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पूर्व PM अटल बिहारी वाजपेयी का पैतृक गांव बटेश्वर देख रहा विकास की राह, चौथी पुण्यतिथि आज

भारत रत्न पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) का जन्म 25 दिसंबर 1924 को मध्य प्रदेश के ग्वालियर में हुआ था. अटल विहारी वाजपेयी तीन बार देश के प्रधानमंत्री बने. उनका निधन 16 अगस्त 2018 को नई दिल्ली में हुआ थी. आज मंगलवार (16 अगस्त) को उनकी चौथी पुण्यतिथि है.

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पूर्व PM अटल बिहारी वाजपेयी
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Published : Aug 16, 2022, 12:50 PM IST

Updated : Aug 16, 2022, 1:12 PM IST

आगरा: मंगलवार (16 अगस्त) को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) की चौथी पुण्यतिथि (Death Anniversary) है. भारत रत्न अटल बिहारी बायपेयी (Bharat Ratna Atal Bihari Vajpayee) एक राजनेता होने के साथ-साथ हिंदी के कवि, पत्रकार और प्रखर वक्ता भी थे.

भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी (Bharat Ratna Atal Bihari Vajpayee) का बटेश्वर से गहरा नाता रहा है. उनकी तमाम यादें बटेश्वर से जुड़ी हैं. आज उनकी चौथी पुण्यतिथि पर ईटीवी भारत की टीम उनके पैतृक गांव बटेश्वर पहुंची. यहां पर अटजी की यादें सहेजने के लिए केंद्र और प्रदेश सरकार ने कई घोषणाएं की थीं. बटेश्वर से भाजपाइयों की बेरुखी से साफ नजर आती है कि, अटलजी आज भाजपा में बेगाने हैं. उत्तर प्रदेश सरकार, जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी बटेश्वर में अटलजी की यादें सहेजने में नाकाम साबित हो रहे हैं.

ग्रामीणों से जानकारी लेते संवाददाता

अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) आखिरी बार सन 1999 में अपने पैतृक गांव बटेश्वर गए थे. तब उन्होंने रेलवे लाइन का शिलान्यास और पर्यटक कॉम्प्लेक्स का लोकार्पण किया था. लेकिन अभी तक बटेश्वर विकास की राह देख रहा है. अटलजी के रिश्तेदार मंगलाचरण शुक्ला ने बताया कि, जब 2018 में अटल जी के निधन के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बटेश्वर में उनकी अस्थियां विसर्जित करने आए थे. तभी सीएम योगी आदित्यनाथ ने घोषणा की थी कि, अटलजी से जुड़ी यादें सहेजने के लिए उनके पैतृक आवास पर कन्या डिग्री कॉलेज बनाने बनाया जाएगा. इसके साथ ही सांसद ने भी बटेश्वर में दस करोड़ रुपए की लागत से विकास कराने की घोषणा की थी. लेकिन अभी कोई विकास कार्य नहीं हुआ है.

सीएम योगी ने 230 करोड़ रुपये के विकास कार्य और बटेश्वर में स्कूल बनाने की भी घोषणा की थी. इसके अलावा घाटों का निर्माण, बटेश्वर का सौंदर्यीकरण होना था, लेकिन यहां के स्थानीय प्रतिनिधियों ने कई ध्यान नहीं दिया. यहां पर अटलजी के नाम से पार्क, गेट और मूर्ति भी बनना था. लेकिन अभी तक ऐसा कुछ भी नहीं बना है.

यह भी पढ़ें: छोड़ दीजिये झिझक, शौक से खाइये शाकाहारी चिकन

सीएम योगी ने अटलजी के पैतृक आवास की जमीन पर अटल राजकीय महाविद्यालय बनाने की घोषणा की थीं. इसकी कार्य योजना भी बनाई गई. तत्कालीन डीएम और एसडीएम ने जमीन को चिन्हित किया. वाजपेयी परिवार के लोगों ने महाविद्यालय के लिए अपने स्तर से जमीन को भी समतल कराया. लेकिन अभी तक अटज राजकीय महाविद्यालय यहां पर नहीं बन पाया है.
भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने किशोर अवस्था में क्रांति में हिस्सा लिया था.

