नई दिल्ली: भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी अनंत नागेश्वरन ने सोमवार को कहा कि पूंजी निर्माण गतिविधियां बढ़ने से अगले साल देश की आर्थिक वृद्धि दर अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के अनुमान से कहीं अधिक रहने की उम्मीद है. बता दें, हाल ही में आईएमएफ ने 2023 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 6.1 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था. आईएमएफ ने कहा था कि चालू साल में भारत की वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत रहेगी.
नागेश्वरन ने इस संदर्भ में कहा कि उन्हें आने वाले वर्षों में वृद्धि दर इस अनुमान से कहीं अधिक रहने की उम्मीद है. उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि एक दशक तक सुस्त रहने के बाद भारत का पूंजी निर्माण चक्र आगे बेहतर प्रदर्शन करेगा.' इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत के सार्वजनिक डिजिटल ढांचे ने संभवतः एक विचलन बिंदु को पार कर लिया है और यह देश की अर्थव्यवस्था को औपचारिक बनाने के साथ ही उच्च वृद्धि में भी योगदान देगा.
उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में छह प्रतिशत के बुनियादी आंकड़े में 0.5-0.8 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हो सकती है. नागेश्वरन ने कहा कि राजकोषीय नीति और मौद्रिक नीति में आमतौर पर एक-दूसरे से तालमेल होता है और दोनों एक-दूसरे को संतुलित करने का भी काम करती हैं.
सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में ऋण के उच्च अनुपात की स्थिति पर मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा कि इसे टिकाऊ रख पाना चिंता का विषय नहीं है और परिसंपत्ति मौद्रीकरण के साथ इसमें कमी की जा सकती है. उन्होंने कहा कि भारत परिसंपत्ति मौद्रीकरण से हासिल राशि का इस्तेमाल अपने कर्ज के बोझ को कम करने में कर सकता है जिससे देश की क्रेडिट रेटिंग भी बेहतर होगी. उन्होंने कहा कि यह सबसे अच्छा राजकोषीय प्रोत्साहन होगा. (पीटीआई-भाषा)