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जानिए घनी बस्ती और अंधेरों में रहने वालों की क्यों की जा रही खोज

बाराबंकी जिले में वर्ल्ड टीबी दिवस पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने सभी चिकित्सकों और कार्यकर्ताओं को जरूरी निर्देश दिए. इस दौरान उन्होंने एक कमरे में ज्यादा लोगों के रहने और क्षयरोग बढ़ने की आशंका होने वाले इलाकों को चिह्नित करने को कहा है.

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Published : Mar 27, 2019, 4:35 PM IST

बाराबंकी: जिले में टीबी की बीमारी का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. जिसे देखते हुए जिन इलाकों में क्षयरोग के बढ़ने की आशंका हो सकती है, क्षयरोग विभाग उन इलाकों को चिह्नित करने में जुट गया है. क्षय दिवस के मौके पर जहां मुख्य चिकित्साधिकारी ने जिले के कोने-कोने में फैले विभागीय कर्मचारियों को हर हाल में टीबी को कंट्रोल करने के निर्देश दिए, तो वहीं कर्मचारियों ने संकल्प लिया कि प्रधानमंत्री मोदी की मंशा के अनुरूप 2025 तक क्षयरोग पर काबू पा लेंगे.

चिकित्सकों ने टीबी रोग को काबू करने का लिया संकल्प.

दरअसल पीएम मोदी ने एक बार अपनी मंशा जाहिर करते हुए कहा था कि साल 2025 तक देश में टीबी को कंट्रोल कर लिया जाएगा. जिले का क्षयरोग विभाग 'इट्स टाइम टू एंड टीबी' महाभियान चला रहा है. इस महाभियान में लगे कर्मचारियों को भी जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए गए. उन्होंने कहा कि अंधेरे वाले स्थानों को चिह्नित किया जाय, क्योंकि वहां टीबी होने की संभावना ज्यादा रहती है. जहां कही एक या दो कमरों में ज्यादा लोग मिले तो उनकी समुचित जांच कराई जाए.

हर साल 24 मार्च को क्षय दिवस मनाया जाता है, लेकिन किसी कारणवश बाराबंकी जिले में इसे दो दिन बाद मनाया गया. वर्ल्ड टीबी डे के मौके पर मुख्य चिकित्साधिकारी सभी कर्मचारियों को निर्देश देते हुए कहा कि जहां क्षयरोग बढ़ने की आशंका ज्यादा है, ऐसे इलाकों कोचिह्नित किया जाए.

मलिन बस्तियों, ईंट-पत्थर का काम करने वाले लोगों पर विशेष नजर रखी जाए. उन्होंने बताया कि पहले लोग इस रोग को बताने से हिचकिचाते थे, लेकिन अब जागरूकता बढ़ने से लोग खुद ही आगे आ रहे हैं. पिछले वर्ष 6283 टीबी के रोगी खोजे गए थे. साथ ही उन्होंने बताया कि सर्विलांस टीम वर्क कर रही है. इसके तहत छिपे हुए मरीज बाहर आ रहे हैं. कार्यक्रम में कर्मचारियों ने संकल्प लिया कि वे इस गम्भीर और जानलेवा बीमारी को मिटा कर ही दम लेंगे.

बाराबंकी: जिले में टीबी की बीमारी का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. जिसे देखते हुए जिन इलाकों में क्षयरोग के बढ़ने की आशंका हो सकती है, क्षयरोग विभाग उन इलाकों को चिह्नित करने में जुट गया है. क्षय दिवस के मौके पर जहां मुख्य चिकित्साधिकारी ने जिले के कोने-कोने में फैले विभागीय कर्मचारियों को हर हाल में टीबी को कंट्रोल करने के निर्देश दिए, तो वहीं कर्मचारियों ने संकल्प लिया कि प्रधानमंत्री मोदी की मंशा के अनुरूप 2025 तक क्षयरोग पर काबू पा लेंगे.

चिकित्सकों ने टीबी रोग को काबू करने का लिया संकल्प.

दरअसल पीएम मोदी ने एक बार अपनी मंशा जाहिर करते हुए कहा था कि साल 2025 तक देश में टीबी को कंट्रोल कर लिया जाएगा. जिले का क्षयरोग विभाग 'इट्स टाइम टू एंड टीबी' महाभियान चला रहा है. इस महाभियान में लगे कर्मचारियों को भी जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए गए. उन्होंने कहा कि अंधेरे वाले स्थानों को चिह्नित किया जाय, क्योंकि वहां टीबी होने की संभावना ज्यादा रहती है. जहां कही एक या दो कमरों में ज्यादा लोग मिले तो उनकी समुचित जांच कराई जाए.

