नई दिल्ली : एक जुलाई से नया लेबर कोड लागू होने जा रहा है. इनमें कुछ ऐसे फैसले हैं, जो बहुत बड़े बदलाव के संकेत दे रहे हैं. आपकी सैलरी प्रभावित हो रही है. आपकी साप्ताहिक छुट्टियां भी प्रभावित होंगी. हालांकि, इसे लागू करने की जिम्मेदारी राज्यों की है. जिन राज्यों में इसे लागू किया जाएगा, वहां पर ही ये बदलाव दिखेंगे.
आपको बता दें कि नया लेबर कोड --- मजदूरी (वेज), सामाजिक सुरक्षा (सोशल सिक्युरिटी), औद्योगिक संबंधों (इंडस्ट्रियल रिलेशंस) और पेशे से जुड़ी असुरक्षा (ऑक्युपेशनल हजार्ड) से संबंधित है. जहां पर भी इसे लागू किया जाएगा, वहां पर काम करने की शर्तें में बदलाव होगा. आपको पहले के मुकाबले अधिक छुट्टियां मिलेंगी, लेकिन बाकी के दिन आपको अधिक घंटे तक काम करने होंगे.
नए लेबर कोड के मुताबिक आपको अब चार दिन ही दफ्तर जाना होगा. इसका मतलब है कि आपको सप्ताह में तीन दिन का साप्ताहिक अवकाश मिलेगा. एक दिन में आठ घंटे की बजाए आपको 12 घंटे काम करने होंगे. किसी भी कर्मचारी को एक सप्ताह में 48 घंटे काम करना आवश्यक होगा.
अगर आप लंबी छुट्टी प्राप्त करना चाहते हैं, तो आपको एक साल में कम से कम 180 दिनों तक काम करने होंगे. यानी एक साल में छह महीना काम करना होगा. पहले के लेबर कोड में लंबी छुट्टी प्राप्त करने के लिए 240 दिनों तक काम करना जरूरी होता था.
नए लेबर कोड में इनहैंड सैलरी या टेक होम सैलरी कम हो जाएगी. नए नियम के अनुसार किसी भी कर्मचारी की बेसिक सैलरी उसकी कुल सैलरी का 50 फीसदी या अधिक होनी चाहिए.
इसका मतलब यह हुआ कि आपकी बेसिक सैलरी अधिक है, तो आपका पीएफ कंट्रीब्यूशन अधिक होगा. इसका दूसरा फायदा यह होगा कि रिटायरमेंट के समय आपके पास मोटी रकम होगी. ग्रेच्युटी की राशि भी अधिक होगी.
अगर आप कोई भी कंपनी छोड़ना चाहते हैं, तो कंपनी को पूरा सेटलमेंट मात्र दो दिनों के अंदर ही करना होगा. यानी नौकरी छोड़ने या छंटनी से प्रभावित होने पर सेटलमेंट दो दिनों में ही करना होगा.
महिला श्रमिकों को रात्रि में काम तभी दिया जा सकता है, जब वे अपनी सहमति देंगी. उनकी सुरक्षा पुख्ता होनी चाहिए. मैटरनिटी लीव 12 सप्ताह से बढ़ाकर 26 सप्ताह कर दिया गया है.