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अंतिम परीक्षा परिणाम घोषित होने पर ही जारी होगी उत्तर कुंजी, कोर्ट ने आयोग से मांगा हलफनामा

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Published : Feb 14, 2022, 11:00 PM IST

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उत्तर कुंजी जारी करने के नये प्रस्ताव की प्रति के साथ लोक सेवा आयोग को संक्षिप्त जवाबी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है.

हाईकोर्ट,.
हाईकोर्ट,.

प्रयागराज: उप्र लोक सेवा आयोग ने कहा है कि अंतिम परीक्षा परिणाम घोषित होने के बाद ही उत्तर कुंजी जारी की जाती है. प्रारंभिक परीक्षा परिणाम के बाद उत्तर कुंजी जारी करने का नियम अब बदल गया है. इस पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने नये प्रस्ताव की प्रति के साथ लोक सेवा आयोग को संक्षिप्त जवाबी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है. याचिका की सुनवाई 22 फरवरी को होगी. यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा ने रश्मी मिश्रा की याचिका पर दिया है. याची का कहना है कि पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा 2019-20 का परिणाम घोषित किया जा चुका है. 29 अगस्त 14 के आयोग के प्रस्ताव के तहत परिणाम घोषित होने के बाद उत्तर कुंजी जारी की जानी चाहिए. इस पर आयोग के अधिवक्ता ने बताया कि 2014 के प्रस्ताव के स्थान पर नया प्रस्ताव लागू किया गया है. अब अंतिम परिणाम घोषित होने के बाद ही उत्तर कुंजी जारी की जाएगी.

गंगा- यमुना प्रदूषण मामले की सुनवाई 3 मार्च को
इलाहाबाद हाईकोर्ट में गंगा, यमुना प्रदूषण मामले को लेकर दाखिल जनहित याचिकाओं की अगली सुनवाई तीन मार्च को होगी. याची अधिवक्ता श्रीवास्तव ने माघ मेला में गंगा जल काला होने को लेकर हलफनामा दाखिल कर स्नान लायक पानी उपलब्ध कराने की मांग की. याचिका की सुनवाई कर रही मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल, न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता तथा न्यायमूर्ति अजित कुमार की पूर्णपीठ ने अब तक दाखिल विभागवार हलफनामों को एक साथ टैग करने का निर्देश दिया है. ताकि एक बिंदु पर हर विभाग का पक्ष देखने में आसानी हो और केस की बिंदुवार सुनवाई सुगम हो सके. कोर्ट ने गंगा प्रदूषण मामले के साथ संलग्न कई याचिकाओं को अलग कर दिया, कुछ निस्तारित कर दी.

इसे भी पढ़ें-हाईकोर्ट ने निठारी कांड पीड़ितों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट दाखिल करने का सीबीआई को दिया आदेश

कोर्ट ने कहा कि एक ही मामले में भिन्न-भिन्न याचिकाओं के बजाय एक याचिका की सुनवाई करने से समाधान में आसानी होगी.याचिका की सुनवाई के दौरान न्यायमित्र वरिष्ठ अधिवक्ता अरुण कुमार गुप्ता, याची अधिवक्ता विजय चंद्र श्रीवास्तव, सुनीता शर्मा, शैलेश सिंह,भारत सरकार के अधिवक्ता राजेश त्रिपाठी, उप्र जल निगम व विश्वनाथ कारीडोर के वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश पाण्डेय, राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता नीरज त्रिपाठी, अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता शशांक शेखर सिंह, नगर निगम प्रयागराज के अधिवक्ता एस डी कौटिल्य, पीडीए के वरिष्ठ अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी, विभू राय, कोर्ट में मौजूद थे.

प्रयागराज: उप्र लोक सेवा आयोग ने कहा है कि अंतिम परीक्षा परिणाम घोषित होने के बाद ही उत्तर कुंजी जारी की जाती है. प्रारंभिक परीक्षा परिणाम के बाद उत्तर कुंजी जारी करने का नियम अब बदल गया है. इस पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने नये प्रस्ताव की प्रति के साथ लोक सेवा आयोग को संक्षिप्त जवाबी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है. याचिका की सुनवाई 22 फरवरी को होगी. यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा ने रश्मी मिश्रा की याचिका पर दिया है. याची का कहना है कि पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा 2019-20 का परिणाम घोषित किया जा चुका है. 29 अगस्त 14 के आयोग के प्रस्ताव के तहत परिणाम घोषित होने के बाद उत्तर कुंजी जारी की जानी चाहिए. इस पर आयोग के अधिवक्ता ने बताया कि 2014 के प्रस्ताव के स्थान पर नया प्रस्ताव लागू किया गया है. अब अंतिम परिणाम घोषित होने के बाद ही उत्तर कुंजी जारी की जाएगी.

गंगा- यमुना प्रदूषण मामले की सुनवाई 3 मार्च को
इलाहाबाद हाईकोर्ट में गंगा, यमुना प्रदूषण मामले को लेकर दाखिल जनहित याचिकाओं की अगली सुनवाई तीन मार्च को होगी. याची अधिवक्ता श्रीवास्तव ने माघ मेला में गंगा जल काला होने को लेकर हलफनामा दाखिल कर स्नान लायक पानी उपलब्ध कराने की मांग की. याचिका की सुनवाई कर रही मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल, न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता तथा न्यायमूर्ति अजित कुमार की पूर्णपीठ ने अब तक दाखिल विभागवार हलफनामों को एक साथ टैग करने का निर्देश दिया है. ताकि एक बिंदु पर हर विभाग का पक्ष देखने में आसानी हो और केस की बिंदुवार सुनवाई सुगम हो सके. कोर्ट ने गंगा प्रदूषण मामले के साथ संलग्न कई याचिकाओं को अलग कर दिया, कुछ निस्तारित कर दी.

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कोर्ट ने कहा कि एक ही मामले में भिन्न-भिन्न याचिकाओं के बजाय एक याचिका की सुनवाई करने से समाधान में आसानी होगी.याचिका की सुनवाई के दौरान न्यायमित्र वरिष्ठ अधिवक्ता अरुण कुमार गुप्ता, याची अधिवक्ता विजय चंद्र श्रीवास्तव, सुनीता शर्मा, शैलेश सिंह,भारत सरकार के अधिवक्ता राजेश त्रिपाठी, उप्र जल निगम व विश्वनाथ कारीडोर के वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश पाण्डेय, राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता नीरज त्रिपाठी, अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता शशांक शेखर सिंह, नगर निगम प्रयागराज के अधिवक्ता एस डी कौटिल्य, पीडीए के वरिष्ठ अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी, विभू राय, कोर्ट में मौजूद थे.

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