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लंपी के खौफ से पशु हॉट मेलों पर पाबंदी, अब गोशालाओं में लगेगी वैक्सीन

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Published : Aug 30, 2022, 9:40 AM IST

यूपी में लंपी के संक्रमित गोवंश की संख्या 1,000 के पार पहुंच गई है. इसे लेकर योगी सरकार बेहद सतर्क है. सरकार ने आगरा की राजस्थान और मध्य प्रदेश से लगी सीमाओं पर पशु चिकित्सक तैनात किए हैं.

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यूपी में लंपी के संक्रमित गोवंश

आगरा: राजस्थान और मध्य प्रदेश के बाद यूपी में गोवंश की लंपी स्किन डिजीज दस्तक दे चुकी है. आगरा के गांव अटूट में एक गोवंश लंपी संक्रमित मिलने से जिला प्रशासन और पशुपालन विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. लंपी स्किन डिजीज के चलते राजस्थान और मध्य प्रदेश की सीमा सील करने के साथ ही पशु हाट और पशु मेलों पर पाबंदी लगा दी गई है. अब लंपी से गोवंश के बचाव के लिए शासन से आगरा जिला प्रशासन को 25 हजार गोट पॉक्स वैक्सीन मिली है. यह वैक्सीन मंगलवार से जिले की पंजीकृत और अपंजीकृत 26 गोशालाओं के 96467 गोवंश के लगना शुरू होगी. इसके साथ ही पशुपालन विभाग की ओर से लंपी स्किन डिजीज को लेकर पशु पालक और किसानों को जागरूक किया जा रहा है. लंपी की चपेट में सबसे ज्यादा गोवंश आते हैं. यह बीमारी संक्रामक है. इसलिए तेजी से फैलती है.

बता दें कि लंपी बीमारी अफ्रीका में सबसे पहले गोवंश में मिली थी. भारत में पहली बार 2019 में गोवंश लंपी स्किन डिजीज से संक्रमित मिले. अभी लंपी का प्रकोप गुजरात, राजस्थान और मध्य प्रदेश में ज्यादा है. यूपी में भी लंपी के संक्रमित गोवंश की संख्या 1,000 के पार पहुंच गई है. इसको लेकर योगी सरकार बेहद सतर्क है. सरकार ने आगरा की राजस्थान और मध्य प्रदेश से लगी सीमा सील कर दी है. अछनेरा, फतेहपुर सीकरी और पिनाहट में 3 चौकियां हैं. यहां पर पशु चिकित्सक तैनात किए गए हैं. जोकि, दूसरे प्रदेश से आने वाले पशुओं के आवागमन पर नजर रखेंगे. ताकि, किसी भी लंपी से संक्रमित पशु को आगरा में प्रवेश न दिया जाए. यदि लंपी से संक्रमित या संदिग्ध पशु मिलता है तो उसे पशु चौकी पर ही क्वारंटीन किया जाएगा. इसकी पूरी व्यवस्था की गई है.

आगरा के उप मुख्य पशुचिकित्सा अधिकारी डॉ. आशीष शर्मा ने बताया कि लंपी स्किन डिजीज गोवंश में होती है. साहिवाल, गिरी और हरियाणा ब्रीड की गोवंश में यह बीमारी कम होती है. क्योंकि, गोवंश की इम्यूनिटी स्ट्रांग होती है. यह बीमारी सबसे ज्यादा जर्सी गोवंश, क्रॉस ब्रीड के गोवंश में हो रही है. क्योंकि, इन गोवंश की इम्युनिटी कमजोर होती है. इसलिए, जल्द ही यह गोवंश इसकी चपेट में आ जाते हैं.

इसे भी पढ़े-यूपी में अब अलग से होगी एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स, मादक पदार्थों की तस्करी पर लगेगी लगाम

मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. विजयवीर चंद्रपाल ने बताया कि आगरा के सटी राजस्थान और मध्य प्रदेश की सीमा के साथ ही अन्य जनपदों की सीमा को भी सील कर दिया गया है. साथ ही जिले में लगने वाले 18 पशु हाट और पशु मेला पर पाबंदी लगा दी है. इस बीमारी से बचाव में 'गोट पॉक्स' वैक्सीन कारगर है. इसलिए शासन से 25 हजार 'गोट पॉक्स' वैक्सीन मिली है. आगरा जिले की 26 पंजीकृत गोशालाओं के 8147 गोवंश में मंगलवार से वैक्सीन लगाने का अभियान शुरू होगा. इसके बाद अपंजीकृत गोशालाओं में वैक्सीन लगाई जाएगी. सहभागिता योजना के तहत 1604 गोवंश में भी वैक्सीन लगाई जाएगी.

लंपी बीमारी के लक्षण

  • गोवंश के पैरों में सूजन आना.
  • गोवंश को तेज बुखार आना.
  • पशु की गर्दन या शरीर पर गांठें निकलना.
  • पशु का चारा खाना छोड़ देना.
  • दूध उत्पादन की क्षमता कम होना.
  • आंख और नाक से पानी आना.

यह करें पशु पशुपालक

  • नीम के पत्ता डालकर पानी उबालें और फिर उसी पानी से पशु को नहलाएं.
  • पशुपालक पहले अपने स्वस्थ पशुओं को चारा दें और पानी पिलाएं.
  • लंपी से संक्रमित पशु को चारा और दवा देने के बाद हाथ जरूर सैनिटाइज करें.
  • मच्छर और मक्खी के चलते पशु बाड़े में मच्छरदानी का उपयोग करें.
  • लंपी से संक्रमित पशु को स्वास्थ्य पशुओं से अलग रखने की व्यवस्था करें.

