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योगी कैबिनेट ने तबादला नीति में किया संशोधन, अब 30 जून तक होंगे स्थानांतरण

प्रदेश सरकार ने तबादले की नीति में परिवर्तन किया है. अब 30 जून तक कर्मचारियों के तबादले हो सकेंगे.

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Published : May 29, 2019, 2:04 AM IST

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लखनऊ : योगी सरकार ने राज्य के स्थानांतरण नीति में संशोधन कर दिया है. अब प्रदेश में 30 जून तक तबादले होंगे. पूर्व की नीति के तहत सूबे में सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों के तबादले 30 मई तक ही होने थे. स्थानांतरण सत्र 2019-20 में 30 जून के बाद समूह 'क' के कार्मिकों के तबादले विभागीय मंत्री और मुख्यमंत्री के अनुमोदन के पश्चात ही होंगे. वहीं समूह 'ख' के कार्मिकों के स्थानांतरण हेतु विभागीय मंत्री का अनुमोदन लेना होगा. है.

  • कैबिनेट में प्रस्ताव पास होने के बाद स्थानांतरण नीति में हुए संशोधन के संबंध में प्रदेश के अपर मुख्य सचिव मुकुल सिंहल ने मंगलवार को शासनादेश भी जारी कर दिया.
  • इस शासनादेश की प्रतियां शासन के सभी अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव व सचिवों समेत सूबे के सभी मंडलायुक्तों, जिलाधिकारियों, कोषाधिकारियों और विभागाध्यक्षों को भी भेजी गई है.
  • शासनादेश के माध्यम से सभी वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि शासन, विभागाध्यक्ष, मंडल और जिला स्तर के सभी स्थानांतरण 30 जून तक पूर्ण कर लिये जायें.
  • यह भी बताया गया है कि स्थानांतरण सत्र 2019-20 में 30 जून के बाद समूह ‘क' के कार्मिकों के तबादले विभागीय मंत्री और मुख्यमंत्री के अनुमोदन के पश्चात ही होंगे.
  • वहीं समूह 'ख' के कार्मिकों के स्थानांतरण हेतु विभागीय मंत्री का अनुमोदन लेना होगा. जबकि समूह ‘ग' और ‘घ' के कार्मिकों के तबादले के लिये निर्धारित स्तर से एक स्तर उच्च अधिकारी का अनुमोदन प्राप्त करना आवश्यक होगा.
  • शासनादेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि यह व्यवस्था केवल स्थानांतरण सत्र 2019-20 के लिये ही है. इसके बाद पूर्व की स्थानांतरण नीति यथावत लागू रहेगी.

गौरतलब है कि योगी सरकार ने पिछले वर्ष 2021-22 तक के लिए स्थानांतरण नीति निर्धारित की थी, जिसके तहत प्रदेश में सभी तबादले अप्रैल से 30 मई तक पूरे करने थे. लेकिन लोकसभा चुनाव के कारण 10 मार्च से 26 मई तक जारी आदर्श आचार संहिता के कारण प्रदेश में तबादलों का कार्य संभव न हो सका. ऐसी स्थिति में सरकार ने वर्तमान स्थानांतरण सत्र के लिए तबादला नीति में संशोधन करते हुए इसकी समय सीमा को 30 जून तक बढ़ा दी है.

लखनऊ : योगी सरकार ने राज्य के स्थानांतरण नीति में संशोधन कर दिया है. अब प्रदेश में 30 जून तक तबादले होंगे. पूर्व की नीति के तहत सूबे में सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों के तबादले 30 मई तक ही होने थे. स्थानांतरण सत्र 2019-20 में 30 जून के बाद समूह 'क' के कार्मिकों के तबादले विभागीय मंत्री और मुख्यमंत्री के अनुमोदन के पश्चात ही होंगे. वहीं समूह 'ख' के कार्मिकों के स्थानांतरण हेतु विभागीय मंत्री का अनुमोदन लेना होगा. है.

  • कैबिनेट में प्रस्ताव पास होने के बाद स्थानांतरण नीति में हुए संशोधन के संबंध में प्रदेश के अपर मुख्य सचिव मुकुल सिंहल ने मंगलवार को शासनादेश भी जारी कर दिया.
  • इस शासनादेश की प्रतियां शासन के सभी अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव व सचिवों समेत सूबे के सभी मंडलायुक्तों, जिलाधिकारियों, कोषाधिकारियों और विभागाध्यक्षों को भी भेजी गई है.
  • शासनादेश के माध्यम से सभी वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि शासन, विभागाध्यक्ष, मंडल और जिला स्तर के सभी स्थानांतरण 30 जून तक पूर्ण कर लिये जायें.
  • यह भी बताया गया है कि स्थानांतरण सत्र 2019-20 में 30 जून के बाद समूह ‘क' के कार्मिकों के तबादले विभागीय मंत्री और मुख्यमंत्री के अनुमोदन के पश्चात ही होंगे.
  • वहीं समूह 'ख' के कार्मिकों के स्थानांतरण हेतु विभागीय मंत्री का अनुमोदन लेना होगा. जबकि समूह ‘ग' और ‘घ' के कार्मिकों के तबादले के लिये निर्धारित स्तर से एक स्तर उच्च अधिकारी का अनुमोदन प्राप्त करना आवश्यक होगा.
  • शासनादेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि यह व्यवस्था केवल स्थानांतरण सत्र 2019-20 के लिये ही है. इसके बाद पूर्व की स्थानांतरण नीति यथावत लागू रहेगी.

