आजमगढ़: सरकार और उनके मंत्री जिन कर्मचारियों के भरोसे बिजली व्यवस्था सुधारने का दावा करते हैं. उन्हीं कर्मचारियों को पिछले 10 महीने से कोई वेतन नहीं दिया गया. जिसके बाद कर्मचारियों ने होली से पूर्व वेतन नहीं मिलने पर बिजली ठप करने की चेतावनी दी.
यह वहीं कर्मचारी हैं जिनके भरोसे सरकार और उनके मंत्री प्रदेश को बिजली कटौती से मुक्त करने के दावे करते हैं. इन कर्मचारियों को तो विभाग ने रखा है, लेकिन जब वेतन देने की बात आती है तो उसके लिए ठेकेदार जिम्मेदार होता है. कई महीनों से वेतन ना मिलने के बाद इन कर्मचारियों का गुस्सा विभाग के खिलाफ फूट गया. वह बिजली विभाग के मुख्य अभियंता के कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए. जिसके बाद मुख्य अभियंता ने उनसे बातचीत कर बेकर होली से पूर्व वेतन देने का वादा किया है.
कर्मचारी रामदुलारे ने बताया कि उन्हें पिछले 10 नहीं दिया जा रहा है, जबकि वेतन मांगने पर आश्वासन देकर उनसे काम लिया जा रहा है. अगर उन्हें होली से पूर्व वेतन नहीं दिया गया तो वह बिजली व्यवस्था को ठप करने का प्रयास करेंगे. उन्होंने बताया कि लगभग 700 कर्मचारियों को वेतन नहीं दिया गया है. जब एसडीओ और जेई से इस संबंध में बात करते हैं तो उन्हें धमकियां दी जाती हैं. वहीं दूसरे कर्मचारी का कहना है कि जब वह काम करते हैं तो वेतन भी उन्हें ही दिया जाना चाहिए. ठेकेदार पर आरोप लगाते हुए कर्मचारियों ने कहा कि उनके लिए 12 हजार रुपए का वेतन निर्धारित है, जबकि ठेकेदार उन्हें केवल 2 से 3 हजार रुपए ही देता है, वह भी पिछले 10 माह से नहीं मिला है.
जब इस संबंध में मुख्य अभियंता राजेश रंजन सिंह से ईटीवी भारत ने बात की तो उन्होंने कहा कि विभाग इन कर्मचारियों के प्रति जिम्मेदार है. ऐसा क्यों हो रहा है, इसकी जांच करवाई जाएगी. वहीं संबंधित ठेकेदार को निर्देश दिया जाएगा कि वह कर्मचारियों का वेतन समय पर उन्हें दें. ऐसा इसलिए भी हो रहा है कि पोर्टल पर इनका डॉक्यूमेंट नहीं चढ़ा है. मुख्य अभियंता ने कर्मचारियों को वादा किया कि होली से पूर्व 2 माह का वेतन उन्हें दिया जाएगा.