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गन्ना किसानों की समस्या पर बोले मंत्री, कहा- 'ऑल इज वैल'

प्रदेश भर में गन्ना किसानों का करोड़ों बकाया है. चीनी मिलें किसानों को बकाया का भुगतान नहीं कर रही हैं. इस मामले में योगी सरकार में मंत्री का कहना है कि किसानों को कहीं कोई समस्या नहीं है.

मंत्री उपेंद्र तिवारी ने गन्ना बकाया भुगतान पर दिया बयान.
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Published : Jun 23, 2019, 9:00 AM IST

Updated : Jun 23, 2019, 11:55 AM IST

गोंडा: शासन के तमाम प्रयासों के बावजूद गन्ना किसानों का 239 करोड़ चीनी मिलों ने भुगतान नहीं किया है. इसके चलते किसान परेशान हैं लेकिन उनकी यह परेशानी शासन के मंत्री को नहीं दिख रही है. योगी सरकार में मंत्री उपेंद्र तिवारी का कहना है कि गन्ना किसान बिल्कुल भी परेशान नहीं है. उनका कहना है कि कोई भी गन्ना किसान परेशान नहीं है. सबका भुगतान कर दिया गया है.

मंत्री उपेंद्र तिवारी ने गन्ना बकाया भुगतान पर दिया बयान.
जमीनी हकीकत से अंजान मंत्री साहबगोंडा जिले की मैजापुर, बजाज कुंदरकी व मनकापुर चीनी मिलों को पेराई सत्र 2018-19 के दौरान किसानों का 809 करोड़ का भुगतान किया जाना था. इसमें से अभी तक महज 570 करोड़ का भुगतान किया गया है. भुगतान के मामले में बजाज कुंदरखी फिसड्डी साबित हुई है. हालत यह है वर्तमान पेराई सत्र का अकेले बजाज चीनी मिल पर किसानों का 206 करोड रुपए रुपए बकाया है. वहीं अन्य 33 करोड़ रुपए मनकापुर व मैजापुर चीनी मिलों ने भुगतान नहीं किया है. बीते पेराई सत्र में बजाज चीनी मिल लक्ष्य को भी नहीं भेद पाई. स्थिति खराब होने के नाते पेराई सत्र से 1 महीने पूर्व ही ही चीनी मिल बंद कर दी गई. मिल प्रबंधन ने मिल को नो केन बताकर बंद कर दिया. इसके लिए किसानों ने पुरजोर प्रदर्शन भी किया लेकिन मिल मालिकों के पहुंच के आगे आगे किसानों की आवाज बौनी पड़ गई.

एक बार फिर सूबे के मुख्यमंत्री ने सभी चीनी मिलों को गन्ना किसानों का अगस्त तक शत-प्रतिशत भुगतान करने के निर्देश दिए हैं. विभागीय आंकड़ों पर गौर करें तो भुगतान में सबसे फिसड्डी बजाज कुंदरकी मिल शामिल है. विभागीय सूत्र बताते हैं कि मिल की सीसीएल लिमिट भी बैंक द्वारा नहीं की गई है जिसके चलते भुगतान में बाधा आ रही है.

गन्ना किसानों का लगभग 30 फीसदी भुगतान बकाया है. भुगतान के मामले में बजाज चीनी मिल सबसे फिसड्डी रही है. इस मिल पर गन्ना किसानों का अकेले 206 करोड रुपए बकाया है. इसके लिए आयुक्त के माध्यम से मिल को नोटिस जारी किया गया है. मनकापुर व मैजापुर का भुगतान औसतन ठीक रहा है. जल्द ही बकाया धनराशि का भुगतान करया जाएगा.
- ओम प्रकाश सिंह, जिला गन्ना अधिकारी

गोंडा: शासन के तमाम प्रयासों के बावजूद गन्ना किसानों का 239 करोड़ चीनी मिलों ने भुगतान नहीं किया है. इसके चलते किसान परेशान हैं लेकिन उनकी यह परेशानी शासन के मंत्री को नहीं दिख रही है. योगी सरकार में मंत्री उपेंद्र तिवारी का कहना है कि गन्ना किसान बिल्कुल भी परेशान नहीं है. उनका कहना है कि कोई भी गन्ना किसान परेशान नहीं है. सबका भुगतान कर दिया गया है.

मंत्री उपेंद्र तिवारी ने गन्ना बकाया भुगतान पर दिया बयान.
जमीनी हकीकत से अंजान मंत्री साहबगोंडा जिले की मैजापुर, बजाज कुंदरकी व मनकापुर चीनी मिलों को पेराई सत्र 2018-19 के दौरान किसानों का 809 करोड़ का भुगतान किया जाना था. इसमें से अभी तक महज 570 करोड़ का भुगतान किया गया है. भुगतान के मामले में बजाज कुंदरखी फिसड्डी साबित हुई है. हालत यह है वर्तमान पेराई सत्र का अकेले बजाज चीनी मिल पर किसानों का 206 करोड रुपए रुपए बकाया है. वहीं अन्य 33 करोड़ रुपए मनकापुर व मैजापुर चीनी मिलों ने भुगतान नहीं किया है. बीते पेराई सत्र में बजाज चीनी मिल लक्ष्य को भी नहीं भेद पाई. स्थिति खराब होने के नाते पेराई सत्र से 1 महीने पूर्व ही ही चीनी मिल बंद कर दी गई. मिल प्रबंधन ने मिल को नो केन बताकर बंद कर दिया. इसके लिए किसानों ने पुरजोर प्रदर्शन भी किया लेकिन मिल मालिकों के पहुंच के आगे आगे किसानों की आवाज बौनी पड़ गई.

