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Adani-Hindenburg Case: एससी समिति की रिपोर्ट, अडाणी के शेयरों में संदिग्ध सौदों के लिए 6 इकाइयां जांच के घेरे में

एससी समिति ने अपनी रिपोर्ट में पाया है कि अडाणी के शेयरों में संदिग्ध सौदों में चार विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) और एक कॉरपोरेट इकाई और एक व्यक्ति शामिल हैं. इस तरह कुल 6 इकाइयां जांच के घेरे में हैं. रिपोर्ट में और क्या कुछ कहा गया है, जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर...

Adani-Hindenburg Case
अडाणी हिंडनबर्ग केस
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Published : May 21, 2023, 5:28 PM IST

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई एक्सपर्ट पैनल ने कहा है कि चार विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) सहित छह इकाइयां अडाणी समूह के शेयरों में संदिग्ध सौदों के लिए जांच के घेरे में हैं. एक्सपर्ट पैनल ने 178 पेजों की अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 24 जनवरी को हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट से पहले Adani Group के शेयरों में ‘शॉर्ट पोजिशन’ (भाव गिरने पर मुनाफा कमाना) बनाई गई और भाव गिरने पर इन सौदों में पर्याप्त मुनाफा दर्ज किया गया.

एक्सपर्ट पैनल ने कहा है कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में Adani Group पर शेयरों के भाव में हेराफेरी करने और धनशोधन के आरोप लगाए जाने के बाद इन शेयरों के भाव में भारी गिरावट आने पर इन शेयर सौदों में मुनाफा कमाया गया. बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) अडाणी समूह के खिलाफ आरोपों की पहले से ही जांच कर रहा था. हिंडनबर्ग रिपोर्ट में गंभीर आरोप लगाए जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट (SC) ने 6 सदस्यों की एक एक्सपर्ट पैनल यानी समिति बनाई. जिसकी अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज ए एम सप्रे को सौंपी गई. जबकि ओ पी भट्ट, के वी कामत, नंदन नीलेकणि और सोमशेखर सुंदरेशन इसके सदस्य है.

पढ़ें : Adani-Hindenburg Issue : एससी की एक्सपर्ट कमिटी ने सौंपी रिपोर्ट, कहा SEBI की विफलता पर कुछ भी कहना मुश्किल

SC समिति की रिपोर्ट में कहा गया कि कैश मामले में अडाणी के शेयरों के संबंध में कोई प्रतिकूल बात नहीं पाई गई, लेकिन छह इकाइयों की ओर से संदिग्ध सौदे हुए. इनमें से 4 Foreign portfolio investment (FPI), एक कॉरपोरेट इकाई और एक व्यक्ति शामिल हैं. हालांकि रिपोर्ट में छह में से किसी भी व्यक्ति का नाम नहीं बताया गया है. समिति ने कहा है कि फिलहाल वह इस संबंध में किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच रहे हैं क्योंकि वह जांच की शुरुआती चरण में हैं और वह साक्ष्य की गुणवत्ता के संबंध में कोई टिप्पणी नहीं कर रहे हैं. समिति ने कहा कि इन मामलों की विस्तृत जांच की जा रही है.

गौरतलब है कि 24 जनवरी को हिंडनबर्ग ने आडाणी समूह को लेकर अपनी एक रिपोर्ट जारी की. जिसमें स्टॉक मैन्यूपुलेशन, शेयरों में धोखाधड़ी जैसे 86 गंभीर आरोप लगाए गए. इन आरोपों के बाद अडाणी समूह के शेयरों में भारी गिरावट आई थी. इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा. जहां कोर्ट ने निवेशकों के हित की रक्षा के लिए जांच के आदेश दिए. साथ ही एक छह सदस्यीय एक्सपर्ट पैनल की टीम भी गठित की. हालांकि, अडाणी समूह ने हिंडनबर्ग के सभी आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए खारिज कर दिया था. लेकिन फिर भी निवेशकों का भरोसा Adani Group पर नहीं लौटा.

पढ़ें : Adani-Hindenburg Case : 2016 से अडाणी ग्रुप की जांच को सेबी ने बताया निराधार, कहा कोई कंपनी शामिल नहीं

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई एक्सपर्ट पैनल ने कहा है कि चार विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) सहित छह इकाइयां अडाणी समूह के शेयरों में संदिग्ध सौदों के लिए जांच के घेरे में हैं. एक्सपर्ट पैनल ने 178 पेजों की अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 24 जनवरी को हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट से पहले Adani Group के शेयरों में ‘शॉर्ट पोजिशन’ (भाव गिरने पर मुनाफा कमाना) बनाई गई और भाव गिरने पर इन सौदों में पर्याप्त मुनाफा दर्ज किया गया.

एक्सपर्ट पैनल ने कहा है कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में Adani Group पर शेयरों के भाव में हेराफेरी करने और धनशोधन के आरोप लगाए जाने के बाद इन शेयरों के भाव में भारी गिरावट आने पर इन शेयर सौदों में मुनाफा कमाया गया. बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) अडाणी समूह के खिलाफ आरोपों की पहले से ही जांच कर रहा था. हिंडनबर्ग रिपोर्ट में गंभीर आरोप लगाए जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट (SC) ने 6 सदस्यों की एक एक्सपर्ट पैनल यानी समिति बनाई. जिसकी अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज ए एम सप्रे को सौंपी गई. जबकि ओ पी भट्ट, के वी कामत, नंदन नीलेकणि और सोमशेखर सुंदरेशन इसके सदस्य है.

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SC समिति की रिपोर्ट में कहा गया कि कैश मामले में अडाणी के शेयरों के संबंध में कोई प्रतिकूल बात नहीं पाई गई, लेकिन छह इकाइयों की ओर से संदिग्ध सौदे हुए. इनमें से 4 Foreign portfolio investment (FPI), एक कॉरपोरेट इकाई और एक व्यक्ति शामिल हैं. हालांकि रिपोर्ट में छह में से किसी भी व्यक्ति का नाम नहीं बताया गया है. समिति ने कहा है कि फिलहाल वह इस संबंध में किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच रहे हैं क्योंकि वह जांच की शुरुआती चरण में हैं और वह साक्ष्य की गुणवत्ता के संबंध में कोई टिप्पणी नहीं कर रहे हैं. समिति ने कहा कि इन मामलों की विस्तृत जांच की जा रही है.

गौरतलब है कि 24 जनवरी को हिंडनबर्ग ने आडाणी समूह को लेकर अपनी एक रिपोर्ट जारी की. जिसमें स्टॉक मैन्यूपुलेशन, शेयरों में धोखाधड़ी जैसे 86 गंभीर आरोप लगाए गए. इन आरोपों के बाद अडाणी समूह के शेयरों में भारी गिरावट आई थी. इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा. जहां कोर्ट ने निवेशकों के हित की रक्षा के लिए जांच के आदेश दिए. साथ ही एक छह सदस्यीय एक्सपर्ट पैनल की टीम भी गठित की. हालांकि, अडाणी समूह ने हिंडनबर्ग के सभी आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए खारिज कर दिया था. लेकिन फिर भी निवेशकों का भरोसा Adani Group पर नहीं लौटा.

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