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टिकट चेकिंग के नाम पर यात्री टीटी से करते हैं अभद्रता - रेलवे पुलिस

अलीगढ़ जंक्शन पर टीटी का कहना है कि यात्री उनसे अभद्रता और लड़ाई झगड़ा करते हैं. सफर करने वाले यात्रियों से टिकट चेक करने में टीटी को काफी मशक्कत उठानी पड़ती है. रेलवे विभाग में आरपीएफ और जीआरपी पुलिस होने के बावजूद भी टीटी के अनुसार उनको अकेले ही यात्रियों से जूझना पड़ता है.

अलीगढ़ जंक्शन पर यात्री टीटी से करते हैं अभद्रता
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Published : Feb 24, 2019, 11:28 PM IST

अलीगढ़: उत्तर मध्य रेलवे अलीगढ़ जंक्शन पर टीटी के अनुसार टिकट चेकिंग के दौरान ट्रेन में यात्री उनसे अभद्रता करते हैं. जंक्शन से होकर निकलने वाली सभी लोकल ट्रेन और सुपरफास्ट ट्रेनों में डेली सफर करने वाले यात्रियों से टिकट चेक करने में टीटी को काफी मशक्कत उठानी पड़ती है. जंक्शन से सैकड़ों की संख्या में सरकारी और प्राइवेट जॉब करने वाले यात्री दिल्ली की तरफ जाते हैं. ट्रेन में स्टूडेंट और यात्रियों की गुटबाजी के चलते टिकट चेकिंग करने पर टीटी के सामने उनका मजाक उड़ाते हैं.

टीटी के अनुसार उनके साथ अभद्रता और लड़ाई झगड़ा करना यात्रियों के लिए आम बात हो गयी है. रेलवे विभाग में आरपीएफ और जीआरपी पुलिस होने के बावजूद भी टीटी को यात्रियों से अकेले ही जूझना पड़ता है. टीटी से जानकारी के अनुसार रेलवे पुलिस से उनको कोई मदद नहीं मिलती. यात्रियों की इस हरकत को देखते हुए रेलवे विभाग की ओर से टीटी की सुरक्षा पर कई सवाल खड़े होते हैं.

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अलीगढ़ जंक्शन पर यात्री टीटी से करते हैं अभद्रता

जंक्शन से होकर दिल्ली की तरफ जाने वाली ईएमयू पैसेंजर और सुपरफास्ट ट्रेनों में सैकड़ों की संख्या में यात्री रोजाना सफर करते हैं. अलीगढ़ जंक्शन के मुख्य निरीक्षक का कहना है कि कई बार यात्री टीटी से मारपीट करने पर भी उतारु हो जाते हैं लेकिन फिर भी रेलवे पुलिस की तरफ से कोई सहयोग नहीं मिलता. निरीक्षक प्रवीण कुमार ने बताया कि जहां छात्रों का ग्रुप चलता है वहां दिक्कतें ज्यादा आती हैं क्योंकि ग्रुप स्टूडेंट के प्रतिदिन टिकट बनाने में परेशानी होती है.

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अलीगढ़: उत्तर मध्य रेलवे अलीगढ़ जंक्शन पर टीटी के अनुसार टिकट चेकिंग के दौरान ट्रेन में यात्री उनसे अभद्रता करते हैं. जंक्शन से होकर निकलने वाली सभी लोकल ट्रेन और सुपरफास्ट ट्रेनों में डेली सफर करने वाले यात्रियों से टिकट चेक करने में टीटी को काफी मशक्कत उठानी पड़ती है. जंक्शन से सैकड़ों की संख्या में सरकारी और प्राइवेट जॉब करने वाले यात्री दिल्ली की तरफ जाते हैं. ट्रेन में स्टूडेंट और यात्रियों की गुटबाजी के चलते टिकट चेकिंग करने पर टीटी के सामने उनका मजाक उड़ाते हैं.

टीटी के अनुसार उनके साथ अभद्रता और लड़ाई झगड़ा करना यात्रियों के लिए आम बात हो गयी है. रेलवे विभाग में आरपीएफ और जीआरपी पुलिस होने के बावजूद भी टीटी को यात्रियों से अकेले ही जूझना पड़ता है. टीटी से जानकारी के अनुसार रेलवे पुलिस से उनको कोई मदद नहीं मिलती. यात्रियों की इस हरकत को देखते हुए रेलवे विभाग की ओर से टीटी की सुरक्षा पर कई सवाल खड़े होते हैं.

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अलीगढ़ जंक्शन पर यात्री टीटी से करते हैं अभद्रता

जंक्शन से होकर दिल्ली की तरफ जाने वाली ईएमयू पैसेंजर और सुपरफास्ट ट्रेनों में सैकड़ों की संख्या में यात्री रोजाना सफर करते हैं. अलीगढ़ जंक्शन के मुख्य निरीक्षक का कहना है कि कई बार यात्री टीटी से मारपीट करने पर भी उतारु हो जाते हैं लेकिन फिर भी रेलवे पुलिस की तरफ से कोई सहयोग नहीं मिलता. निरीक्षक प्रवीण कुमार ने बताया कि जहां छात्रों का ग्रुप चलता है वहां दिक्कतें ज्यादा आती हैं क्योंकि ग्रुप स्टूडेंट के प्रतिदिन टिकट बनाने में परेशानी होती है.

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Intro:गांव में मार्ग प्रकाश की व्यवस्था हेतु लगाई गई स्ट्रीट लाइट देखरेख के अभाव में बदहाल हो गई हैं जिम्मेदार मौन।


Body:वीओ,1. मार्ग प्रकाशित प्रकाश हेतु गांव में लगाई गई स्ट्रीट लाइट ज्यादातर बदहाल हो चली है ग्रामीणों के मुताबिक काफी दिन पहले लगाई गई लाइटें कुछ दिन तो जली लेकिन जब वह खराब हुई कब से कोई भी उन लाइटों को देखने नहीं आया।

बाईट,1 ग्रामीण अशोक ने बताया कि करीब 2 साल पहले लाइट लगी थी कुछ दिन तो वह सुरक्षित जली लेकिन करीब 6 माह बाबू खराब हो गई और जब से खराब हो गई है तब से वह खराब ही पड़ी इसकी शिकायत की गई लेकिन वह लाइटे पुनः जलना शुरू नहीं हुई।

बाईट,2 ग्रामीण दीपक नहीं बताया यह लाइट लगने के बाद करीब 1 साल तक सही जली लेकिन फिर खराब हो गई लेकिन ग्रामीणों ने मिलकर ठीक करवाया तो 6 माह तक फिर जली लेकिन अब वह खराब हो गई।

ग्रामीणों के मुताबिक ठेकेदारी प्रथा से लगी है लाइटें गुणवत्ता परक नहीं जिससे यह जल्दी ही खराब हो जाती है वहीं कुछ गांवों में तो लाइट ए परमानेंट जल्दी ही रहती हैं लापरवाह संस्था ने स्ट्रीट लाइट लगाते समय किसी की भी जिम्मेदारी नहीं तय की।



Conclusion:गांव में लगी स्ट्रीट लाइटें ज्यादा से ज्यादा बदहाल हो गई कुछ गांव में जागरूक ग्रामीणों द्वारा सही करवा कर मार्ग प्रकाश का कार्य कर रहे लेकिन क्षेत्र में लगी ज्यादातर स्ट्रीट लाइटें देखरेख के अभाव में बदहाल हो गई।
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