यह भी पढ़े-पशुओं के टीकाकरण में बड़ी लापरवाही, खेत में पड़ी थी खुरपका, मुंहपका की वैक्सीन

आगरा: राजस्थान और मध्य प्रदेश के बाद यूपी में गोवंश की लंपी स्किन डिजीज दस्तक दे चुकी है. आगरा के गांव अटूट में एक गोवंश लंपी संक्रमित मिलने से जिला प्रशासन और पशुपालन विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. लंपी स्किन डिजीज के चलते राजस्थान और मध्य प्रदेश की सीमा सील करने के साथ ही पशु हाट और पशु मेलों पर पाबंदी लगा दी गई है. अब लंपी से गोवंश के बचाव के लिए शासन से आगरा जिला प्रशासन को 25 हजार गोट पॉक्स वैक्सीन मिली है. यह वैक्सीन मंगलवार से जिले की पंजीकृत और अपंजीकृत 26 गोशालाओं के 96467 गोवंश के लगना शुरू होगी. इसके साथ ही पशुपालन विभाग की ओर से लंपी स्किन डिजीज को लेकर पशु पालक और किसानों को जागरूक किया जा रहा है. लंपी की चपेट में सबसे ज्यादा गोवंश आते हैं. यह बीमारी संक्रामक है. इसलिए तेजी से फैलती है.

बता दें कि लंपी बीमारी अफ्रीका में सबसे पहले गोवंश में मिली थी. भारत में पहली बार 2019 में गोवंश लंपी स्किन डिजीज से संक्रमित मिले. अभी लंपी का प्रकोप गुजरात, राजस्थान और मध्य प्रदेश में ज्यादा है. यूपी में भी लंपी के संक्रमित गोवंश की संख्या 1,000 के पार पहुंच गई है. इसको लेकर योगी सरकार बेहद सतर्क है. सरकार ने आगरा की राजस्थान और मध्य प्रदेश से लगी सीमा सील कर दी है. अछनेरा, फतेहपुर सीकरी और पिनाहट में 3 चौकियां हैं. यहां पर पशु चिकित्सक तैनात किए गए हैं. जोकि, दूसरे प्रदेश से आने वाले पशुओं के आवागमन पर नजर रखेंगे. ताकि, किसी भी लंपी से संक्रमित पशु को आगरा में प्रवेश न दिया जाए. यदि लंपी से संक्रमित या संदिग्ध पशु मिलता है तो उसे पशु चौकी पर ही क्वारंटीन किया जाएगा. इसकी पूरी व्यवस्था की गई है.

आगरा के उप मुख्य पशुचिकित्सा अधिकारी डॉ. आशीष शर्मा ने बताया कि लंपी स्किन डिजीज गोवंश में होती है. साहिवाल, गिरी और हरियाणा ब्रीड की गोवंश में यह बीमारी कम होती है. क्योंकि, गोवंश की इम्यूनिटी स्ट्रांग होती है. यह बीमारी सबसे ज्यादा जर्सी गोवंश, क्रॉस ब्रीड के गोवंश में हो रही है. क्योंकि, इन गोवंश की इम्युनिटी कमजोर होती है. इसलिए, जल्द ही यह गोवंश इसकी चपेट में आ जाते हैं.

इसे भी पढ़े-यूपी में अब अलग से होगी एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स, मादक पदार्थों की तस्करी पर लगेगी लगाम

मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. विजयवीर चंद्रपाल ने बताया कि आगरा के सटी राजस्थान और मध्य प्रदेश की सीमा के साथ ही अन्य जनपदों की सीमा को भी सील कर दिया गया है. साथ ही जिले में लगने वाले 18 पशु हाट और पशु मेला पर पाबंदी लगा दी है. इस बीमारी से बचाव में 'गोट पॉक्स' वैक्सीन कारगर है. इसलिए शासन से 25 हजार 'गोट पॉक्स' वैक्सीन मिली है. आगरा जिले की 26 पंजीकृत गोशालाओं के 8147 गोवंश में मंगलवार से वैक्सीन लगाने का अभियान शुरू होगा. इसके बाद अपंजीकृत गोशालाओं में वैक्सीन लगाई जाएगी. सहभागिता योजना के तहत 1604 गोवंश में भी वैक्सीन लगाई जाएगी.

लंपी बीमारी के लक्षण

  • गोवंश के पैरों में सूजन आना.
  • गोवंश को तेज बुखार आना.
  • पशु की गर्दन या शरीर पर गांठें निकलना.
  • पशु का चारा खाना छोड़ देना.
  • दूध उत्पादन की क्षमता कम होना.
  • आंख और नाक से पानी आना.

यह करें पशु पशुपालक

  • नीम के पत्ता डालकर पानी उबालें और फिर उसी पानी से पशु को नहलाएं.
  • पशुपालक पहले अपने स्वस्थ पशुओं को चारा दें और पानी पिलाएं.
  • लंपी से संक्रमित पशु को चारा और दवा देने के बाद हाथ जरूर सैनिटाइज करें.
  • मच्छर और मक्खी के चलते पशु बाड़े में मच्छरदानी का उपयोग करें.
  • लंपी से संक्रमित पशु को स्वास्थ्य पशुओं से अलग रखने की व्यवस्था करें.

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