लखनऊ : राजनीतिक दलों के घोषणा पत्रों से महिलाओं से जुड़े कई गंभीर मुद्दे गायब होने से महिलाओं में खासी नाराजगी देखी जा रही है. महिलाओं का कहना है कि सुरक्षा, शिक्षा, यातायात समेत कई ऐसी समस्याएं हैं, जिनसे महिलाओं को रोज रूबरू होना पड़ता है, लेकिन इसके बावजूद राजनीतिक दलों के घोषणा पत्र में महिलाओं से जुड़े कई गंभीर मुद्दे शामिल नहीं हैं. ईटीवी भारत ने इस संबंध में महिलाओं से बात की.
महिलाओं ने बताए मुद्दे
- महिलाओं ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि महिलाओं की शिक्षा व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया जाए.
- महिलाओं के रोजगार पर विशेष ध्यान दिया जाए, महिलाओं के लिए अगल से ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था की जाए.
- बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना की बात करते हुए महिलाओं ने कहा कि यह सुविधा आज भी गरीब तबके की बच्ची और महिलाओं से दूर है. आज भी 5 और 6 साल की छोटी-छोटी बच्चियां काम करने के लिए मजबूर हैं. रोजमर्रा की जरूरतों के लिए पैसे कमाने घर से निकल रही हैं, ऐसे में जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है.
- पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर बात करते हुए उन्होंने बताया कि घर से बाहर निकलने में बच्चियां और महिलाएं असुरक्षित हैं. लगातार हो रहीं घटनाओं को देखते हुए महिलाओं के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था अलग होनी चाहिए.
- शिक्षा और आर्थिक स्थिति के कारण बच्चियां और महिलाएं गंदगी के दलदल में फंसने को मजबूर हैं. पैसों की कमी के चलते छोटी-छोटी बच्चियां और महिलाएं गलत कामों में लिप्त हो रही हैं, सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए.