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आर्थिक नरमी चक्रीय, भारत में निवेश का सही समय: गोयल

गोयल ने कहा, एक अर्थव्यवस्था के रूप में भारत में काफी अवसर हैं. हमारी अर्थव्यवस्था भी दुनिया की अन्य अर्थव्यवस्था की तरह ही है, इस तरह की आर्थिक सुस्ती नहीं हो तो यह बेहतर कर सकती है. हाल के समय में चुनौतियां बढ़ी हैं.

आर्थिक नरमी चक्रीय, भारत में निवेश का सही समय: गोयल
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Published : Oct 15, 2019, 5:47 PM IST

नई दिल्ली: वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को कहा कि हाल की आर्थिक नरमी चक्रीय है और वृद्धि में फिर से तेजी आने से पहले भारत में निवेश का यह सही समय है. उन्होंने स्वीकार किया कि देश की आर्थिक वृद्धि पिछली दो तिमाहियों...जनवरी-मार्च और अप्रैल-जून...में धीमी हुई है और छह साल के न्यूनतम स्तर 5 प्रतिशत रह गयी. उन्होंने माना कि भारत तीव्र वृद्धि वाली बड़ी अर्थव्यवस्था नहीं रह गयी है.

सेरा वीक इंडिया एनर्जी फोरम में एक परिचर्चा के दौरान गोयल ने कहा, "एक अर्थव्यवस्था के रूप में भारत में काफी अवसर हैं. हमारी अर्थव्यवस्था भी दुनिया की अन्य अर्थव्यवस्था की तरह ही है, इस तरह की आर्थिक सुस्ती नहीं हो तो यह बेहतर कर सकती है. हाल के समय में चुनौतियां बढ़ी हैं."

उन्होंने आगे कहा कि पिछली दो तिमाहियों से पहले लगभग चार-पांच साल हमारी गति अच्छी रही. मौजूदा नरमी चक्रीय है और यह विभिन्न क्षेत्रों में अवसर प्रदान करती है.

मंत्री ने कहा, "मुझे नरमी दिखाई दे रही है लेकिन मैं इससे व्याकुल नहीं हूं. यह हम सभी के लिये एक अवसर है. हम क्षमताओं, उत्पादकता और उत्पादन लागत का फिर से आकलन करें."

ये भी पढ़ें: मोबाइल दरें उद्योग के लिये व्यवहारिक नहीं, इन्हें बढ़ाने की जरूरत: एयरटेल इंडिया सीईओ

उन्होंने जोर देकर कहा कि देश में निवेश का यह सही समय है. उन्होंने निवेशकों से अर्थव्यवस्था में फिर से तेजी आने से पहले निवेशकों से निवेश करने को कहा. आर्थिक वृद्धि को गति देने के सरकार के प्रयासों के बारे में उन्होंने कहा कि पिछले पांच साल में भारत ने सामूहिक रूप से निवेश देखा जो पिछले पांच साल के मुकाबले ढाई गुना था.

उन्होंने कहा कि भारतीय रेलवे वृद्धि का इंजन बनने के साथ लॉजिस्टिक लागत नीचे लाने के लिये अगले 12 साल में 700 अरब डॉलर के कार्यक्रम पर जोर देगा. लॉजिस्टिक लागत से देश के सभी उद्योगों पर प्रभाव पड़ेगा.

गोयल ने कहा कि इसी प्रकार बुनियादी ढांचा क्षेत्र में अगले पांच साल में 1,400 अरब डॉलर निवेश निवेश का दृष्टकोण है, इससे निश्चित रूप से वृद्धि को गति मिलेगी.

नई दिल्ली: वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को कहा कि हाल की आर्थिक नरमी चक्रीय है और वृद्धि में फिर से तेजी आने से पहले भारत में निवेश का यह सही समय है. उन्होंने स्वीकार किया कि देश की आर्थिक वृद्धि पिछली दो तिमाहियों...जनवरी-मार्च और अप्रैल-जून...में धीमी हुई है और छह साल के न्यूनतम स्तर 5 प्रतिशत रह गयी. उन्होंने माना कि भारत तीव्र वृद्धि वाली बड़ी अर्थव्यवस्था नहीं रह गयी है.

सेरा वीक इंडिया एनर्जी फोरम में एक परिचर्चा के दौरान गोयल ने कहा, "एक अर्थव्यवस्था के रूप में भारत में काफी अवसर हैं. हमारी अर्थव्यवस्था भी दुनिया की अन्य अर्थव्यवस्था की तरह ही है, इस तरह की आर्थिक सुस्ती नहीं हो तो यह बेहतर कर सकती है. हाल के समय में चुनौतियां बढ़ी हैं."