गौरतलब है कि योगी सरकार ने पिछले वर्ष 2021-22 तक के लिए स्थानांतरण नीति निर्धारित की थी, जिसके तहत प्रदेश में सभी तबादले अप्रैल से 30 मई तक पूरे करने थे. लेकिन लोकसभा चुनाव के कारण 10 मार्च से 26 मई तक जारी आदर्श आचार संहिता के कारण प्रदेश में तबादलों का कार्य संभव न हो सका. ऐसी स्थिति में सरकार ने वर्तमान स्थानांतरण सत्र के लिए तबादला नीति में संशोधन करते हुए इसकी समय सीमा को 30 जून तक बढ़ा दी है.

Intro:लखनऊ। योगी सरकार ने राज्य के स्थानांतरण नीति में संशोधन कर दिया है। अब प्रदेश में 30 जून तक तबादले होंगे। पूर्व की नीति के तहत सूबे में सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों के तबादले 30 मई तक ही होने थे। स्थानांतरण सत्र 2019-20 में 30 जून के बाद समूह ‘क’ के कार्मिकों के तबादले विभागीय मंत्री और मुख्यमंत्री के अनुमोदन के पश्चात ही होंगे। वहीं समूह ‘ख’ के कार्मिकों के स्थानांतरण हेतु विभागीय मंत्री का अनुमोदन लेना होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट बैठक में या प्रस्ताव पास हुआ है इसके बाद तबादला नीति को लेकर शासनादेश जारी किया गया है।


Body:कैबिनेट में प्रस्ताव पास होने के बाद स्थानांतरण नीति में हुए संशोधन के संबंध में प्रदेश के अपर मुख्य सचिव मुकुल सिंहल ने मंगलवार को शासनादेश भी जारी कर दिया। इस शासनादेश की प्रतियां शासन के सभी अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव व सचिवों समेत सूबे के सभी मंडलायुक्तों, जिलाधिकारियों, कोषाधिकारियों और विभागाध्यक्षों को भी भेजी गई है।

शासनादेश के माध्यम से सभी वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि शासन, विभागाध्यक्ष, मंडल और जिला स्तर के सभी स्थानांतरण 30 जून तक पूर्ण कर लिये जायें। यह भी बताया गया है कि स्थानांतरण सत्र 2019-20 में 30 जून के बाद समूह ‘क’ के कार्मिकों के तबादले विभागीय मंत्री और मुख्यमंत्री के अनुमोदन के पश्चात ही होंगे। वहीं समूह ‘ख’ के कार्मिकों के स्थानांतरण हेतु विभागीय मंत्री का अनुमोदन लेना होगा। जबकि समूह ‘ग’ और ‘घ’ के कार्मिकों के तबादले के लिये निर्धारित स्तर से एक स्तर उच्च अधिकारी का अनुमोदन प्राप्त करना आवश्यक बताया गया है।

शासनादेश के अनुसार यदि किसी विभाग द्वारा विशिष्ट आवश्यकताओं के मद्देनजर स्थानांतरण समय अथवा नीति में कोई परिवर्तन अपेक्षित हो तो 15 जून तक विभागीय मंत्री के माध्यम से मुख्यमंत्री का अनुमोदन प्राप्त करने को कहा गया है। शासनादेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि यह व्यवस्था केवल स्थानांतरण सत्र 2019-20 के लिये ही है। इसके बाद पूर्व की स्थानांतरण नीति यथावत लागू रहेगी।

गौरतलब है कि योगी सरकार ने पिछले वर्ष 2021-22 तक के लिए स्थानांतरण नीति निर्धारित की थी, जिसके तहत प्रदेश में सभी तबादले अप्रैल से 30 मई तक पूरे करने थे।  लेकिन, लोकसभा चुनाव के कारण 10 मार्च से 26 मई तक जारी आदर्श आचार संहिता के कारण प्रदेश में तबादलों का कार्य संभव न हो सका। ऐसी स्थिति में सरकार ने वर्तमान स्थानांतरण सत्र के लिए तबादला नीति में संशोधन करते हुए इसकी समय सीमा को 30 जून तक बढ़ा दी है।


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