मुंबई : क्रेडिट कार्ड से जुड़ी यहां खबर सभी के लिए जरूरी है, जो उपभोक्ता क्रेडिट कार्ड से ज्यादा लेन देन रखते हैं, क्योंकि एचडीएफसी बैंक अगले एक साल में क्रेडिट कार्ड बाजार में अपनी बाजार हिस्सेदारी को वापस हासिल करने का लक्ष्य लेकर चल रहा है. भारतीय रिजर्व बैंक ने निजी क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक पर नए क्रेडिट कार्ड जारी करने की रोक को हाल में हटाया गया है.
संपत्ति के लिहाज से निजी क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक को करीब आठ माह बाद रिजर्व बैंक ने पिछले सप्ताह फिर से नए क्रेडिट कार्ड जारी करने की अनुमति दी है. प्रौद्योगिकी के मोर्चे पर लगातार आ रही अड़चनों के बाद केंद्रीय बैंक ने एचडीएफसी बैंक के नए क्रेडिट कार्ड जारी करने पर रोक लगा दी थी.
एचडीएफसी बैंक के भुगतान एवं उपभोक्ता वित्त, डिजिटल बैंकिंग और आईटी के समूह प्रमुख पराग राव ने यहां संवाददाताओं से कहा कि बैंक इस बाजार में फिर उतर रहा है. ऐसे में उसने अपने लिए कुछ लक्ष्य तय किए हैं.
राव ने कहा कि हमारा पहला लक्ष्य नए क्रेडिट कार्डों की बिक्री को तीन लाख पर पहुंचाने का है. नवंबर, 2020 में प्रतिबंध से पहले बैंक यह आंकड़ा हासिल कर रहा था. उन्होंने कहा कि बैंक तीन महीने में इस आंकड़े को हासिल कर लेगा.
उन्होंने कहा कि इसकी दो तिमाहियों के बाद हमारा लक्ष्य मासिक आधार पर क्रेडिट कार्ड बिक्री को पांच लाख पर पहुंचाने का है. अब से तीन-चार तिमाहियों के दौरान हम संख्या के हिसाब से अपनी क्रेडिट कार्ड हिस्सेदारी को हासिल कर लेंगे.
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राव ने कहा कि प्रतिबंध के दौरान बैंक ने कार्डों की संख्या के हिसाब से अपनी बाजार हिस्सेदारी गंवाई है लेकिन, उसने ग्राहकों को खर्च करने के लिए प्रोत्साहित किया. इस लिहाज से वह अपनी बाजार हिस्सेदारी को कायम रखने में सफल रहा है.
आंकड़ों के अनुसार, प्रतिबंध की वजह से कार्डों की संख्या के लिहाज से बैंक की बाजार हिस्सेदारी दो प्रतिशत अंक घटकर 25 प्रतिशत से कम रह गई है.आईसीआईसीआई बैंक तथा एसबीआई कार्ड्स ने इस अवसर का लाभ उठाया और बाजार हिस्सेदारी में अंतर को कम किया है.राव ने कहा कि उसके कार्ड पोर्टफोलियो में अप्रैल-जून तिमाही में क्रेडिट कार्ड पर खर्च 60 प्रतिशत बढ़ा है.
(पीटीआई-भाषा)