नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने हुवावे इंडिया के सीईओ ली जिओंगवेई और चार अन्य शीर्ष अधिकारियों को आयकर विभाग की एक शिकायत पर तलब किया है. कोर्ट ने कहा कि चीनी इलेक्ट्रॉनिक कंपनी के गुरुग्राम कार्यालय में तलाशी के दौरान अकाउंट बुक और प्रासंगिक दस्तावेज जानबूझकर उपलब्ध नहीं कराए गए. अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अनुराग ठाकुर ने हाल के एक आदेश में कहा, 'आरोपी व्यक्तियों की आपराधिक मानसिक स्थिति का अनुमान लगाया जाना है.'
उन्होंने कहा कि आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 275-बी और धारा 278-बी के तहत आरोपी व्यक्तियों को समन करने के लिए पर्याप्त सामग्री है. शिकायत के अनुसार, 15 फरवरी को, आयकर विभाग ने खातों की पुस्तकों के सत्यापन के लिए हुआवेई कम्युनिकेशंस के गुरुग्राम कार्यालय में तलाशी ली. हालांकि, तलाशी के दौरान, कंपनी के सीईओ ली जिओंगवेई, संदीप भाटिया, अमित दुग्गल और लॉन्ग चेंग ने जानबूझकर का विभाग के साथ सहयोग नहीं किया.
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उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कंपनी के अधिकारी आईटी अधिकारियों को पर्याप्त सुविधाएं प्रदान करने में विफल रहे और मांगे गए संबंधित दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए. अदालत ने यह भी नोट किया कि जिओंगवेई और अन्य ने जानबूझकर आईटी विभाग को अपने बयान में कुछ सवालों के अस्पष्ट जवाब देने का विकल्प चुना. आगे यह भी नोट किया गया कि आरोपी केवल दस्तावेजों तक पहुंच से इनकार करने के लिए अधिकृत अधिकारी को भ्रमित करने की कोशिश कर रहे थे और आसानी से उपलब्ध डेटा और जानकारी प्रस्तुत करने में अनुचित रूप से लंबा समय लगा. हाल ही में जिओंगवेई ने दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था, जिसमें उनके खिलाफ एक लुक आउट सर्कुलर (एलओसी) को रद्द करने की मांग की गई थी, जिसने चीनी नागरिक को देश छोड़ने से रोक दिया था.
(आईएएनएस)