ETV Bharat / city

सपा के पूर्व विधायक वीरेश यादव को मारपीट मामले में एमपी एमएलए कोर्ट ने भेजा जेल - प्रमुख सचिव गृह

समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक वीरेश यादव ने बुधवार को कोर्ट में सरेंडर कर दिया. 25 साल पुराने 307 के मामले में कोर्ट में उपस्थित न होने के कारण कुर्की का नोटिस जारी किया गया था जिसके बाद अतरौली से सपा के पूर्व विधायक वीरेश यादव ने कोर्ट में आत्मसमर्पण किया है.

etv bharat
पूर्व विधायक वीरेश यादव
author img

By

Published : May 4, 2022, 7:48 PM IST

अलीगढ़: समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक वीरेश यादव (Former MLA Viresh Yadav) ने बुधवार को कोर्ट में सरेंडर कर दिया. 25 साल पुराने 307 के मामले में कोर्ट में उपस्थित न होने के कारण कुर्की का नोटिस जारी किया गया था. इसके बाद अतरौली से सपा के पूर्व विधायक वीरेश यादव (Former SP MLA from Atrauli) ने कोर्ट में आत्मसमर्पण किया है. इस दौरान कोर्ट परिसर में उनके सैकड़ों समर्थकों की भीड़ लगी रही. कचहरी परिसर में पुलिस फोर्स भी तैनात की गई थी. वीरेश यादव समाजवादी पार्टी से तीन बार विधायक रह चुके हैं. इस बार 2022 के विधान सभा चुनाव में कल्याण सिंह के पुत्र संदीप सिंह ने उन्हें हराया है.

एडीजीसी कुलदीप तोमर

पूर्व विधायक वीरेश यादव को एमपी-एमएलए कोर्ट (MP MLA Court) ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. वीरेश यादव के खिलाफ 25 साल पुराने दो अलग-अलग मुकदमे कोर्ट में चल रहे थे. कोर्ट ने गिरफ्तारी के आदेश जारी किए थे लेकिन कोर्ट में हाजिर न होने पर कुर्की का आदेश दिया गया था. इसके बाद वीरेश यादव खुद ही कोर्ट में सरेंडर हो गए. एमपी-एमएलए की कोर्ट ने पूर्व विधायक को 14 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा है. वहीं, पूर्व विधायक वीरेश यादव के अधिवक्ता की ओर से दाखिल बेल अर्जी पर 9 मई की सुनवाई तिथि निश्चित की गई है.

इसे भी पढ़ेंः ललितपुर कांड: पीड़िता से जिला अस्पताल में मिले अखिलेश यादव

पूर्व विधायक वीरेश यादव पर दादो थाने में सन 1997 और 1998 में दो अलग-अलग मुकदमे दर्ज हुए थे. इसमें जानलेवा हमले की धारा का मामला था. इन मुकदमों की सुनवाई एमपी-एमएलए कोर्ट एडीजे फोर्थ मनीषा के यहां हो रही है. हालांकि कोर्ट से वीरेश यादव को हाजिर होने के लिए वारंट जारी किए गए थे. वहीं, हाजिर न होने पर कोर्ट ने कुर्की का नोटिस जारी किया था.

यह नोटिस थाना पुलिस ने तामिल भी करा दिया था. इसके बाद भी पूर्व विधायक वीरेश यादव हाजिर नहीं हुए थे. वहीं, प्रमुख सचिव गृह और डीजीसी को अदालत स्तर से पत्र लिखकर गैर जमानती वारंट जारी किया गया. इन पत्रों के उल्लेख में कहा गया कि पूर्व विधायक वीरेश यादव बहुत प्रभावशाली राजनीतिक व्यक्ति है. पुलिस इन्हें अदालत तक नहीं ला पा रही है. इन्हें गिरफ्तार कराकर कोर्ट में पेश किया जाए. वहीं, वीरेश यादव ने इस मामले में सितंबर 2021 में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी लेकिन कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी.

