नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय को सूचित किया गया कि इंजन लीज फाइनेंस कॉरपोरेशन एविएशन सर्विसेज लिमिटेड(Engine Lease Finance Corporation Aviation Services Limited) और नकदी संकट से जूझ रही स्पाइसजेट एयरलाइन एक अंतरिम समझौते पर पहुंच गई है. सुनवाई के दौरान, दोनों पक्षों के कानूनी प्रतिनिधियों ने अदालत को सूचित किया कि निपटान की शर्तों पर सहमति हो गई है और परिणामस्वरूप, दोनों कानूनी टीमों ने स्थगन का अनुरोध किया. अदालत ने 8 फरवरी, 2024 को मामले की सुनवाई तय करते हुए स्थगन मंजूर कर लिया.
बता दें, समझौते के तहत स्पाइसजेट को जनवरी तक इंजन लीज फाइनेंस बीवी को 2 मिलियन डॉलर से अधिक का भुगतान करना होगा. इसके अलावा, स्पाइसजेट ने विवादित इंजन को 25 जनवरी तक वापस करने की प्रतिबद्धता जताई है. यदि स्पाइसजेट इन दायित्वों को पूरा करने में विफल रहता है तो इंजन लीज फाइनेंस बीवी के पास समाप्ति को बनाए रखने और कानूनी कार्रवाई करने का अधिकार बरकरार है.
27 सितंबर को इंजन लीज बीवी ने बचे हुए एकमात्र इंजन को वापस करने की मांग करते हुए मामले को दिल्ली उच्च न्यायालय में ले जाया था. पट्टादाता ने शुरू में कम लागत वाले वाहक को नौ इंजन पट्टे पर दिए थे, और पट्टा समझौते की शर्तों के अनुसार, समझौता समाप्त होने पर आठ इंजन वापस कर दिए गए थे. पिछली सुनवाई के दौरान इंजन लीज का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ वकील राजशेखर राव और वकील आनंद वेंकटरमणी ने अदालत से स्पाइसजेट को इंजन का उपयोग करने से रोकने का अनुरोध किया था. समझौते में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि लीज समाप्त होने के बाद एयरलाइन इंजन का उपयोग जारी रखने के लिए अधिकृत नहीं है.