नई दिल्ली: खाद्य कीमतों में नरमी के चलते थोक कीमतों पर आधारित मुद्रास्फीति सितंबर में घटकर 10.66 प्रतिशत पर आ गई, हालांकि इस दौरान कच्चे तेल में तेजी देखी गई. थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित मुद्रास्फीति लगातार छठे महीने दो अंकों में रही.
अगस्त में यह 11.39 फीसदी थी, जबकि सितंबर 2020 में महंगाई 1.32 फीसदी थी.
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने एक बयान में कहा, पिछले वर्ष के इसी महीने के मुकाबले सितंबर 2021 में मुद्रास्फीति की उच्च दर मुख्य रूप से खनिज तेलों, मूल धातुओं, गैर-खाद्य वस्तुओं, खाद्य उत्पादों, कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस, रसायनों और रासायनिक उत्पादों आदि की कीमतों में वृद्धि के कारण है.
खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति में लगातार पांचवें महीने कमी हुई. इस दौरान सब्जियां सस्ती हुईं, हालांकि दलहन में तेज बनी रहीं.
ईंधन और बिजली की मुद्रास्फीति सितंबर में 24.91 प्रतिशत थी, जो इससे पिछले महीने 26.09 प्रतिशत थी.
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कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस की कीमतों में सितंबर में 43.92 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो इससे पिछले महीने में 40.03 प्रतिशत थी. विनिर्मित उत्पादों की मुद्रास्फीति इस दौरान 11.41 प्रतिशत रही.
(पीटीआई-भाषा)