हर साल 24 मार्च को क्षय दिवस मनाया जाता है, लेकिन किसी कारणवश बाराबंकी जिले में इसे दो दिन बाद मनाया गया. वर्ल्ड टीबी डे के मौके पर मुख्य चिकित्साधिकारी सभी कर्मचारियों को निर्देश देते हुए कहा कि जहां क्षयरोग बढ़ने की आशंका ज्यादा है, ऐसे इलाकों कोचिह्नित किया जाए.

मलिन बस्तियों, ईंट-पत्थर का काम करने वाले लोगों पर विशेष नजर रखी जाए. उन्होंने बताया कि पहले लोग इस रोग को बताने से हिचकिचाते थे, लेकिन अब जागरूकता बढ़ने से लोग खुद ही आगे आ रहे हैं. पिछले वर्ष 6283 टीबी के रोगी खोजे गए थे. साथ ही उन्होंने बताया कि सर्विलांस टीम वर्क कर रही है. इसके तहत छिपे हुए मरीज बाहर आ रहे हैं. कार्यक्रम में कर्मचारियों ने संकल्प लिया कि वे इस गम्भीर और जानलेवा बीमारी को मिटा कर ही दम लेंगे.

Intro:बाराबंकी ,27 मार्च । अंधेरे में और घनी आबादी में रहने वाले लोग होशियार हो जाएं क्योंकि वहां तपेदिक यानी क्षयरोग के बढ़ने की आशंका हो सकती है । क्षयरोग विभाग ऐसे इलाकों को चिन्हित करने में जुट गया है । विश्व क्षयरोग दिवस के दो दिन बाद मनाए गए इस दिवस के मौके पर जहां मुख्य चिकित्साधिकारी ने जिले के कोने कोने में फैले विभागीय कर्मचारियों को हर हाल में टीबी को कंट्रोल करने के निर्देश दिए तो वहीं कर्मचारियों ने संकल्प लिया कि प्रधानमंत्री मोदी की मंशा के अनुरूप 2025 तक क्षयरोग पर काबू पा लेंगे ।


Body:वीओ- पीएम मोदी की मंशा है कि साल 2025 तक देश में टीबी को कंट्रोल कर लिया जाएगा लिहाजा उनकी मंशा के अनुरूप जिले का क्षयरोग विभाग महाभियान चला रहा है । विभाग ने इसके लिए "इट्स टाइम टू इंड टीबी" का नारा दिया है । कुछ कारणों से विश्व क्षयरोग दिवस के दो दिन बाद विभाग द्वारा मनाए गए वर्ल्ड टीबी डे के मौके पर मुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा इस महाभियान में लगे कर्मचारियों को तमाम दिशा निर्देश जारी किए । उन्होंने कहा कि अंधेरे वाले स्थानों को चिन्हित किया जाय क्योंकि वहां टीबी होने की संभावना ज्यादा रहती है । जहाँ कही एक या दो कमरों में ज्यादा लोग मिले तो उनकी समुचित जांच कराई जाए । मलिन बस्तियों , ईंट पत्थर का काम करने वाले लोगों पर विशेष नजर रखी जाए । उन्होंने बताया कि पहले लोग इस रोग को बताने से हिचकिचाते थे लेकिन अब जागरूकता बढ़ने से लोग खुद ही आगे आ रहे हैं । जिला क्षयरोग अधिकारी ने बताया कि पिछले वर्श 6283 टीबी के रोगी खोजे गए थे । दिनों दिन बढ़ रही टीबी रोगियों की संख्या को लेकर इनका मानना है कि उनकी सर्विलांस टीम वर्क कर रही है तभी तो छिपे हुए मरीज बाहर आ रहे हैं । उन्होंने कहा कि विभाग की थीम" यही समय है टीबी के खत्म करने का " को आधार बना कर विभाग अभियान को गति दे रहा है । इस मौके पर कर्मचारियों ने संकल्प लिया कि वे इस गम्भीर और जानलेवा बीमारी को मिटा कर ही दम लेंगे ।उत्साही कर्मचारियों ने बताया कि इस बार उन्होंने तकनीक बदल दी है । अब जो भी मरीज एक दिन भी अनुपस्थित हुआ तो टीम खुद ही उसके घर पहुंच जा रही है ।

बाईट- डॉ रमेश चंद्रा , सीएमओ
बाईट- डॉ एके वर्मा, जिला क्षयरोग अधिकारी
बाईट- रोहित राय , एसएमएलटी


Conclusion:रिपोर्ट- अलीम शेख बाराबंकी
9839421515
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