ETV Bharat / business

Pulses-Wheat Rate: दाल और गेहूं की महंगाई से आम जनता को मिलेगी राहत! सरकार उठा सकती है ये कदम

देश की आम जनता को आने वाले दिनोें में गेहूं और दाल की बढ़ती कीमतों से राहत मिलने की उम्मीद है. सरकार इसके लिए कई नीतिगत उपायों पर गौर कर रही है. पढ़ें पूरी खबर...

Pulses Wheat Rate
दाल और गेहूं
author img

By

Published : Jul 21, 2023, 12:08 PM IST

नई दिल्ली: सरकार देश में चावल, दाल और गेहूं की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए प्रयासरत है. इन खाद्य पदार्थों के मूल्य को कम करने के लिए सरकार ने हाल ही में गैर-बासमती चावल के निर्यात पर रोक लगा दी है. और अब अनुमान लगाया जा रहा है कि खाद्य मंत्रालय जल्द ही गेहूं और दाल की कीमतों पर लगाम लगाने के लिए भी कुछ ऐसे ही कड़े कदम उठा सकती है.

चावल निर्यात को लेकर भारत सरकार की ओर से एक बयान जारी किया गया. जिसमें कहा गया है कि बासमती चावल और सभी तरह के उसना चावल के निर्यात नीति में कोई बदलाव नहीं किया गया है. यानी केवल गैर-बासमती कच्चा चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया गया है. यह फैसला देश में चावल की पर्याप्त मात्रा को बनाए रखने के लिए लिया गया है. ताकि इसकी कीमतों में ज्यादा इजाफा न हो. चावल एक्सपोर्ट बैन का फैसला देश में देरी से आए मानसून के चलते धान की फसल को हुए नुकसान के मद्देनजर लिया गया है. बता दें कि भारत बड़े पैमाने पर बामसती चावल का निर्यात करता है.

Pulses-Wheat Rate
गैर-बासमती कच्चा चावल के निर्यात पर प्रतिबंध (कान्सेप्ट इमेज)

चावल निर्यात पर रोक लगाने के बाद सरकार दाल और गेहूं की कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए ऐसे ही नीतिगत उपायों पर गौर कर सकती है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सरकार दाल-गेहूं के कुछ किस्मों के निर्यात पर प्रतिबंध लगा सकती है. साथ ही डिमांड सप्लाई को देखते हुए आयात और सीमाशुल्क में बदलाव जैसे कदम भी उठा सकती है. बता दें कि पिछले कुछ दिनों से दाल और गेहूं के दामों में वृद्धि देखने को मिली है.

पिछले एक साल में तुअर दाल की कीमतों में 32 फीसदी का इजाफा हुआ है तो वहीं, गेहूं की कीमत में सालभर में 5.79 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है. जो गेहूं पिछले साल 27.80 रुपये किलो मिल रहा था, वो अब बढ़कर 29.41 रुपये प्रति किलो पहुंच गया है. देश में अन्य खाद्य पदार्थ मसलन दूध और सब्जियों की बढ़ती कीमत भी लोगों की कमर तोड़ रही है. खाद्य महंगाई दर मई के मुकाबले जून में 2.96 फीसदी से बढ़कर 4.49 फीसदी तक पहुंच गई है.

ये भी पढ़ें-

नई दिल्ली: सरकार देश में चावल, दाल और गेहूं की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए प्रयासरत है. इन खाद्य पदार्थों के मूल्य को कम करने के लिए सरकार ने हाल ही में गैर-बासमती चावल के निर्यात पर रोक लगा दी है. और अब अनुमान लगाया जा रहा है कि खाद्य मंत्रालय जल्द ही गेहूं और दाल की कीमतों पर लगाम लगाने के लिए भी कुछ ऐसे ही कड़े कदम उठा सकती है.

चावल निर्यात को लेकर भारत सरकार की ओर से एक बयान जारी किया गया. जिसमें कहा गया है कि बासमती चावल और सभी तरह के उसना चावल के निर्यात नीति में कोई बदलाव नहीं किया गया है. यानी केवल गैर-बासमती कच्चा चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया गया है. यह फैसला देश में चावल की पर्याप्त मात्रा को बनाए रखने के लिए लिया गया है. ताकि इसकी कीमतों में ज्यादा इजाफा न हो. चावल एक्सपोर्ट बैन का फैसला देश में देरी से आए मानसून के चलते धान की फसल को हुए नुकसान के मद्देनजर लिया गया है. बता दें कि भारत बड़े पैमाने पर बामसती चावल का निर्यात करता है.

Pulses-Wheat Rate
गैर-बासमती कच्चा चावल के निर्यात पर प्रतिबंध (कान्सेप्ट इमेज)

चावल निर्यात पर रोक लगाने के बाद सरकार दाल और गेहूं की कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए ऐसे ही नीतिगत उपायों पर गौर कर सकती है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सरकार दाल-गेहूं के कुछ किस्मों के निर्यात पर प्रतिबंध लगा सकती है. साथ ही डिमांड सप्लाई को देखते हुए आयात और सीमाशुल्क में बदलाव जैसे कदम भी उठा सकती है. बता दें कि पिछले कुछ दिनों से दाल और गेहूं के दामों में वृद्धि देखने को मिली है.

पिछले एक साल में तुअर दाल की कीमतों में 32 फीसदी का इजाफा हुआ है तो वहीं, गेहूं की कीमत में सालभर में 5.79 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है. जो गेहूं पिछले साल 27.80 रुपये किलो मिल रहा था, वो अब बढ़कर 29.41 रुपये प्रति किलो पहुंच गया है. देश में अन्य खाद्य पदार्थ मसलन दूध और सब्जियों की बढ़ती कीमत भी लोगों की कमर तोड़ रही है. खाद्य महंगाई दर मई के मुकाबले जून में 2.96 फीसदी से बढ़कर 4.49 फीसदी तक पहुंच गई है.

ये भी पढ़ें-

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.