उन्होंने आगे कहा कि पिछली दो तिमाहियों से पहले लगभग चार-पांच साल हमारी गति अच्छी रही. मौजूदा नरमी चक्रीय है और यह विभिन्न क्षेत्रों में अवसर प्रदान करती है.

मंत्री ने कहा, "मुझे नरमी दिखाई दे रही है लेकिन मैं इससे व्याकुल नहीं हूं. यह हम सभी के लिये एक अवसर है. हम क्षमताओं, उत्पादकता और उत्पादन लागत का फिर से आकलन करें."

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उन्होंने जोर देकर कहा कि देश में निवेश का यह सही समय है. उन्होंने निवेशकों से अर्थव्यवस्था में फिर से तेजी आने से पहले निवेशकों से निवेश करने को कहा. आर्थिक वृद्धि को गति देने के सरकार के प्रयासों के बारे में उन्होंने कहा कि पिछले पांच साल में भारत ने सामूहिक रूप से निवेश देखा जो पिछले पांच साल के मुकाबले ढाई गुना था.

उन्होंने कहा कि भारतीय रेलवे वृद्धि का इंजन बनने के साथ लॉजिस्टिक लागत नीचे लाने के लिये अगले 12 साल में 700 अरब डॉलर के कार्यक्रम पर जोर देगा. लॉजिस्टिक लागत से देश के सभी उद्योगों पर प्रभाव पड़ेगा.

गोयल ने कहा कि इसी प्रकार बुनियादी ढांचा क्षेत्र में अगले पांच साल में 1,400 अरब डॉलर निवेश निवेश का दृष्टकोण है, इससे निश्चित रूप से वृद्धि को गति मिलेगी.

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नई दिल्ली: वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को कहा कि हाल की आर्थिक नरमी चक्रीय है और वृद्धि में फिर से तेजी आने से पहले भारत में निवेश का यह सही समय है. उन्होंने स्वीकार किया कि देश की आर्थिक वृद्धि पिछली दो तिमाहियों...जनवरी-मार्च और अप्रैल-जून...में धीमी हुई है और छह साल के न्यूनतम स्तर 5 प्रतिशत रह गयी. उन्होंने माना कि भारत तीव्र वृद्धि वाली बड़ी अर्थव्यवस्था नहीं रह गयी है.

सेरा वीक इंडिया एनर्जी फोरम में एक परिचर्चा के दौरान गोयल ने कहा, "एक अर्थव्यवस्था के रूप में भारत में काफी अवसर हैं. हमारी अर्थव्यवस्था भी दुनिया की अन्य अर्थव्यवस्था की तरह ही है, इस तरह की आर्थिक सुस्ती नहीं हो तो यह बेहतर कर सकती है. हाल के समय में चुनौतियां बढ़ी हैं."

उन्होंने आगे कहा कि पिछली दो तिमाहियों से पहले लगभग चार-पांच साल हमारी गति अच्छी रही. मौजूदा नरमी चक्रीय है और यह विभिन्न क्षेत्रों में अवसर प्रदान करती है.

मंत्री ने कहा, "मुझे नरमी दिखाई दे रही है लेकिन मैं इससे व्याकुल नहीं हूं. यह हम सभी के लिये एक अवसर है. हम क्षमताओं, उत्पादकता और उत्पादन लागत का फिर से आकलन करें."

उन्होंने जोर देकर कहा कि देश में निवेश का यह सही समय है. उन्होंने निवेशकों से अर्थव्यवस्था में फिर से तेजी आने से पहले निवेशकों से निवेश करने को कहा. आर्थिक वृद्धि को गति देने के सरकार के प्रयासों के बारे में उन्होंने कहा कि पिछले पांच साल में भारत ने सामूहिक रूप से निवेश देखा जो पिछले पांच साल के मुकाबले ढाई गुना था.

उन्होंने कहा कि भारतीय रेलवे वृद्धि का इंजन बनने के साथ लॉजिस्टिक लागत नीचे लाने के लिये अगले 12 साल में 700 अरब डॉलर के कार्यक्रम पर जोर देगा. लॉजिस्टिक लागत से देश के सभी उद्योगों पर प्रभाव पड़ेगा.

गोयल ने कहा कि इसी प्रकार बुनियादी ढांचा क्षेत्र में अगले पांच साल में 1,400 अरब डॉलर निवेश निवेश का दृष्टकोण है, इससे निश्चित रूप से वृद्धि को गति मिलेगी.

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