नई दिल्ली : देश के निर्यात में पिछले चार महीनों में आ रही गिरावट के बाद वित्त मंत्रालय ने सोमवार को निर्यातकों की बैठक बुलाई है. निर्यात में आ रही गिरावट के बाद यह बैठक बुलाने का उद्देश्य स्थिति का जायजा लेना है. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. उम्मीद जतायी जा रही है कि बैठक में निर्यातक सरकार से वैश्विक प्रदर्शनियों और मेलों में भाग लेने के लिए अधिक समर्थन देंगे. साथ ही ब्रिटेन, कनाडा, इजरायल और जीसीसी (खाड़ी सहयोग परिषद) के साथ मुक्त व्यापार समझौता (एफटीआई) करने के लिए बातचीत में तेजी लाने के लिए कहेंगे.
निर्यात में लगातार गिरावट : मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, निर्यात लगातार चौथे महीने सालाना आधार पर 10.3 फीसदी घटकर मई में 34.98 अरब डॉलर रह गया, जबकि व्यापार घाटा बढ़कर पांच महीने के उच्चतम स्तर 22.12 अरब डॉलर पर पहुंच गया. कुल मिलाकर, चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-मई के दौरान निर्यात 11.41 प्रतिशत घटकर 69.72 अरब डॉलर रह गया, जबकि आयात 10.24 प्रतिशत घटकर 107 अरब डॉलर रह गया था.
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निर्यात पर असर डालने वाले कारक : प्रमुख बाजारों में मांग की कमी, विकसित अर्थव्यवस्थाओं में उच्च मुद्रास्फीति और रूस-यूक्रेन युद्ध का देश के निर्यात पर असर पड़ रहा है. परिधान निर्यात संवर्धन परिषद (एईपीसी) के चेयरमैन नरेन गोयनका ने कहा कि सरकार की ओर से वैश्विक प्रदर्शनियों में भाग लेने जैसे अधिक समर्थन उपायों से निर्यात बढ़ाने में मदद मिलेगी. फियो के महानिदेशक अजय सहाय ने कहा कि अग्रिम प्राधिकरण, विशेष आर्थिक क्षेत्रों और निर्यात-उन्मुख इकाइयों से आरओडीटीईपी (निर्यातित उत्पादों पर शुल्क और करों की छूट) योजना का लाभ भी निर्यात को बढ़ावा देने में मदद करेगा.
(पीटीआई-भाषा)