अलीगढ़: शिक्षक और स्नातक एमएलसी चुनाव के दौरान अलीगढ़ में मतदान की रफ्तार सुस्त दिखी. आगरा खंड स्नातक एमएलसी चुनाव के लिए अलीगढ़ में कुल 47,532 वोटर हैं. जिसमें शाम चार बजे तक सिर्फ 16,137 वोटर्स ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. वहीं आगरा खंड शिक्षक एमएलसी चुनाव के लिए अलीगढ़ में 4264 मतदाता हैं. जिनमें से 2,848 लोगों ने शाम चार बजे तक मतदान किया.
एमएलसी चुनाव के लिए डाले गए वोट मतदान केंद्र पर कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन मतदान केंद्रों पर कोविड-19 प्रोटोकॉल का पूरी तरीके से पालन किया गया. मतदान करने से पहले लोगों का हाथ सेनिटाइज कराया गया. साथ ही बिना मास्क के लोगों को मतदान केंद्र में जाने की इजाजत नहीं दी जा रही है. अलीगढ़ में एमएलसी चुनाव के लिए कुल 91 मतदान केंद्र बनाए गए हैं. अधिकारी लगातार इन मतदान केंद्रों का निरीक्षण कर रहे हैं. ताकि मतदान शांतिपूर्वक संपन्न हो सकें.
मतदान केंद्रों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम स्नातक एमएलसी के कुल 22 और शिक्षक एमएलसी के 17 प्रत्याशी मैदान मेंएमएलसी चुनाव के लिए आगरा खंड क्षेत्र के 12 जिलों में मतदान हो रहा है. जिसमें अलीगढ़ जिले के चार प्रत्याशी मैदान में है. वहीं आगरा खंड में स्नातक एमएलसी के लिए कुल 22 और शिक्षक एमएलसी के कुल 17 प्रत्याशी मैदान में है. जिले में स्नातक एमएलसी चुनाव के लिए 74 और शिक्षक एमएलसी चुनाव के 17 बूथ बनाए गए हैं.
मतदान केंद्रों का निरीक्षण करते अधिकारी स्नातक एमएलसी चुनाव में आगरा खंड से अलीगढ़ के रहने वाले डॉ मानवेंद्र प्रताप सिंह को बीजेपी ने मैदान में उतारा है. वहीं शिक्षक एमएलसी चुनाव के लिए माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रत्याशी जगबीर किशोर जैन पांचवीं बार चुनाव मैदान में हैं. इसके साथ ही शिक्षक एमएलसी के लिए सपा की तरफ से देवेंद्र सिंह चुनाव मैदान में हैं. वहीं शिक्षक संगठनों की तरफ से डॉ. अनूप शर्मा ताल ठोक रहे हैं. ये तीनों भी प्रत्याशी भी अलीगढ़ के रहने वाले हैं.
मतदान के लिए लाइन में लगे मतदाता एमएलसी चुनाव में बेरोजगारी बड़ा मुद्दा
इस बारे के एमएलसी चुनाव में बेरोजगारी एक बड़ा मुद्दा है. जिसको लेकर लोग वोट डाल रहे हैं. बहुत से स्नातक आज बेरोजगार घूम रहे हैं. ऐसे उनके सामने बेरोजगारी एक बड़ा मुद्दा है. वोट देकर आए नासिर खान ने कहा कि बेरोजगारी एक बीमारी है, एक समस्या है और इस चुनाव में एक बड़ा मुद्दा है. लोग चाहते हैं कि वो शिक्षक और स्नातक एमएलसी विधान परिषद पहुंचे, जो बेरोजगारों की आवाज उठाए.
मतदान केंद्रों का जायजा लेते अधिकारी वहीं, मतदान करने वाले धर्मेंद्र सारस्वत ने कहा कि,जो ग्रेजुएट बेरोजगार हैं. उनको नौकरिया मिलें. यूपी पीसीएस में बहुत अनियमितताएं हैं. विधान परिषद में ही मुद्दों को उठाकर अनियमितता को खत्म किया जा सकता है. राजस्थान और मध्य प्रदेश में पीसीएस की परीक्षा में यूपी के लोगों पर पाबंदी लगा दी गई. ऐसे में यूपी पीसीएस में भी बाहर के राज्यों के लोगों पर पाबंदी होनी चाहिए. दूसरे राज्यों में पीसीएस परीक्षा देने के लिए उम्र सीमा 42 वर्ष है. लेकिन यूपी में 40 साल है. ऐसे मुद्दे विधानसभा में उठाने पर यूपी के लोगों को राहत मिल सकती है.