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जानिए 'आगरा कैंट' विधानसभा सीट का हाल, यहां कठिन है बीएसपी और सपा की राह - गिरराज सिंह धर्मेंश

आगरा कैंट-87 विधानसभा सीट पर दशकों तक कांग्रेस की सत्ता रही, फिर यहां बीजेपी और बसपा प्रत्याशी को भी लोगों ने सिर आखों पर बिठाया. इस समय आगरा छावनी विधानसभा सीट पर बीजेपी का कब्जा है.

know-about-agra-cantt-constituency-number 87-of-agra-for-up-assembly-elections 2022
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Published : Sep 10, 2021, 5:11 PM IST

आगरा: छावनी विधानसभा सीट पर वर्ष 1967 से लेकर वर्ष 1985 तक कांग्रेस का कब्जा रहा. वर्ष 1889 में हुए विधानसभा चुनाव में इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार ने जीत दर्ज की. तब से लेकर 1996 तक के विधानसभा चुनाव में यहां के लोगों ने भारतीय जनता पार्टी को जीत का ताज पहनाया. फिर इस सीट पर हाथी ने कमल को कुचल दिया और वर्ष 2002, 2007 और 2012 के चुनाव में बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी की जीत हुई. 2017 के विधानसभा चुनाव में एक बार फिर मतदाताओं का मन बदला और उन्होंने बीजेपी के उम्मीदवार को कैंट विधानसभा सीट पर जीत दिलायी.

आगरा कैंट विधानसभा सीट- कब कौन जीता

वर्षविजेतापार्टी
1989हरद्वार दुबेभारतीय जनता पार्टी
1991हरद्वार दुबेभारतीय जनता पार्टी
1993रमेश कांत लावनियाभारतीय जनता पार्टी
1996केशो मेहराभारतीय जनता पार्टी
2002मोहम्मद बशीरबहुजन समाज पार्टी
2007जुल्फिकार अहमद भुट्टोबहुजन समाज पार्टी

वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में आगरा कैंट सीट पर बहुजन समाज पार्टी पहले स्थान पर रही. दूसरे स्थान पर भारतीय जनता पार्टी थी, जबकि तीसरे स्थान पर समाजवादी पार्टी रही थी. पिछली बार के चुनाव में बीजेपी और बसपा के बीच के मतों का अंतर बहुत अधिक था.

बहुजन समाज पार्टी के पूर्व विधायक गुटियारी लाल दुवेश
बहुजन समाज पार्टी के पूर्व विधायक गुटियारी लाल दुवेश

वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में बसपा और बीजेपी के बीच जीत का अंतर करीब 6 हजार वोट्स का था. ये अंतर 2017 में बढ़कर 46,325 वोट का हो गया.

आगरा छावनी विधानसभा चुनाव वर्ष 2012

पार्टीप्रत्याशीवोट
बहुजन समाज पार्टीगुटियारी लाल दुवेश67,786
भारतीय जनता पार्टीगिरराज सिंह धर्मेंश61,371
समाजवादी पार्टीचंद्र सेन44,684

इस अंतर को देखते हुए कहा जा रहा है कि इस सीट पर बहुजन समाज पार्टी की राह 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (up assembly election 2022) में आसान नहीं होगी. समाजवादी पार्टी को अब तक इस सीट पर कभी भी सफलता नहीं मिली है.

समाजवादी पार्टी नेता ममता टपलू
समाजवादी पार्टी नेता ममता टपलू

पिछले चुनाव में सपा इस सीट पर तीसरे स्थान पर रही थी. सपा और बसपा के वोटों में अंतर भी बहुत ज्यादा नहीं था. इस सीट पर मौजूदा समय में विधायक डॉ. गिरराज सिंह धर्मेश हैं.

आगरा छावनी विधानसभा चुनाव वर्ष 2017

पार्टीप्रत्याशीवोट
भारतीय जनता पार्टीगिरराज सिंह धर्मेंश1,13,178
बहुजन समाज पार्टीगुटियारी लाल दुवेश66,853
समाजवादी पार्टीममता टपलू64,683

जातिगत आंकड़ों की बात की जाए तो यहां करीब 78 हजार वोट जाटवों के हैं. वहीं वाल्मीकि समाज के 40 हजार मतदाता, ब्राहम्ण समाज के 35 हजार मतदाता बताए जाते हैं.

बीजेपी विधायक गिरराज सिंह धर्मेंश
बीजेपी विधायक गिरराज सिंह धर्मेंश

इस सीट पर राठौर वोटरों की संख्या करीब 40 हजार है, जबकि मुस्लिम मतदाता करीब 30 हजार बताए जा रहे हैं. यादव और जाट वोटरों की संख्या यहां 15-15 हजार बतायी जा रही है. इसके अलावा सिंधी और पंजाब मतदाताओं की संख्या करीब 25 हजार है.


आगरा कैंट विधानसभा सीट के जातिगत आंकड़े

कुल मतदाता 4 लाख 42 हजार 278 हैं.

क्रं.जातिमतदाता
1जाटव78 हजार
2वाल्मीकि40 हजार
3ब्राह्मण35 हजार
4राठौर40 हजार
5मुस्लिम30 हजार
6यादव15 हजार
7जाट15 हजार
8सिंधी-पंजाबी 25 हजार


अब देखना है कि क्या बीजेपी 2022 के विधानसभा चुनाव में अपनी जीत को दोहरा पाती है या फिर बसपा या सपा के उम्मीदवार को यहां जीत का ताज मिलेगा. पिछले चुनाव में जीत के अंतर को देखते हुए फिलहाल राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी की राह इस सीट पर आसान नहीं दिख रही है.

