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सऊदी के प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान को डी.लिट की उपाधि देगा AMU, केंद्र सरकार से मांगी अनुमति

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Published : Jul 11, 2022, 12:18 PM IST

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (Aligarh Muslim University) ने सऊदी के प्रिंस मोहम्‍मद बिन सलमान को डी.लिट की मानद उपाधि देने के लिए भारत सरकार से अनुमति मांगी है.

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अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय

अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय इंतजामियां ने एक ख्वाहिश जाहिर की है. उन्होंने कहा है कि इस बार विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह का आयोजन किया जाएगा. वो उसमें सऊदी अरब के किंग मोहम्मद बिन सलमान को डी. लिट की मानद उपाधि देना चाहते हैं.

अलीगढ़ विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने 10 जुलाई को इस बात की पुष्टि की थी. उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय ने सऊदी अरब के शहजादे मोहम्मद बिन सलमान को डी.लिट (डॉक्टर आफ लेटर्स) की मानद उपाधि देने की इच्छा जाहिर की है. इसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने भारत सरकार से अनुमति मांगी है. वहीं, इसके लिए विदेश मंत्रालय और शिक्षा मंत्रालय से पत्राचार चल रहा है.

अपने प्रस्ताव में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा कि सऊदी अरब के प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के वैश्विक मामलों में दिए गए योगदान और उनकी सेवाओं को देखते हुए उन्हें डीलिट की उपाधि से सम्मानित करना चाहते हैं. यह केंद्रीय विश्वविद्यालय अभी तक अलग-अलग क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान करने वाले शिक्षकों को डीलिट की उपाधि दे चुका है.

यह भी पढ़े: लखनऊ: मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आज ED के सामने पेश होंगे अब्दुल्ला आजम


बता दें, कि पहली बार विदेश मंत्रालय को पिछले साल सितंबर में अलीगढ़ विश्वविद्यालय (एएमयू) का प्रस्ताव मिला था. उसके बाद उन विदेशी गणमान्य लोगों की सूची मांगी गई थी, जिन्हें विश्वविद्यालय ने अपनी स्थापना के बाद से मानद डिग्री दी हैं. वहीं, विश्वविद्यालय ने अक्टूबर 2021 में ही केंद्र को गणमान्य व्यक्तियों की सूची भेजी थी. एक बार फिर से विश्वविद्यालय ने अपने प्रस्ताव को लेकर विदेश मंत्रालय से अनुमति मांगी है. इस मामले में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जनसंपर्क विभाग के मेंबर इंचार्ज प्रोफेसर साफे किदवई ने बताया कि विदेश मंत्रालय से क्रॉउन प्रिंस को डीलिट की मानद उपाधि प्रदान करने की परमिशन मांगी गई है.

दिसंबर 2020 में एएमयू के शताब्दी समारोह कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल हुए थे और तभी उन्होंने इस्लामी देशों के साथ बेहतर संबंधों को बढ़ावा देने की दिशा में भारत की स्थिति में एएमयू की भूमिका की सराहना की थी. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय ने 1955 में सऊदी किंग सऊद बिन अब्दुल अजीज को डीलिट की उपाधि से सम्मानित किया था. वहीं, 1958 में पश्चिम जर्मनी के पूर्व चांसलर लुडविंग एरहाद, 1960 में मिस्र के पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल नासिर, 1952 में पूर्व अमेरिकी प्रथम महिला एलेनोर रुजवेल्ट, 1983 में मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कयूम, 2005 में ईरान सांसद के पूर्व अध्यक्ष घोलम अली हदेद अदेल, 2016 में जापानी भौतिक विज्ञानी और नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर तकाकी काजिता के साथ ही दलाई लामा को मानद डॉक्टरेट उपाधि से सम्मानित किया जा चुका है.

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अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय इंतजामियां ने एक ख्वाहिश जाहिर की है. उन्होंने कहा है कि इस बार विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह का आयोजन किया जाएगा. वो उसमें सऊदी अरब के किंग मोहम्मद बिन सलमान को डी. लिट की मानद उपाधि देना चाहते हैं.

अलीगढ़ विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने 10 जुलाई को इस बात की पुष्टि की थी. उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय ने सऊदी अरब के शहजादे मोहम्मद बिन सलमान को डी.लिट (डॉक्टर आफ लेटर्स) की मानद उपाधि देने की इच्छा जाहिर की है. इसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने भारत सरकार से अनुमति मांगी है. वहीं, इसके लिए विदेश मंत्रालय और शिक्षा मंत्रालय से पत्राचार चल रहा है.

अपने प्रस्ताव में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा कि सऊदी अरब के प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के वैश्विक मामलों में दिए गए योगदान और उनकी सेवाओं को देखते हुए उन्हें डीलिट की उपाधि से सम्मानित करना चाहते हैं. यह केंद्रीय विश्वविद्यालय अभी तक अलग-अलग क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान करने वाले शिक्षकों को डीलिट की उपाधि दे चुका है.

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बता दें, कि पहली बार विदेश मंत्रालय को पिछले साल सितंबर में अलीगढ़ विश्वविद्यालय (एएमयू) का प्रस्ताव मिला था. उसके बाद उन विदेशी गणमान्य लोगों की सूची मांगी गई थी, जिन्हें विश्वविद्यालय ने अपनी स्थापना के बाद से मानद डिग्री दी हैं. वहीं, विश्वविद्यालय ने अक्टूबर 2021 में ही केंद्र को गणमान्य व्यक्तियों की सूची भेजी थी. एक बार फिर से विश्वविद्यालय ने अपने प्रस्ताव को लेकर विदेश मंत्रालय से अनुमति मांगी है. इस मामले में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जनसंपर्क विभाग के मेंबर इंचार्ज प्रोफेसर साफे किदवई ने बताया कि विदेश मंत्रालय से क्रॉउन प्रिंस को डीलिट की मानद उपाधि प्रदान करने की परमिशन मांगी गई है.

दिसंबर 2020 में एएमयू के शताब्दी समारोह कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल हुए थे और तभी उन्होंने इस्लामी देशों के साथ बेहतर संबंधों को बढ़ावा देने की दिशा में भारत की स्थिति में एएमयू की भूमिका की सराहना की थी. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय ने 1955 में सऊदी किंग सऊद बिन अब्दुल अजीज को डीलिट की उपाधि से सम्मानित किया था. वहीं, 1958 में पश्चिम जर्मनी के पूर्व चांसलर लुडविंग एरहाद, 1960 में मिस्र के पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल नासिर, 1952 में पूर्व अमेरिकी प्रथम महिला एलेनोर रुजवेल्ट, 1983 में मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कयूम, 2005 में ईरान सांसद के पूर्व अध्यक्ष घोलम अली हदेद अदेल, 2016 में जापानी भौतिक विज्ञानी और नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर तकाकी काजिता के साथ ही दलाई लामा को मानद डॉक्टरेट उपाधि से सम्मानित किया जा चुका है.

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