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टाइप-2 डायबिटिज रोगियों में हृदय रोगों के पूर्वानुमान हुआ आसान, AMU की नई रिसर्च का पेटेंट

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (Aligarh Muslim University) की रिसर्च टीम ने विकसित की नई प्रणाली. AMU की नई रिसर्च से टाइप-2 डायबिटिज रोगियों में हृदय रोगों के पूर्वानुमान हुआ आसान.

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय नई रिसर्च
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय नई रिसर्च
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Published : Dec 9, 2021, 8:48 PM IST

अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (Aligarh Muslim University) की रिसर्च टीम ने एक नई प्रणाली (AMU New Research) विकसित की है, जो टाइप-2 डायबिटिज रोगियों के लिए हृदय रोगों के पूर्वानुमान लगाने में सक्षम है. इस रिसर्च टीम में स्टेटिस्टिक्स एंड आपरेशन रिसर्च के शिक्षक डॉ. फैज नूर खान यूसुफी और प्रोफेसर अकील अहमद (अध्यक्ष) और राजीव गांधी सेंटर फार डायबिटीज एंड एंडोक्रिनोलाजी, जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कालेज के सेवानिवृत्त पूर्व निदेशक प्रोफेसर जमाल अहमद शामिल हैं.


उनकी इनोवेशन, 'भारतीय टाइप-2 डायबिटिज रोगियों के लिए हृदय रोग की दोहरी माडल-आधारित प्रारंभिक भविष्यवाणी के लिए प्रणाली और विधि', जिसे हाल ही में पेटेंट आयुक्त, आस्ट्रेलियाई सरकार ने पेटेंट कराया है. इस रोग के पूर्वानुमान में कार्डियोलॉजिस्टस और एंडोक्रिनोलॉजिस्टस की क्षमताओं को बढ़ाएंगा. डायबिटिज के रोगियों में हृदय संबंधी समस्याओं का पूर्वानुमान, ऐसे रोगियों में हृदय की जटिलताओं को रोकने के लिए शीघ्र उपचारात्मक उपायों का मार्ग प्रशस्त करता है.



आविष्कार के प्रभाव के बारे में प्रोफेसर अकील अहमद ने कहा कि दो जोखिम पूर्वानुमान मॉडल विकसित किए गए हैं, जो टाइप-2 डायबिटिज के कारण हृदय रोग की जटिलताओं की पांच साल की घटनाओं की संभावनाओं का अनुमान प्रदान करते हैं. उन्होंने कहा कि आज की दुनिया में इनोवेशन अधिक महत्वपूर्ण है. डायबिटिज से पीड़ित लोगों में हृदय संबंधी समस्याएं विकसित हो रही हैं. जब दुनिया भर के वैज्ञानिक इलाज सम्बन्धी तकनीकों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जो यह बताती हैं कि समय के साथ हृदय रोग कैसे विकसित होते हैं.

ये भी पढ़ें- प्रयागराज में अक्षयवट खुलवाने में बिपिन रावत की थी अहम भूमिका: सिद्धार्थ नाथ सिंह


डॉ. फैज नूर खान युसूफी ने कहा कि यह मॉडल डाक्टरों और मरीजों दोनों को दिल की बीमारियों की नियमित निगरानी करने, मौत के जोखिम को कम करने और हृदय संबंधी कारणों से अस्पताल में भर्ती के समय मदद करेगा. यह आविष्कार डायबिटिज की देखभाल के लिए एक नई संभावना भी प्रदान करता है और बीमारी के प्रबंधन के लिए एक सस्ता और आर्थिक रूप से उचित विकल्प प्रदान करता है.