एडीजीसी कुलदीप तोमर के अनुसार दोनों मुकदमों में 26 अप्रैल को धारा 83 के तहत कुर्की के आदेश जारी हुए थे. वहीं, 7 मई को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने का आदेश जारी किया गया था. पुलिस को भी निर्देश दिए गए थे. इससे पहले वीरेश यादव ने कोर्ट पहुंचकर सरेंडर कर दिया.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

अलीगढ़: समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक वीरेश यादव (Former MLA Viresh Yadav) ने बुधवार को कोर्ट में सरेंडर कर दिया. 25 साल पुराने 307 के मामले में कोर्ट में उपस्थित न होने के कारण कुर्की का नोटिस जारी किया गया था. इसके बाद अतरौली से सपा के पूर्व विधायक वीरेश यादव (Former SP MLA from Atrauli) ने कोर्ट में आत्मसमर्पण किया है. इस दौरान कोर्ट परिसर में उनके सैकड़ों समर्थकों की भीड़ लगी रही. कचहरी परिसर में पुलिस फोर्स भी तैनात की गई थी. वीरेश यादव समाजवादी पार्टी से तीन बार विधायक रह चुके हैं. इस बार 2022 के विधान सभा चुनाव में कल्याण सिंह के पुत्र संदीप सिंह ने उन्हें हराया है.

एडीजीसी कुलदीप तोमर

पूर्व विधायक वीरेश यादव को एमपी-एमएलए कोर्ट (MP MLA Court) ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. वीरेश यादव के खिलाफ 25 साल पुराने दो अलग-अलग मुकदमे कोर्ट में चल रहे थे. कोर्ट ने गिरफ्तारी के आदेश जारी किए थे लेकिन कोर्ट में हाजिर न होने पर कुर्की का आदेश दिया गया था. इसके बाद वीरेश यादव खुद ही कोर्ट में सरेंडर हो गए. एमपी-एमएलए की कोर्ट ने पूर्व विधायक को 14 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा है. वहीं, पूर्व विधायक वीरेश यादव के अधिवक्ता की ओर से दाखिल बेल अर्जी पर 9 मई की सुनवाई तिथि निश्चित की गई है.

इसे भी पढ़ेंः ललितपुर कांड: पीड़िता से जिला अस्पताल में मिले अखिलेश यादव

पूर्व विधायक वीरेश यादव पर दादो थाने में सन 1997 और 1998 में दो अलग-अलग मुकदमे दर्ज हुए थे. इसमें जानलेवा हमले की धारा का मामला था. इन मुकदमों की सुनवाई एमपी-एमएलए कोर्ट एडीजे फोर्थ मनीषा के यहां हो रही है. हालांकि कोर्ट से वीरेश यादव को हाजिर होने के लिए वारंट जारी किए गए थे. वहीं, हाजिर न होने पर कोर्ट ने कुर्की का नोटिस जारी किया था.

यह नोटिस थाना पुलिस ने तामिल भी करा दिया था. इसके बाद भी पूर्व विधायक वीरेश यादव हाजिर नहीं हुए थे. वहीं, प्रमुख सचिव गृह और डीजीसी को अदालत स्तर से पत्र लिखकर गैर जमानती वारंट जारी किया गया. इन पत्रों के उल्लेख में कहा गया कि पूर्व विधायक वीरेश यादव बहुत प्रभावशाली राजनीतिक व्यक्ति है. पुलिस इन्हें अदालत तक नहीं ला पा रही है. इन्हें गिरफ्तार कराकर कोर्ट में पेश किया जाए. वहीं, वीरेश यादव ने इस मामले में सितंबर 2021 में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी लेकिन कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी.

एडीजीसी कुलदीप तोमर के अनुसार दोनों मुकदमों में 26 अप्रैल को धारा 83 के तहत कुर्की के आदेश जारी हुए थे. वहीं, 7 मई को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने का आदेश जारी किया गया था. पुलिस को भी निर्देश दिए गए थे. इससे पहले वीरेश यादव ने कोर्ट पहुंचकर सरेंडर कर दिया.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.