आगरा: 'पढ़ेगा इंडिया तो बढ़ेगा इंडिया', इसी मंशा से देश में नई शिक्षा नीति लागू की गई है. बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए देश में 'निपुण भारत मिशन' (Nipun Bharat Mission) की शुरुआत हुई है. जिसका यूपी अग्रदूत है. यूपी में 'निपुण भारत मिशन' (Nipun Bharat Mission UP) से तीन साल से नौ साल तक के बच्चों की शुरुआत में पढ़ाई की नींव मजबूत करना है. सीएम योगी का भी बच्चों की साक्षरता और संख्यात्मकता पर जोर है. जिससे शिक्षकों को हर बच्चे की साक्षरता और संख्यात्मक कौशल पर पूरा फोकस करना है. बच्चे और शिक्षकों के 'निपुण लक्ष्य' भी तय हैं. बच्चे 'निपुण लक्ष्य' (nipun lakshya up) हासिल नहीं करते हैं तो शिक्षकों की भी जवाबदेही तय है.
केंद्र सरकार ने विश्व में नई शिक्षा नीति को लागू किया है. जिसके तहत 5 जुलाई 2021 को 'निपुण भारत मिशन' की शुरुआत की थी. 'निपुण भारत मिशन' का पूरा नाम (NIPUN full form) 'नेशनल इनीशिएटिव फॉर प्रोफिशिएंसी इन रीडिंग विद अंडरस्टैंडिंग एंड न्यूमेरेसी (National Initiative for Proficiency in Reading with Understanding and Numeracy) है. यानी निपुण भारत मिशन में उम्र के हिसाब से बच्चों की सीखने की आवश्यकताओं को पूरी करना है. जिससे बच्चों की पढ़ाई की शुरुआत की नींव मजबूत होने से उनका भविष्य भी संवरेगा.
सत्र 2025-26 तक हासिल करना है निपुण लक्ष्य
मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक (बेसिक शिक्षा) महेश चंद ने बताया कि, शिक्षा विभाग में परिवर्तन के लिए और कक्षा एक से कक्षा 3 तक के बच्चों के भाषा ज्ञान और संख्यात्मक ज्ञान को पूर्ण करने के लिए 'निपुण भारत मिशन' शुरूआत हुई है. विद्यालय में प्रवेश लेने वाले हर छात्र को उसकी कक्षा के मुताबिक, भाषा ज्ञान और संख्यात्मक ज्ञान आना चाहिए. इसको लेकर शिक्षकों की जिम्मेदारी तय है. इसलिए निपुण लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं. निपुण भारत मिशन और निपुण लक्ष्य से शिक्षकों के दायित्व का निर्धारण किया गया है. सत्र 2025-26 तक कक्षा एक से तीन तक के बच्चों को निपुण लक्ष्य (nipun bharat mission target) हासिल करने हैं.
अधिकारी करेंगे मॉनिटरिंग (NIPUN Bharat Mission Monitoring System)
मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक (बेसिक शिक्षा) महेश चंद ने बताया कि, निपुण भारत मिशन की सफलता और निपुण लक्ष्य के सही निर्धारण के लिए मंडलीय अधिकारी, जिले के अधिकारी और ब्लॉक के अधिकारी निरीक्षण करेंगे. जो बच्चों से निपुण लक्ष्य के हिसाब से सवाल पूछेंगे. बच्चों की काबिलियत से शिक्षकों की मेहनत का पता चलेगा. इस तरह निपुण भारत मिशन की मॉनिटरिंग होगी. इसके साथ ही निपुण लक्ष्य के निर्धारण के लिए बच्चों की परीक्षा भी कराई जाएगी. बच्चों की परीक्षाएं ओएमआर शीट पर होगी.
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ये हैं निपुण लक्ष्य भाषा
- बालवाटिका: दो अक्षर वाले पांच शब्दों को सही से पढ़ना आना.
- कक्षा-एक : पांच सरल शब्दों (दो अक्षर) से बने वाक्य का पढ़ना आना.
- कक्षा-दो : अनुच्छेद को 45 शब्द प्रति मिनट प्रवाह से पढ़ना आना. इसके साथ ही अनुच्छेद के 75 प्रतिशत प्रश्नों का सही उत्तर देना.
- कक्षा-तीन: अनुच्छेद को 60 शब्द प्रति मिनट प्रवाह से पढ़ना आना. इसके साथ ही अनुच्छेद के 75 प्रतिशत प्रश्नों का सही उत्तर देना.
ये हैं निपुण लक्ष्य गणित
- बालवाटिका: दस तक की गिनती पढ़ना आने के साथ ही संख्याओं, वस्तुओं, आकृतियों व घटनाओं का व्यवस्थित करना.
- कक्षा-एक : एक अंकीय जोड़ एवं घटाव के 75% प्रश्नों का सही हल कर लेना.
- कक्षा-दो : दो अंकीय जोड़ (योग 99 तक) एवं दो अंकीय घटाव के 75% प्रश्नों का सही हल कर लेना.
- कक्षा-तीन: तीन अंकीय जोड़ (योग 999 तक) एवं तीन अंकीय घटाव के 75% प्रश्नों का सही हल कर लेना. इसके साथ ही दो से दस तक की संख्याओं का गुणा के 75% प्रश्नों का सही हल कर लेना.
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