नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने आज रेपो रेट को लेकर बड़ा एलान कर दिया है. रिजर्व बैंक ने चौथी बार झटका देते हुए रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी की है. आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) ने रेपो रेट में वृद्धि की घोषणा की. बता दें, तीन दिवसीय बैठक की अध्यक्षता रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) कर रहे थे. वृद्धि के बाद नया रेपो रेट 5.40 फीसदी से बढ़ाकर 5.90 फीसदी हो गया है.
आरबीआई के इस फैसले के बाद होम लोन ( Home Loan) से लेकर कार लोन ( Car Loan) और एजुकेशन लोन ( Education) का महंगा होना तय है. वहीं, जिन लोगों ने पहले से होम लोन लिया हुआ है उनकी ईएमआई और महंगी हो जाएगी. आरबीआई गर्वनर ने रेपो रेट में बढ़ोतरी का फैसला मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की तीन दिनों की बैठक के बाद लिया है. 28 सितंबर से मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक की शुरूआत हुई थी. अगस्त महीने में खुदरा महंगाई ( Consumer Price Index) दर 7 फीसदी रहा है. जिसके चलते आबीआई को महंगाई पर नकेल कसने के लिए ब्याज दरें बढ़ाने का फैसला लेना पड़ा है.
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अभी क्या है रेपो रेट
रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India ) ने अगस्त 2022 में जारी की गई अपनी क्रेडिट पॉलिसी में रेपो रेट में 0.50 फीसदी का इजाफा किया था जिसके बाद ये 5.40 फीसदी पर आ गई थी. मई में 0.40 फीसदी, जून में 0.50 फीसदी और अगस्त में भी 0.50 फीसदी की दरों का इजाफा आरबीआई कर चुका है. आज रेपो रेट में 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी के बाद यह 5.90 फीसदी पर आ गया है.
इस साल अभी तक 140 बेसिस पॉइंट बढ़ चुकी हैं रेपो रेट
इस साल आरबीआई अभी तक रेपो रेट में कुल 140 बेसिस पॉइंट की बढ़ोतरी कर चुका है और अगर इसके बैंकों पर प्रभाव के रूप में देखें तो कई बैंक अपने लोन की दरों को 0.75 फीसदी तक बढ़ा चुके हैं.
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जीडीपी ग्रोथ का अनुमान
केंद्रीय बैंक ने वित्त वर्ष 2022-23 (FY23) के लिए अपने सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के ग्रोथ के अनुमान को भी 7.2 फीसदी से घटाकर 7 फीसदी कर दिया है. शक्तिकांत दास ने कहा कि आज महंगाई 7 फीसदी के आसपास मंडरा रही है. हमें उम्मीद है कि साल की दूसरी छमाही में यह 6 फीसदी पर बनी रहेगी.
महंगा हो गया लोन
रेपो रेट में बढ़ोतरी के बाद कर्ज महंगा हो गया है, क्योंकि बैंकों की बोरोइंग कॉस्ट बढ़ गई है. इसके बाद बैंक अपने ग्राहकों पर इसका बोझ डालेंगे. होम लोन के अलावा ऑटो लोन और अन्य लोन पर भी इसका असर देखने को मिलेगा. रेपो दर (Repo Rate) का सीधा संबंध बैंक से लिए जाने वाले लोन (Loan) और ईएमआई (EMI) से है. दरअसल, रेपो रेट वह दर होती है जिस पर आरबीआई (RBI) बैंकों को कर्ज देता है.