अलीगढ़: वाणिज्यकर विभाग की विशेष अनुसंधान शाखा (SIB) ने मेटल कारोबारी के यहां छापा मारा. अफसरों की दस घंटे की चली जांच में पता चला कि फर्म मालिक फर्जी फर्मों से खरीद दिखाकर 50 लाख रुपये की इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) हड़पी गई है. मौके पर मिले माल के खरीद- बिक्री के दस्तावेज न दिखाने पर 20 लाख रुपये का माल सीज किया गया है. फर्जी फर्म का यह कारोबार थाना सासनी गेट के जयगंज स्थित घास की मंडी में चल रहा था.
वाणिज्यक विभाग के एडिशनल कमिश्नर ग्रेड वन व एडिशनल कमिश्नर एसआइबी अनूप माहेश्वरी ने फर्जी फर्म दर्शाकर आइटीसी हड़पने वाले संगठित गिरोह के सदस्यों के खिलाफ मुहिम छेड़ रखी है. पिछले दिनों आइटीआई रोड स्थित इंडस्ट्री एस्टेट स्थित मेटल जान नाम की फर्म पर एसआईबी ने छापा मारा था. सर्वे के दौरान टीम को बड़ी तादाद में संदिग्ध प्रपत्र मिले थे. संगठित गिरोह फर्जी फर्म बनाकर माल के बिना आवागमन के आईटीसी का दावा करते हैं.
इन संदिग्ध प्रपत्रों में फहद मेटल वर्क्स की भी कच्ची पर्चियां मिली थीं. टीम का नेतृत्व कर रहे डिप्टी कमिश्नर पंकज सिंह ने बताया कि खुफिया तंत्र से मिली जानकारी पर फहद मेटल वर्क्स पर टीम ने छापा मारा. फर्म परिसर को चारों ओर से घेर कर रखा गया. गेट पर अधिकारी व पुलिस कर्मी तैनात किये गये. मौके पर फर्म मालिक नासिर के छोटे भाई राशिद खां मिले. जांच में जब संतोष जनक जवाब नहीं दे सके, तो नासिर खान भी पहुंच गये. नासिर ने दिल्ली स्थित श्रीराम ट्रेडिंग कंपनी व मथुरा स्थित क्रिस्टल मेटल सैल्युशन से ब्रास स्क्रेप की खरीद दर्शायी थी. जांच में यह दोनों ही फर्म अस्तित्वहीन मिली.
पंकज सिंह ने बताया कि मौके पर करीब तीन हजार कुंतल ब्रास इंगट, 520 किलोग्राम ब्रास स्क्रेप, 55 किलोग्राम जिंक इंगट, 60 किलोग्राम जिंक स्क्रेप व 550 पैक बोरियम पाउडर मिला है. इस माल की खरीद बिक्री के बिल व बिल्टी न दिखाने पर इस माल को सीज कर दिया गया है. इसकी कीमत करीब 20 लाख रुपये है. हालांकि जांच अभी भी जारी है. फर्म मालिक को उनका पक्ष रखने के लिए नोटिस दिया गया है. धातुओं की खरीद फरोख्त में कई अन्य फर्मों पर गाज गिर सकती है. फहद मेटल वर्क्स की प्रारंभिक जांच में 50 लाख रुपये की फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट(ITC) लेने का मामला पकड़ में आया है.
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