ETV Bharat / city

गाय के गोबर की ईंट से बनेंगे मकान, हर मौसम में रहने के लिए होंगे अनुकूल

अलीगढ़ में गोबर की ईंट तैयार की जा रही हैं. अलीगढ़ मोहनपुर गौशाला में देसी गाय के गोबर से ईंट बनायी जा रही हैं. यहां गौशाला संचालक को दूसरे राज्यों से भी इन ईंटों के ऑर्डर मिल रहे हैं.

cow dung bricks in aligarh
cow dung bricks in aligarh
author img

By

Published : Dec 9, 2021, 5:00 PM IST

अलीगढ़: इगलास थाना क्षेत्र के हाथरस रोड पर स्थित मोहनपुर गौशाला में देसी गाय के गोबर से ईंट बनायी जा रही हैं. जल्द ही कंक्रीट की जगह देसी गाय के गोबर की ईंटों से बनी इमारत खड़ी देखी जा सकेंगी. इन ईंटों से बने भवन हर मौसम के अनुकूल होंगे.

जानकारी देते गौशाला संचालक सत्यनारायण



पुराने जमाने के घर मौसम के अनुकूल हुआ करते थे, क्योंकि उनके ऊपर गोबर की परत होती थी. विज्ञान की तरक्की के साथ, ऐसे घर दिखना बंद हो गए थे. इनकी जगह कंक्रीट से बनी ईंटों की इमारतों ने ले ली. अब जल्द ही कंक्रीट की जगह देसी गाय के गोबर की ईंटों से बनी इमारतें खड़ी देखी जा सकेंगी. अलीगढ़ जिले की तहसील इगलास क्षेत्र में स्थित गौ सेवा समिति मोहनपुर गौशाला में गाय के गोबर से ईंट तैयार की जा रही हैं.

गाय के गोबर से बनायी जा रहीं ईंट
गाय के गोबर से बनायी जा रहीं ईंट

गौ सेवा समिति के संचालक शेष पाल उर्फ सत्य नारायण ने बताया अभी तक हम डीएम के निर्देश पर गोकास्ट बना रहे थे. तीन-चार साल से ये श्मशान घाट और हवन सामग्री के लिए जा रहा था. अभी हाल ही में राजस्थान और हरियाणा से प्रशिक्षण लेकर देशी गाय के गोबर से ईंट बनानी शुरू की हैं. इसमें कुछ केमिकल ऐसे हैं, जो हर मौसम में ईंट अनुकूल रहेगी. ये ईंटें न तो बारिश में गलेंगी और न इनमें आग लगेगी. जल्द ही गोबर की ईंट से घर बनेंगे.

गाय के गोबर से बनायी जा रहीं ईंट
गाय के गोबर से बनायी जा रहीं ईंट

सत्य नारायण ने कहा कि ईंट को तैयार करने में करीब चार रुपए का खर्चा आता हैं. अच्छी तरह से धूप निकलती है, तो एक ईंट 6 से 7 दिन में तैयार हो जाती है. सूखने के बाद ईंट का वजन 400 से 500 ग्राम तक रह जाता है. इसकी मोटाई और लंबाई सामान्य ईंट के बराबर रखी गई है. अभी मथुरा रमणरेती से 50 हजार ईटों का ऑर्डर आया है. लगभग इस समय 10 हजार ईंट हमारे पास बनी हुई रखी हैं. अभी हम मशीन न होने की वजह से ऑर्डर के हिसाब से ईंटों का निर्माण नहीं हो पा रहा है.

ये भी पढ़ें- प्रयागराज में अक्षयवट खुलवाने में बिपिन रावत की थी अहम भूमिका: सिद्धार्थ नाथ सिंह


गो सेवा समिति के संचालक सत्यनारायण ने कहा आगे वो देसी गाय के गोबर से धूपबत्ती, स्वास्तिक, ओम, वैदिक सीमेंट तैयार करने की भी योजना है. दिवाली पर अयोध्या राम जन्मभूमि और मथुरा- वृंदावन के लिए दीपक तैयार करने हैं.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

अलीगढ़: इगलास थाना क्षेत्र के हाथरस रोड पर स्थित मोहनपुर गौशाला में देसी गाय के गोबर से ईंट बनायी जा रही हैं. जल्द ही कंक्रीट की जगह देसी गाय के गोबर की ईंटों से बनी इमारत खड़ी देखी जा सकेंगी. इन ईंटों से बने भवन हर मौसम के अनुकूल होंगे.

जानकारी देते गौशाला संचालक सत्यनारायण



पुराने जमाने के घर मौसम के अनुकूल हुआ करते थे, क्योंकि उनके ऊपर गोबर की परत होती थी. विज्ञान की तरक्की के साथ, ऐसे घर दिखना बंद हो गए थे. इनकी जगह कंक्रीट से बनी ईंटों की इमारतों ने ले ली. अब जल्द ही कंक्रीट की जगह देसी गाय के गोबर की ईंटों से बनी इमारतें खड़ी देखी जा सकेंगी. अलीगढ़ जिले की तहसील इगलास क्षेत्र में स्थित गौ सेवा समिति मोहनपुर गौशाला में गाय के गोबर से ईंट तैयार की जा रही हैं.

गाय के गोबर से बनायी जा रहीं ईंट
गाय के गोबर से बनायी जा रहीं ईंट

गौ सेवा समिति के संचालक शेष पाल उर्फ सत्य नारायण ने बताया अभी तक हम डीएम के निर्देश पर गोकास्ट बना रहे थे. तीन-चार साल से ये श्मशान घाट और हवन सामग्री के लिए जा रहा था. अभी हाल ही में राजस्थान और हरियाणा से प्रशिक्षण लेकर देशी गाय के गोबर से ईंट बनानी शुरू की हैं. इसमें कुछ केमिकल ऐसे हैं, जो हर मौसम में ईंट अनुकूल रहेगी. ये ईंटें न तो बारिश में गलेंगी और न इनमें आग लगेगी. जल्द ही गोबर की ईंट से घर बनेंगे.

गाय के गोबर से बनायी जा रहीं ईंट
गाय के गोबर से बनायी जा रहीं ईंट

सत्य नारायण ने कहा कि ईंट को तैयार करने में करीब चार रुपए का खर्चा आता हैं. अच्छी तरह से धूप निकलती है, तो एक ईंट 6 से 7 दिन में तैयार हो जाती है. सूखने के बाद ईंट का वजन 400 से 500 ग्राम तक रह जाता है. इसकी मोटाई और लंबाई सामान्य ईंट के बराबर रखी गई है. अभी मथुरा रमणरेती से 50 हजार ईटों का ऑर्डर आया है. लगभग इस समय 10 हजार ईंट हमारे पास बनी हुई रखी हैं. अभी हम मशीन न होने की वजह से ऑर्डर के हिसाब से ईंटों का निर्माण नहीं हो पा रहा है.

ये भी पढ़ें- प्रयागराज में अक्षयवट खुलवाने में बिपिन रावत की थी अहम भूमिका: सिद्धार्थ नाथ सिंह


गो सेवा समिति के संचालक सत्यनारायण ने कहा आगे वो देसी गाय के गोबर से धूपबत्ती, स्वास्तिक, ओम, वैदिक सीमेंट तैयार करने की भी योजना है. दिवाली पर अयोध्या राम जन्मभूमि और मथुरा- वृंदावन के लिए दीपक तैयार करने हैं.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.