नई दिल्ली : केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि भारत के चमड़ा उद्योग को विश्व में पहला स्थान बनाने की आकांक्षा करनी चाहिए. नई दिल्ली में बुधवार को चमड़ा निर्यात परिषद (CLE) के राष्ट्रीय निर्यात उत्कृष्टता पुरस्कार (National Export Excellence Awards) समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हम पहले ही दुनिया में दूसरे सबसे बड़े चमड़ा उद्योग हैं.
गोयल ने कहा, मैं इस बात से बहुत संतुष्ट हूं कि आप 2025 तक कम से कम 10 बिलियन डॉलर तक बढ़ने की आकांक्षा कर रहे हैं, हालांकि अभी भी यह आपको केवल 15-17 प्रतिशत की वृद्धि दर ही प्रदान कर रहा है. जबकि आप सबकी क्षमता पर गौर करने के बाद... मैं समझता हूं कि हम और भी अधिक महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित कर सकते हैं.
साथ ही गोयल ने कहा कि कोल्हापुरी चप्पल (Kolhapuri Chappals) अकेले एक अरब डॉलर के निर्यात लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं.
केंद्रीय कपड़ा मंत्री गोयल ने चमड़ा उद्योग से आत्मनिर्भर बनने की अपील की और कहा कि सरकार की योजनाओं को शुरू करने, जमीन देने (सब्सिडी दरों पर) की प्रतीक्षा न करें. उन्होंने कहा, ये सभी चीजें आपकी प्रगति को रोक देंगी.
उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार चमड़ा बनाने वाली फैक्ट्रियों के निकट बीआईएस मानक प्रयोगशालाओं की स्थापना करके चमड़ा उद्योग को लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करेगी.
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गोयल ने कहा, आपका उद्योग नवोन्मेषण, उच्च गुणवत्ता, डिजाइन, निर्यात में अच्छा सम्मान, विश्व बाजारों में अग्रणी रहा है.
गोयल ने कहा कि भारत का चमड़ा उद्योग शेष दुनिया की तुलना में प्रतिस्पर्धी और तुलनात्मक लाभ वाला रहा है और उसका लक्ष्य 'मेड इन इंडिया' ब्रांड को उत्कृष्टता का हॉलमार्क बनाना है.
उन्होंने कहा, मैं समझता हूं कि बहुत सारे (उच्च गुणवत्ता वाले) उत्पाद भारत में बनते हैं लेकिन वे दुनिया भर में इनमें से कुछ कंपनियों की ब्रांडिंग प्रक्रियाओं द्वारा उच्च मार्क-अप्स को बेचे जाते हैं.