27 अगस्त 1942 को बटेश्वर में 500 से ज्यादा भीड़ ने वन विभाग के कार्यालय जंगलात की कोठी पर हमला बोला था. इन आजादी के दीवानों में अटलजी भी शामिल थे. आजादी के दीवानों ने जंगलात की कोठी वन विभाग कार्यालय में तोड़-फोड़ और आगजनी की थी. वहीं, सभी ने मिलकर अंग्रेजी अफसर और सैनिक को पीट कर भगा दिया. उसके बाद वहां पर तिरंगा फहराया गया. इस मामले में अंग्रेजी हुकूमत ने अटलजी समेत अन्य लोगों को गिरफ्तार किया था.

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आगरा: मंगलवार (16 अगस्त) को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) की चौथी पुण्यतिथि (Death Anniversary) है. भारत रत्न अटल बिहारी बायपेयी (Bharat Ratna Atal Bihari Vajpayee) एक राजनेता होने के साथ-साथ हिंदी के कवि, पत्रकार और प्रखर वक्ता भी थे.

भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी (Bharat Ratna Atal Bihari Vajpayee) का बटेश्वर से गहरा नाता रहा है. उनकी तमाम यादें बटेश्वर से जुड़ी हैं. आज उनकी चौथी पुण्यतिथि पर ईटीवी भारत की टीम उनके पैतृक गांव बटेश्वर पहुंची. यहां पर अटजी की यादें सहेजने के लिए केंद्र और प्रदेश सरकार ने कई घोषणाएं की थीं. बटेश्वर से भाजपाइयों की बेरुखी से साफ नजर आती है कि, अटलजी आज भाजपा में बेगाने हैं. उत्तर प्रदेश सरकार, जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी बटेश्वर में अटलजी की यादें सहेजने में नाकाम साबित हो रहे हैं.

ग्रामीणों से जानकारी लेते संवाददाता

अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) आखिरी बार सन 1999 में अपने पैतृक गांव बटेश्वर गए थे. तब उन्होंने रेलवे लाइन का शिलान्यास और पर्यटक कॉम्प्लेक्स का लोकार्पण किया था. लेकिन अभी तक बटेश्वर विकास की राह देख रहा है. अटलजी के रिश्तेदार मंगलाचरण शुक्ला ने बताया कि, जब 2018 में अटल जी के निधन के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बटेश्वर में उनकी अस्थियां विसर्जित करने आए थे. तभी सीएम योगी आदित्यनाथ ने घोषणा की थी कि, अटलजी से जुड़ी यादें सहेजने के लिए उनके पैतृक आवास पर कन्या डिग्री कॉलेज बनाने बनाया जाएगा. इसके साथ ही सांसद ने भी बटेश्वर में दस करोड़ रुपए की लागत से विकास कराने की घोषणा की थी. लेकिन अभी कोई विकास कार्य नहीं हुआ है.

सीएम योगी ने 230 करोड़ रुपये के विकास कार्य और बटेश्वर में स्कूल बनाने की भी घोषणा की थी. इसके अलावा घाटों का निर्माण, बटेश्वर का सौंदर्यीकरण होना था, लेकिन यहां के स्थानीय प्रतिनिधियों ने कई ध्यान नहीं दिया. यहां पर अटलजी के नाम से पार्क, गेट और मूर्ति भी बनना था. लेकिन अभी तक ऐसा कुछ भी नहीं बना है.

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सीएम योगी ने अटलजी के पैतृक आवास की जमीन पर अटल राजकीय महाविद्यालय बनाने की घोषणा की थीं. इसकी कार्य योजना भी बनाई गई. तत्कालीन डीएम और एसडीएम ने जमीन को चिन्हित किया. वाजपेयी परिवार के लोगों ने महाविद्यालय के लिए अपने स्तर से जमीन को भी समतल कराया. लेकिन अभी तक अटज राजकीय महाविद्यालय यहां पर नहीं बन पाया है.
भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने किशोर अवस्था में क्रांति में हिस्सा लिया था.

27 अगस्त 1942 को बटेश्वर में 500 से ज्यादा भीड़ ने वन विभाग के कार्यालय जंगलात की कोठी पर हमला बोला था. इन आजादी के दीवानों में अटलजी भी शामिल थे. आजादी के दीवानों ने जंगलात की कोठी वन विभाग कार्यालय में तोड़-फोड़ और आगजनी की थी. वहीं, सभी ने मिलकर अंग्रेजी अफसर और सैनिक को पीट कर भगा दिया. उसके बाद वहां पर तिरंगा फहराया गया. इस मामले में अंग्रेजी हुकूमत ने अटलजी समेत अन्य लोगों को गिरफ्तार किया था.

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Last Updated : Aug 16, 2022, 1:12 PM IST
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