अलीगढ़: AMU टीचर एसोसिएशन के चुनाव स्थगित करने को लेकर छात्रसंघ के पूर्व उपाध्यक्ष मोहम्मद नदीम अंसारी (AMU Students Union Mohammad Nadeem Ansari) का बयान आया है. उन्होंने कहा कि एक महिला का अमुटा का अध्यक्ष बनना पुरुष प्रोफेसरों को भा नहीं रहा है.
छात्रसंघ के पूर्व उपाध्यक्ष मोहम्मद नदीम अंसारी (AMU Students Union Mohammad Nadeem Ansari) ने कहा कि बैलेट पेपर छप गये थे और आज वोट पड़ने थे. लेकिन चुनावी प्रक्रिया का पालन नहीं होने पर स्थगित कर दिया गया. इतिहास रचने से पहले ही अमूटा के चुनाव टाल दिये गये. वहीं, मुख्य चुनाव अधिकारी प्रोफेसर मुजाहिद बेग ने भी इस्तीफा दे दिया.
AMU के पूर्व छात्र संघ उपाध्यक्ष मोहम्मद नदीम अंसारी ने बताया कि AMUTA का चुनाव कैंसल होने की वजह कुछ और नहीं, सिर्फ एक महिला की सदारत को कुबूल नहीं करना है, क्योंकि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के मेल प्रोफेसर कभी यह बर्दाश्त नहीं कर सकते थे कि AMUTA की प्रेसिडेंट एक महिला बने. इतिहास विभाग की प्रोफेसर चांदनी सिर्फ अकेली प्रेसीडेंटशिप कैंडिडेट थीं. जिन्होंने आवेदन किया था. वहीं, अब दूसरा कोई मेल प्रोफेसर उनके खिलाफ खड़ा करना चाहते हैं.
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नदीम अंसारी (AMU Students Union Mohammad Nadeem Ansari) ने कहा कि मेरा सवाल है कि क्या अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में महिला होना गुनाह है. क्या अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी एक महिला को चुनाव लड़ने की आजादी नहीं देती है. महिला हमारे देश की राष्ट्रपति बन सकती है, लेकिन AMUTA की प्रेसिडेंट एक महिला नहीं बन सकती.
AMU छात्रसंघ के पूर्व उपाध्यक्ष नदीम अंसारी ने सवाल उठाया है कि क्या अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (Aligarh Muslim University) में यहां की पुरुष वादी सोच के प्रोफेसर एक महिला कुलपति को बर्दास्त कर पाएंगे? हालांकि, टीचिंग समुदाय में AMU प्रशासन के खिलाफ बोलने के लिए कोई आगे नहीं आ रहा है. वहीं, दबीं जुबान में एएमयू इंतजामियां का विरोध किया जा रहा है.
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