल बीत जाने के बाद भी जाति प्रथा जैसी कुरीति समाज में अभी भी हावी रहने पर गम्भीर टिप्पणी की. कोर्ट ने कहा कि जाति प्रथा समाज में गहरी जड़ें जमा चुका है. लोग अपने को शिक्षित समाज में होने का डींग तो हांकते है, परन्तु दोहरा जीवन स्तर जी रहे हैं.
ऑनर किलिंग पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आगे कहा कि आजादी के 75 वर्ष बाद भी हम इस सामाजिक कुरीति से बाहर नहीं आ सके हैं. यह आदेश न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी ने ऑनर किलिंग मामले में बंद याची सनी सिंह की जमानत मंजूर करते हुए दिया है. याची को अनीस कुमार की ऑनर किलिंग मामले में अभियुक्त बनाया गया है.
शिकायतकर्ता का छोटा भाई अनीस कुमार अनुसूचित जाति का था. वह ग्राम पंचायत अधिकारी था. उसकी दिन-दहाड़े 15 सितम्बर 2021 को एक षडयंत्र के तहत 17 आदमियों के समूह ने हत्या की गई थी. कहा गया है कि उसकी गलती इतनी थी कि ट्रेनिंग के दौरान उसके साथ प्रशिक्षण ले रही लड़की से उसकी घनिष्टता बढ़ गई. उसने रजामंदी से उसके साथ शादी कर ली. लड़की के घर वाले इस शादी से नाखुश थे. उन्होंने उसकी दिन-दहाड़े हत्या कर दी.
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याची के वकील का कहना था कि लड़की के नजदीकी व खून का सम्बन्ध रखने वाले आरोपियों की जमानत मंजूर हो गई है. याची का लड़की से न तो कोई सम्बन्ध है और न ही उसका इस अपराध को कारित करने में कोई हाथ है. यहां तक कि लड़की ने अपने 161 दंड प्रक्रिया संहिता के अंतर्गत दिए बयान में याची के सम्बन्ध में कुछ भी नहीं कहा है. कोर्ट ने इसके बाद याची की जमानत मंजूर कर ली.
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