आगरा: छावनी विधानसभा सीट पर वर्ष 1967 से लेकर वर्ष 1985 तक कांग्रेस का कब्जा रहा. वर्ष 1889 में हुए विधानसभा चुनाव में इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार ने जीत दर्ज की. तब से लेकर 1996 तक के विधानसभा चुनाव में यहां के लोगों ने भारतीय जनता पार्टी को जीत का ताज पहनाया. फिर इस सीट पर हाथी ने कमल को कुचल दिया और वर्ष 2002, 2007 और 2012 के चुनाव में बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी की जीत हुई. 2017 के विधानसभा चुनाव में एक बार फिर मतदाताओं का मन बदला और उन्होंने बीजेपी के उम्मीदवार को कैंट विधानसभा सीट पर जीत दिलायी.

आगरा कैंट विधानसभा सीट- कब कौन जीता

वर्षविजेतापार्टी
1989हरद्वार दुबेभारतीय जनता पार्टी
1991हरद्वार दुबेभारतीय जनता पार्टी
1993रमेश कांत लावनियाभारतीय जनता पार्टी
1996केशो मेहराभारतीय जनता पार्टी
2002मोहम्मद बशीरबहुजन समाज पार्टी
2007जुल्फिकार अहमद भुट्टोबहुजन समाज पार्टी

वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में आगरा कैंट सीट पर बहुजन समाज पार्टी पहले स्थान पर रही. दूसरे स्थान पर भारतीय जनता पार्टी थी, जबकि तीसरे स्थान पर समाजवादी पार्टी रही थी. पिछली बार के चुनाव में बीजेपी और बसपा के बीच के मतों का अंतर बहुत अधिक था.

बहुजन समाज पार्टी के पूर्व विधायक गुटियारी लाल दुवेश
बहुजन समाज पार्टी के पूर्व विधायक गुटियारी लाल दुवेश

वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में बसपा और बीजेपी के बीच जीत का अंतर करीब 6 हजार वोट्स का था. ये अंतर 2017 में बढ़कर 46,325 वोट का हो गया.

आगरा छावनी विधानसभा चुनाव वर्ष 2012

पार्टीप्रत्याशीवोट
बहुजन समाज पार्टीगुटियारी लाल दुवेश67,786
भारतीय जनता पार्टीगिरराज सिंह धर्मेंश61,371
समाजवादी पार्टीचंद्र सेन44,684

इस अंतर को देखते हुए कहा जा रहा है कि इस सीट पर बहुजन समाज पार्टी की राह 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (up assembly election 2022) में आसान नहीं होगी. समाजवादी पार्टी को अब तक इस सीट पर कभी भी सफलता नहीं मिली है.

समाजवादी पार्टी नेता ममता टपलू
समाजवादी पार्टी नेता ममता टपलू

पिछले चुनाव में सपा इस सीट पर तीसरे स्थान पर रही थी. सपा और बसपा के वोटों में अंतर भी बहुत ज्यादा नहीं था. इस सीट पर मौजूदा समय में विधायक डॉ. गिरराज सिंह धर्मेश हैं.

आगरा छावनी विधानसभा चुनाव वर्ष 2017

पार्टीप्रत्याशीवोट
भारतीय जनता पार्टीगिरराज सिंह धर्मेंश1,13,178
बहुजन समाज पार्टीगुटियारी लाल दुवेश66,853
समाजवादी पार्टीममता टपलू64,683

जातिगत आंकड़ों की बात की जाए तो यहां करीब 78 हजार वोट जाटवों के हैं. वहीं वाल्मीकि समाज के 40 हजार मतदाता, ब्राहम्ण समाज के 35 हजार मतदाता बताए जाते हैं.

बीजेपी विधायक गिरराज सिंह धर्मेंश
बीजेपी विधायक गिरराज सिंह धर्मेंश

इस सीट पर राठौर वोटरों की संख्या करीब 40 हजार है, जबकि मुस्लिम मतदाता करीब 30 हजार बताए जा रहे हैं. यादव और जाट वोटरों की संख्या यहां 15-15 हजार बतायी जा रही है. इसके अलावा सिंधी और पंजाब मतदाताओं की संख्या करीब 25 हजार है.


आगरा कैंट विधानसभा सीट के जातिगत आंकड़े

कुल मतदाता 4 लाख 42 हजार 278 हैं.

क्रं.जातिमतदाता
1जाटव78 हजार
2वाल्मीकि40 हजार
3ब्राह्मण35 हजार
4राठौर40 हजार
5मुस्लिम30 हजार
6यादव15 हजार
7जाट15 हजार
8सिंधी-पंजाबी 25 हजार


अब देखना है कि क्या बीजेपी 2022 के विधानसभा चुनाव में अपनी जीत को दोहरा पाती है या फिर बसपा या सपा के उम्मीदवार को यहां जीत का ताज मिलेगा. पिछले चुनाव में जीत के अंतर को देखते हुए फिलहाल राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी की राह इस सीट पर आसान नहीं दिख रही है.

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