आगरा: जनपद में सपा शासन के दौरान अखिलेश यादव ने मेधावी छात्र-छात्राओं को लैपटॉप बांटे थे. सरकारी योजना के तहत बचे लैपटॉप को कलेक्ट्रेट के सामने स्थित हॉलमैन इंस्टीट्यूट में रखवा दिया गया, लेकिन कुछ दिन पहले ही स्कूल प्रबंधन ने क्लास रूम को खाली करवाने के लिए तहसील की टीम को बुलाया. जब क्लास रूम खोला गया तो वहां केवल लैपटॉप के खाली बैग और बॉक्स मिले. उनमें से 42 लैपटॉप गायब थे. इसके बाद स्कूल प्रबंधन और कर्मचारियों ने चोरी की तहरीर नाई की मंडी थाने में दी. एडीएम सिटी डॉ. प्रभाकांत अवस्थी ने इस मामले में जांच के आदेश दिए.
सपा शासन में अखिलेश यादव ने मेधावी छात्र-छात्राओं को लैपटॉप दिए थे. हर तहसील में लैपटॉप बचे थे. इसके बाद हर तहसील में सरकारी योजना के तहत बचे लैपटॉप को तहसील में रखवाया दिया गया था. जहां सुरक्षित जगह नहीं थी, वहां लैपटॉप पुलिस की निगरानी में रखवाए गए. अगस्त 2016 में आगरा सदर तहसील में कलेक्ट्रेट के सामने स्थित हॉलमैन इंस्टिट्यूट में 42 लैपटॉप रखवाये गये थे और इसकी चाबी तहसील के कर्मचारी सभाजीत के पास रहती थी. लैपटॉप की सुरक्षा के मद्देनजर चार पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था.
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हर आने जाने वाले शख्स का लेखा-जोखा भी एक रजिस्टर में रखा जाता था. बिना ताला खुले ही इंस्टीट्यूट के कक्ष में 42 लैपटॉप चोरी हो गए. उनके बैग और बॉक्स वहीं रखे थे. तहसील के कर्मचारी सभाजीत कहते हैं कि उनके पास चाबी हमेशा रहती थी. वहीं प्रिंसिपल ने कहा कि ताला आज तक बिना सरकारी आदेश के नहीं खोला गया. स्कूल में परीक्षा होनी थी, जिसके लिए कमरे की आवश्यकता थी. इसीलिए स्कूल प्रबंधन ने एडीएम सिटी को लैपटॉप वाला कमरा खाली कराने के लिए कहा था. जब तहसील की टीम ने ताला खोला तो लैपटॉप चोरी हो गए थे.
सूत्रों के अनुसार लैपटॉप जिस कमरे में रखे गए थे. उसकी चाबी सदर तहसील के कर्मचारी पर रहती है. बिना आदेश के उस ताले को नहीं खोला जा सकता था. ऐसे में वहां रखे 42 लैपटॉप का चोरी हो जाना दिखाता है कि किसी की मिलीभगत थी. वर्ष 2019 में पुलिस कर्मियों को भी वहां से हटा दिया गया था. इंस्टिट्यूट परिसर में कई कर्मचारियों के आवास भी हैं. जिस कमरे में लैपटॉप रखे थे, वहां की खिड़कियों के शीशे भी टूटे हुए मिले. एडीएम सिटी डॉ. रमाकांत अवस्थी ने कहा कि मामले की जांच कराई जा रही है. थाने में तहरीर दे दी गयी है, पुलिस अपने स्तर से कार्रवाई करेगी. सदर तहसील के अधिकारी व कर्मचारियों से भी पूछताछ की जाएगी.