एक बार फिर सूबे के मुख्यमंत्री ने सभी चीनी मिलों को गन्ना किसानों का अगस्त तक शत-प्रतिशत भुगतान करने के निर्देश दिए हैं. विभागीय आंकड़ों पर गौर करें तो भुगतान में सबसे फिसड्डी बजाज कुंदरकी मिल शामिल है. विभागीय सूत्र बताते हैं कि मिल की सीसीएल लिमिट भी बैंक द्वारा नहीं की गई है जिसके चलते भुगतान में बाधा आ रही है.

गन्ना किसानों का लगभग 30 फीसदी भुगतान बकाया है. भुगतान के मामले में बजाज चीनी मिल सबसे फिसड्डी रही है. इस मिल पर गन्ना किसानों का अकेले 206 करोड रुपए बकाया है. इसके लिए आयुक्त के माध्यम से मिल को नोटिस जारी किया गया है. मनकापुर व मैजापुर का भुगतान औसतन ठीक रहा है. जल्द ही बकाया धनराशि का भुगतान करया जाएगा.
- ओम प्रकाश सिंह, जिला गन्ना अधिकारी

Intro:शासन प्रशासन के तमाम प्रयासों के बावजूद गन्ना किसानों का 239 करोड़ चीनी मिलों ने भुगतान नहीं किया। जिससे किसान परेशान है लेकिन किसानों की यह परेशानी शासन के मंत्री को नहीं दिख रही है। उनका कहना है कि कोई भी गन्ना किसान परेशान नहीं है।


Body:जिले की तीन चीनी मिलों में क्रमशः मैजापुर, बजाज कुंदरकी व मनकापुर चीनी मिलों में पेराई सत्र 2018-19 के दौरान 809 करोड़ के भुगतान इन तीन चीनी मिलों को किसानों का किया जाना था जिसमें से अभी तक चीनी मिलों द्वारा महज 570 करोड़ का भुगतान किया गया है. भुगतान के मामले में बजाज कुंदरखी फिसड्डी साबित हुई है। हालत यह है वर्तमान पेराई सत्र का अकेले बजाज चीनी मिल पर किसानों का 206 करोड रुपए रुपए बकाया है। जबकि अन्य 33 करोड़ रुपए मनकापुर व मैजापुर चीनी मिलों ने भुगतान नहीं किया है। बीते पेराई सत्र में बजाज चीनी मिल लक्ष्य को भी नहीं भेद पाई स्थिति खराब होने के नाते पेराई सत्र से 1 महीने पूर्व ही ही चीनी मिल बंद कर दी गई। मिल प्रबंधन द्वारा मिल को नो केन बताकर बंद कर दिया गया। इसके लिए किसानों ने पुरजोर प्रदर्शन भी किया लेकिन मिल मालिकों के पहुंच के आगे आगे किसानों की आवाज बौनी पड़ गई। एक बार फिर सूबे के मुख्यमंत्री ने सभी चीनी मिलों को गन्ना किसानों का अगस्त तक शत-प्रतिशत भुगतान करने के निर्देश दिए हैं। विभागीय आंकड़ों पर गौर करें तो भुगतान में सबसे फिसड्डी बजाज कुंदरकी मिल शामिल है। विभागीय सूत्र बताते हैं कि मिल की सीसीएल लिमिट भी बैंक द्वारा नहीं की गई है। जिससे भुगतान में बाधा आ रही है। Conclusion:इस संबंध में जिला गन्ना अधिकारी ओम प्रकाश सिंह ने बताया की गन्ना किसानों का लगभग 30 फीसदी भुगतान बकाया है। उन्होंने स्वीकार किया भुगतान के मामले में बजाज चीनी मिल सबसे फिसड्डी रही है। इस मिल पर गन्ना किसानों का अकेले 206 करोड रुपए बकाया है। जिसके लिए आयुक्त के माध्यम से मिल को नोटिस जारी की गई है। मनकापुर व मैजापुर का भुगतान औसतन ठीक रहा है। उन्होंने पूरी उम्मीद जताई कि जल्द ही बकाया धनराशि का भुगतान करवाया जाएगा।

बाईट1- उपेंद्र तिवारी(प्रभारी मंत्री गोण्डा)
बाईट 2- ग्रामीण
बाईट3- ग्रामीण
बाईट 4- ओम प्रकाश सिंह(डीसीओ)

प्रांजल पांडेय
8604534148
Last Updated : Jun 23, 2019, 11:55 AM IST
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