प्रोफेसर जमाल अहमद ने कहा कि ऐसे समय में जब हमें दिल की बीमारियों की भविष्यवाणी में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग को प्रयोग करने के लिए एक लंबा रास्ता तय करना है. यह आविष्कार निश्चित रूप से लोगों की दिल की बीमारियों के बारे में सोचने के तरीके को बदल देगा. यह दीर्घकालिक उपचारों के मूल्यांकन की सुविधा प्रदान करेगा और टाइप-2 डायबिटिज के लोगों के लिए उपचार प्रतिक्रियाओं की निगरानी करने में चिकित्सकों की मदद करेगा.

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अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (Aligarh Muslim University) की रिसर्च टीम ने एक नई प्रणाली (AMU New Research) विकसित की है, जो टाइप-2 डायबिटिज रोगियों के लिए हृदय रोगों के पूर्वानुमान लगाने में सक्षम है. इस रिसर्च टीम में स्टेटिस्टिक्स एंड आपरेशन रिसर्च के शिक्षक डॉ. फैज नूर खान यूसुफी और प्रोफेसर अकील अहमद (अध्यक्ष) और राजीव गांधी सेंटर फार डायबिटीज एंड एंडोक्रिनोलाजी, जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कालेज के सेवानिवृत्त पूर्व निदेशक प्रोफेसर जमाल अहमद शामिल हैं.


उनकी इनोवेशन, 'भारतीय टाइप-2 डायबिटिज रोगियों के लिए हृदय रोग की दोहरी माडल-आधारित प्रारंभिक भविष्यवाणी के लिए प्रणाली और विधि', जिसे हाल ही में पेटेंट आयुक्त, आस्ट्रेलियाई सरकार ने पेटेंट कराया है. इस रोग के पूर्वानुमान में कार्डियोलॉजिस्टस और एंडोक्रिनोलॉजिस्टस की क्षमताओं को बढ़ाएंगा. डायबिटिज के रोगियों में हृदय संबंधी समस्याओं का पूर्वानुमान, ऐसे रोगियों में हृदय की जटिलताओं को रोकने के लिए शीघ्र उपचारात्मक उपायों का मार्ग प्रशस्त करता है.



आविष्कार के प्रभाव के बारे में प्रोफेसर अकील अहमद ने कहा कि दो जोखिम पूर्वानुमान मॉडल विकसित किए गए हैं, जो टाइप-2 डायबिटिज के कारण हृदय रोग की जटिलताओं की पांच साल की घटनाओं की संभावनाओं का अनुमान प्रदान करते हैं. उन्होंने कहा कि आज की दुनिया में इनोवेशन अधिक महत्वपूर्ण है. डायबिटिज से पीड़ित लोगों में हृदय संबंधी समस्याएं विकसित हो रही हैं. जब दुनिया भर के वैज्ञानिक इलाज सम्बन्धी तकनीकों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जो यह बताती हैं कि समय के साथ हृदय रोग कैसे विकसित होते हैं.

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डॉ. फैज नूर खान युसूफी ने कहा कि यह मॉडल डाक्टरों और मरीजों दोनों को दिल की बीमारियों की नियमित निगरानी करने, मौत के जोखिम को कम करने और हृदय संबंधी कारणों से अस्पताल में भर्ती के समय मदद करेगा. यह आविष्कार डायबिटिज की देखभाल के लिए एक नई संभावना भी प्रदान करता है और बीमारी के प्रबंधन के लिए एक सस्ता और आर्थिक रूप से उचित विकल्प प्रदान करता है.



प्रोफेसर जमाल अहमद ने कहा कि ऐसे समय में जब हमें दिल की बीमारियों की भविष्यवाणी में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग को प्रयोग करने के लिए एक लंबा रास्ता तय करना है. यह आविष्कार निश्चित रूप से लोगों की दिल की बीमारियों के बारे में सोचने के तरीके को बदल देगा. यह दीर्घकालिक उपचारों के मूल्यांकन की सुविधा प्रदान करेगा और टाइप-2 डायबिटिज के लोगों के लिए उपचार प्रतिक्रियाओं की निगरानी करने में चिकित्सकों की मदद करेगा.

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