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आगरा विश्वविद्यालय में बीएएमएस की कॉपियों के बदलने का मामला, छात्रों को सता रहा डर

डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में इन दिनों बीएएमएस (BAMS) की कॉपियों की अदला-बदली का मामला गरमाया हुआ है. बीएएमएस की परीक्षाएं रद् कराने को लेकर भी बात चल रही है. ऐसे में बीएएमएस के छात्रों को डर सता रहा है.

आगरा विश्वविद्यालय
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Published : Sep 15, 2022, 5:17 PM IST

आगरा : डॉ भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में इन दिनों बीएएमएस (BAMS) की कॉपियों की अदला-बदली का मामला गरमाया हुआ है. बीएएमएस की परीक्षाएं रद् कराने को लेकर भी बात चल रही है. ऐसे में बीएएमएस के छात्रों को डर सता रहा है, यदि परीक्षायें रद् हो गईं तो उनका भविष्य अंधेरे में चला जाएगा, क्योंकि जो परीक्षाएं 2019 में होनी थीं वह अब कराई गई हैं.


एटा के रहने वाले दिलीप कुमार बताते हैं कि वह बीएएमएस (BAMS) थर्ड ईयर के छात्र हैं. अब तक यह कोर्स उनका हो जाना चाहिए था. कोर्स पांच साल का होता है, जिसमें साढ़े चार साल तक की पढ़ाई और उसके बाद इंटर्नशिप होती है. इस वक्त हम इंटर्नशिप कर रहे होते, लेकिन पिछले दो साल से परीक्षाएं कराने को लेकर हमने कई धरने प्रदर्शन किए. दो साल तक धरना प्रदर्शन करने के बाद 2022 में जाकर तीन बार परीक्षाओं की तारीख बदलने के बाद बीएएमएस (BAMS) थर्ड ईयर की परीक्षाएं कराने के लिए विश्विविघालय ने तिथि घोषित की. कईं मुश्किलों के बाद परीक्षाएं शुरू हुईं तो विश्वविद्यालय की लापरवाही की वजह से कॉपियों की अदला बदली हो गई. जिस वजह से परीक्षाएं रद्द कराने की बात की जा रही है. ऐसे में हमारा क्या कसूर, जो इस मामले में हमें बलि का बकरा बनाया जा रहा है. समय और पैसा दोनों ही हमारा बर्बाद हो रहा. वहीं कई छात्र-छात्राएं बीएएमएस की परीक्षाएं रद्द कराने की बात सुनकर अवसाद में आ गए हैं.

जानकारी देते आगरा विवि के छात्र

यह है पूरा मामला : नई राष्ट्रीय शिक्षा प्रणाली के तहत इस बार आगरा विवि में परीक्षाएं सेमेस्टर से कराई जा रही थीं. 20 अगस्त से ही बीएससी, बीए, एमए प्रथम वर्ष की द्वितीय सेमेस्टर की परीक्षाएं हो रही थीं. 27 अगस्त को बीएएमएस थर्ड ईयर की परीक्षाएं होने के बाद कॉपियों की अदला-बदली करते हुए ऑटो चालक देवेंद्र पकड़ा गया था. जिसके बाद विशविघालय की तरफ से मुकदमा दर्ज कराया गया था. पुलिस ने ड्राइवर को रिमांड पर लिया था. ऑटो चालक देवेंद्र ने डॉ. अतुल यादव और छात्र नेता राहुल पाराशर के नाम का खुलासा किया था. मामला हाइलाइट होने पर सीएम ने खुद मामले को संज्ञान में लिया और एसटीएफ का गठन किया. एसटीएफ अब पूरे मामले की जांच कर रही है.


यह भी पढ़ें : रेरा पर 45 हजार शिकायतों का बोझ, बिल्डरों ने किया यह खेल


इस मामले पर विवि के प्रति कुलपति अजय तनेजा ने बताया कि अभी ऐसा कोई फैसला नहीं लिया गया है. जैसा आदेश राज्यपाल के द्वारा आयेगा वही विश्वविद्यालय मानेगा.

यह भी पढ़ें : पार्ट्स के अभाव में डिपो में खराब खड़ी एसी बसें, परिवहन निगम को करोड़ों का नुकसान

आगरा : डॉ भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में इन दिनों बीएएमएस (BAMS) की कॉपियों की अदला-बदली का मामला गरमाया हुआ है. बीएएमएस की परीक्षाएं रद् कराने को लेकर भी बात चल रही है. ऐसे में बीएएमएस के छात्रों को डर सता रहा है, यदि परीक्षायें रद् हो गईं तो उनका भविष्य अंधेरे में चला जाएगा, क्योंकि जो परीक्षाएं 2019 में होनी थीं वह अब कराई गई हैं.


एटा के रहने वाले दिलीप कुमार बताते हैं कि वह बीएएमएस (BAMS) थर्ड ईयर के छात्र हैं. अब तक यह कोर्स उनका हो जाना चाहिए था. कोर्स पांच साल का होता है, जिसमें साढ़े चार साल तक की पढ़ाई और उसके बाद इंटर्नशिप होती है. इस वक्त हम इंटर्नशिप कर रहे होते, लेकिन पिछले दो साल से परीक्षाएं कराने को लेकर हमने कई धरने प्रदर्शन किए. दो साल तक धरना प्रदर्शन करने के बाद 2022 में जाकर तीन बार परीक्षाओं की तारीख बदलने के बाद बीएएमएस (BAMS) थर्ड ईयर की परीक्षाएं कराने के लिए विश्विविघालय ने तिथि घोषित की. कईं मुश्किलों के बाद परीक्षाएं शुरू हुईं तो विश्वविद्यालय की लापरवाही की वजह से कॉपियों की अदला बदली हो गई. जिस वजह से परीक्षाएं रद्द कराने की बात की जा रही है. ऐसे में हमारा क्या कसूर, जो इस मामले में हमें बलि का बकरा बनाया जा रहा है. समय और पैसा दोनों ही हमारा बर्बाद हो रहा. वहीं कई छात्र-छात्राएं बीएएमएस की परीक्षाएं रद्द कराने की बात सुनकर अवसाद में आ गए हैं.

जानकारी देते आगरा विवि के छात्र

यह है पूरा मामला : नई राष्ट्रीय शिक्षा प्रणाली के तहत इस बार आगरा विवि में परीक्षाएं सेमेस्टर से कराई जा रही थीं. 20 अगस्त से ही बीएससी, बीए, एमए प्रथम वर्ष की द्वितीय सेमेस्टर की परीक्षाएं हो रही थीं. 27 अगस्त को बीएएमएस थर्ड ईयर की परीक्षाएं होने के बाद कॉपियों की अदला-बदली करते हुए ऑटो चालक देवेंद्र पकड़ा गया था. जिसके बाद विशविघालय की तरफ से मुकदमा दर्ज कराया गया था. पुलिस ने ड्राइवर को रिमांड पर लिया था. ऑटो चालक देवेंद्र ने डॉ. अतुल यादव और छात्र नेता राहुल पाराशर के नाम का खुलासा किया था. मामला हाइलाइट होने पर सीएम ने खुद मामले को संज्ञान में लिया और एसटीएफ का गठन किया. एसटीएफ अब पूरे मामले की जांच कर रही है.


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इस मामले पर विवि के प्रति कुलपति अजय तनेजा ने बताया कि अभी ऐसा कोई फैसला नहीं लिया गया है. जैसा आदेश राज्यपाल के द्वारा आयेगा वही विश्वविद्यालय मानेगा.

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