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रिजर्व बैंक ने राज्यस्तरीय बैंकरों से डिजिटल भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र का विस्तार करने को कहा - डिजिटल भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र

रिजर्व बैंक की अधिसूचना में कहा गया है कि डिजिटल भुगतान पारिस्थतिकी तंत्र के विस्तार के लिए सभी राज्यों- संघ शासित प्रदेशों की की बैंकर समितियों (एसएलबीसी-यूएलबीसी) से अपने राज्य में पायलट आधार पर कम से कम एक जिले की पहचान करने को कहा गया है.

रिजर्व बैंक ने राज्यस्तरीय बैंकरों से डिजिटल भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र का विस्तार करने को कहा
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Published : Oct 7, 2019, 10:03 PM IST

मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक ने सभी राज्यस्तरीय बैंकर समितियों को पायलट आधार पर एक जिले का चयन करने को कहा है ताकि डिजिटल भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र का विस्तार किया जा सके.

रिजर्व बैंक की अधिसूचना में कहा गया है कि डिजिटल भुगतान पारिस्थतिकी तंत्र के विस्तार के लिए सभी राज्यों- संघ शासित प्रदेशों की की बैंकर समितियों (एसएलबीसी-यूएलबीसी) से अपने राज्य में पायलट आधार पर कम से कम एक जिले की पहचान करने को कहा गया है.

इन जिलों का चयन बैंकों और अंशधारकों के साथ विचार विमर्श के बाद किया जाएगा. राज्यस्तरीय बैंकर समिति का गठन अप्रैल, 1977 में एक शीर्ष अंतर संस्थागत मंच के रूप में सभी राज्यों में उचित संयोजन मशीनरी के सृजन के लिए किया गया था.

ये भी पढ़ें: खत्म हुआ स्विस बैंक के 'गोपनीयता का युग', भारत को विवरण का पहला सेट मिला

रिजर्व बैंक ने कहा,"प्रत्येक पहचाने गए जिले को एक बैंक को आवंटित किया जाएगा. उस बैंक को जिले को एक साल में 100 प्रतिशत डिजिटल अनुकूल बनाना होगा. इससे जिले का प्रत्येक व्यक्ति सुरक्षित तरीके, तेजी, सस्ती दर और सुविधाजनक तरीके से भुगतान प्राप्त कर सकेगा."

मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक ने सभी राज्यस्तरीय बैंकर समितियों को पायलट आधार पर एक जिले का चयन करने को कहा है ताकि डिजिटल भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र का विस्तार किया जा सके.

रिजर्व बैंक की अधिसूचना में कहा गया है कि डिजिटल भुगतान पारिस्थतिकी तंत्र के विस्तार के लिए सभी राज्यों- संघ शासित प्रदेशों की की बैंकर समितियों (एसएलबीसी-यूएलबीसी) से अपने राज्य में पायलट आधार पर कम से कम एक जिले की पहचान करने को कहा गया है.

इन जिलों का चयन बैंकों और अंशधारकों के साथ विचार विमर्श के बाद किया जाएगा. राज्यस्तरीय बैंकर समिति का गठन अप्रैल, 1977 में एक शीर्ष अंतर संस्थागत मंच के रूप में सभी राज्यों में उचित संयोजन मशीनरी के सृजन के लिए किया गया था.

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रिजर्व बैंक ने कहा,"प्रत्येक पहचाने गए जिले को एक बैंक को आवंटित किया जाएगा. उस बैंक को जिले को एक साल में 100 प्रतिशत डिजिटल अनुकूल बनाना होगा. इससे जिले का प्रत्येक व्यक्ति सुरक्षित तरीके, तेजी, सस्ती दर और सुविधाजनक तरीके से भुगतान प्राप्त कर सकेगा."

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मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक ने सभी राज्यस्तरीय बैंकर समितियों को पायलट आधार पर एक जिले का चयन करने को कहा है ताकि डिजिटल भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र का विस्तार किया जा सके.

रिजर्व बैंक की अधिसूचना में कहा गया है कि डिजिटल भुगतान पारिस्थतिकी तंत्र के विस्तार के लिए सभी राज्यों- संघ शासित प्रदेशों की की बैंकर समितियों (एसएलबीसी-यूएलबीसी) से अपने राज्य में पायलट आधार पर कम से कम एक जिले की पहचान करने को कहा गया है.

इन जिलों का चयन बैंकों और अंशधारकों के साथ विचार विमर्श के बाद किया जाएगा. राज्यस्तरीय बैंकर समिति का गठन अप्रैल, 1977 में एक शीर्ष अंतर संस्थागत मंच के रूप में सभी राज्यों में उचित संयोजन मशीनरी के सृजन के लिए किया गया था.

रिजर्व बैंक ने कहा,"प्रत्येक पहचाने गए जिले को एक बैंक को आवंटित किया जाएगा. उस बैंक को जिले को एक साल में 100 प्रतिशत डिजिटल अनुकूल बनाना होगा. इससे जिले का प्रत्येक व्यक्ति सुरक्षित तरीके, तेजी, सस्ती दर और सुविधाजनक तरीके से भुगतान प्राप्त कर सकेगा."

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