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पांच लाख रुपये तक की कर योग्य आय वाले वरिष्ठ नागरिक बैंक ब्याज पर ले सकते हैं टीडीएस छूट

केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने अब फार्म 15एच में संशोधन को लेकर अधिसूचना जारी कर दी है. यह संशोधन बजट में की गई घोषणा को अमल में लाने के लिये है. वर्ष 2019- 20 के बजट में पांच लाख रुपये तक की कर योग्य आय वाले व्यक्तिगत करदाताओं को कर से पूरी तरह छूट दी गई है. इसका लाभ तीन करोड़ मध्यम वर्ग के करदाताओं को मिलेगा.

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Published : May 23, 2019, 7:29 PM IST

पांच लाख रुपये तक की कर योग्य आय वाले वरिष्ठ नागरिक बैंक ब्याज पर ले सकते हैं टीडीएस छूट

नई दिल्ली: केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा है कि पांच लाख रुपये तक की कर योग्य आय वरिष्ठ नागरिक अब बैंकों और डाकघरों में जमा राशि पर मिलने वाली ब्याज आय पर टीडीएस कटौती से छूट के लिये फार्म 15एच को जमा करा सकते हैं. इससे पहले स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) की यह सीमा इससे पहले ढाई लाख रुपये तक थी.

केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने अब फार्म 15एच में संशोधन को लेकर अधिसूचना जारी कर दी है. यह संशोधन बजट में की गई घोषणा को अमल में लाने के लिये है. वर्ष 2019- 20 के बजट में पांच लाख रुपये तक की कर योग्य आय वाले व्यक्तिगत करदाताओं को कर से पूरी तरह छूट दी गई है. इसका लाभ तीन करोड़ मध्यम वर्ग के करदाताओं को मिलेगा.

ये भी पढ़ें: एनबीएफसी कंपनियों को विशेष कर्ज सुविधा देने के पक्ष में नहीं रिजर्व बैंक

सीबीडीटी के संशोधन में कहा गया है कि आयकर कानून 1961 की धारा 87ए के तहत दी गई छूट को ध्यान में रखते हुये जिन करदाताओं की कर देनदारी शून्य है बैंक और वित्तीय संस्थान अब ऐसे करदाताओं से फार्म 15एच स्वीकार कर सकते हैं.

साठ साल से ऊपर आयु के वरिष्ठ नागरिकों को वित्त वर्ष की शुरुआत में फार्म 15एच भरकर देना होता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उनकी ब्याज आय पर कोई कर कटौती नहीं की जा सके.

उल्लेखनीय है कि 2019- 20 के बजट में पांच लाख रुपये सालाना की आय रखने वालों को आयकर की धारा 87ए के तहत कर छूट को 2,500 रुपये से बढ़ाकर 12,500 रुपये कर दिया गया था. इसमें पांच लाख रुपये तक की कर योग्य आय वाले कर देनदारी से मुक्त हो गये.

नई दिल्ली: केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा है कि पांच लाख रुपये तक की कर योग्य आय वरिष्ठ नागरिक अब बैंकों और डाकघरों में जमा राशि पर मिलने वाली ब्याज आय पर टीडीएस कटौती से छूट के लिये फार्म 15एच को जमा करा सकते हैं. इससे पहले स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) की यह सीमा इससे पहले ढाई लाख रुपये तक थी.

केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने अब फार्म 15एच में संशोधन को लेकर अधिसूचना जारी कर दी है. यह संशोधन बजट में की गई घोषणा को अमल में लाने के लिये है. वर्ष 2019- 20 के बजट में पांच लाख रुपये तक की कर योग्य आय वाले व्यक्तिगत करदाताओं को कर से पूरी तरह छूट दी गई है. इसका लाभ तीन करोड़ मध्यम वर्ग के करदाताओं को मिलेगा.

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सीबीडीटी के संशोधन में कहा गया है कि आयकर कानून 1961 की धारा 87ए के तहत दी गई छूट को ध्यान में रखते हुये जिन करदाताओं की कर देनदारी शून्य है बैंक और वित्तीय संस्थान अब ऐसे करदाताओं से फार्म 15एच स्वीकार कर सकते हैं.

साठ साल से ऊपर आयु के वरिष्ठ नागरिकों को वित्त वर्ष की शुरुआत में फार्म 15एच भरकर देना होता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उनकी ब्याज आय पर कोई कर कटौती नहीं की जा सके.

उल्लेखनीय है कि 2019- 20 के बजट में पांच लाख रुपये सालाना की आय रखने वालों को आयकर की धारा 87ए के तहत कर छूट को 2,500 रुपये से बढ़ाकर 12,500 रुपये कर दिया गया था. इसमें पांच लाख रुपये तक की कर योग्य आय वाले कर देनदारी से मुक्त हो गये.

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नई दिल्ली: केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा है कि पांच लाख रुपये तक की कर योग्य आय वरिष्ठ नागरिक अब बैंकों और डाकघरों में जमा राशि पर मिलने वाली ब्याज आय पर टीडीएस कटौती से छूट के लिये फार्म 15एच को जमा करा सकते हैं. इससे पहले स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) की यह सीमा इससे पहले ढाई लाख रुपये तक थी.

केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने अब फार्म 15एच में संशोधन को लेकर अधिसूचना जारी कर दी है. यह संशोधन बजट में की गई घोषणा को अमल में लाने के लिये है. वर्ष 2019- 20 के बजट में पांच लाख रुपये तक की कर योग्य आय वाले व्यक्तिगत करदाताओं को कर से पूरी तरह छूट दी गई है. इसका लाभ तीन करोड़ मध्यम वर्ग के करदाताओं को मिलेगा.

सीबीडीटी के संशोधन में कहा गया है कि आयकर कानून 1961 की धारा 87ए के तहत दी गई छूट को ध्यान में रखते हुये जिन करदाताओं की कर देनदारी शून्य है बैंक और वित्तीय संस्थान अब ऐसे करदाताओं से फार्म 15एच स्वीकार कर सकते हैं.

साठ साल से ऊपर आयु के वरिष्ठ नागरिकों को वित्त वर्ष की शुरुआत में फार्म 15एच भरकर देना होता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उनकी ब्याज आय पर कोई कर कटौती नहीं की जा सके.

उल्लेखनीय है कि 2019- 20 के बजट में पांच लाख रुपये सालाना की आय रखने वालों को आयकर की धारा 87ए के तहत कर छूट को 2,500 रुपये से बढ़ाकर 12,500 रुपये कर दिया गया था. इसमें पांच लाख रुपये तक की कर योग्य आय वाले कर देनदारी से मुक्त हो गये.

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