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जहरीली शराब कांड : यूपी में जहरीली शराब से 70 से अधिक मौतें, जिम्मेदार कौन ! - hooch tragedy in up

उत्तर प्रदेश में एक बार फिर जहरीली शराब पीने से मौत होने का मामला सामने आया है. बता दें कि प्रदेश में आए दिन जहरीली शराब के चलते लोग मौत की नींद सो जाते हैं.

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Published : May 28, 2019, 2:42 PM IST

Updated : May 28, 2019, 3:11 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश जहरीली शराब पीने से मौतों का सिलसिला बदस्तूर जारी है. ताजा मामला प्रदेश के बाराबंकी से है, जहां जहरीली शराब पीने से अब तक 12 लोग मौत की नींद सो चुके हैं, जबकि कई लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है. प्रदेश में ऐसा पहली बार नहीं है कि जब जहरीली शराब के चलते लोगों की मौत हुई हो. एक बार फिर प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है, ऐसे में अब यह देखना होगा कि सरकार के द्वारा कोई ठोस कदम उठाया जाता है या फिर हर बार की तरह इस बार भी निलंबन कर केवल खानापूर्ती की जाएगी.

जानिए प्रदेश में कब और कहां जहरीली शराब ने लोगों को मौत की नींद सुला दिया

सहारनपुर
बात फरवरी 2019 की है, जब जहरीली शराब के सेवन से सहारनपुर में 36 लोगों की मौत हो गई थी. इतने लोगों की एक साथ मौत से जिले में कोहराम मच गया था. वहीं मामला संज्ञान में आते ही प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई की. पुलिस के साथ-साथ आबकारी विभाग के कई अधिकारी और कर्मचारियों को निलंबित किया गया.

कुशीनगर
सहारनपुर के साथ-साथ जहरीली शराब के चलते कुशीनगर में भी 8 लोग मौत की नींद सो गए थे, यहां भी वहीं निलंबन जैसी प्रक्रिया अपनाई गई. कई अधिकारियों और कर्मचारियों को निलंबित किया गया.

बाराबंकी
जिले में जहरीली शराब पीने से अब तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई लोगों की हालत अब भी गंभीर बनी हुई है. जिले में जहरीली शराब पीने से मौत होने का मामला पहली बार नहीं है. बता दें करीब डेढ़ साल पहले जहरीली शराब पीने से ही 14 लोगों की मौत हो गई थी. दोनों में खास बात यह है कि पिछली बार भी अधिकारी और कर्मचारी निलंबित हुए थे और इस बार भी यही किया गया है.

यहां भी जहरीली शराब का शिकार बने हैं लोग
उल्लेखनीय है कि जहरीली और अवैध शराब पीने से पूर्व में भी काफी संख्या में लोगों की मौत हो चुकी है. इनमें आजमगढ़, कानपुर देहात, गोरखपुर सहित तमाम जिले शामिल हैं. इसके बावजूद हालात सुधरेने का नाम नहीं ले रहे हैं.

क्या निलंबन काफी है
प्रदेश में जहरीली शराब से आए दिन हो रहीं मौतों के बावजूद क्या अधिकारियों और कर्मचारियों का केवल निलंबन काफी है, या फिर सरकार को कोई और ठोस कदम उठाना चाहिए. अगर सरकार निलंबन की जगह कोई ठोस कदम उठा लेती तो शायद आज जो बाराबंकी में हुआ वो नहीं होता. कहीं ऐसा तो नहीं प्रशासन इस विभाग पर इसलिए लगाम नहीं लगा पा रहा कि यह सबसे ज्यादा रेवेन्यु देने वाले विभागों में से एक है. जो भी हो इसमें प्रशासन की लापरवाही साफ तौर पर देखी जा सकती है. अब सवाल यह है कि इन मौतों के बाद क्या सरकार सबक लेकर कोई ठोस कदम उठाएगी या फिर वहीं निलंबन जैसी कार्रवाई करके अपना पल्ला झाड़ लेगी.


इन राज्यों में है शराब बैन
बता दें कि भारत के कई राज्यों में शराब पर पाबंदी है. इसमें बिहार, गुजरात समेत कई राज्य शामिल हैं.

लखनऊ : उत्तर प्रदेश जहरीली शराब पीने से मौतों का सिलसिला बदस्तूर जारी है. ताजा मामला प्रदेश के बाराबंकी से है, जहां जहरीली शराब पीने से अब तक 12 लोग मौत की नींद सो चुके हैं, जबकि कई लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है. प्रदेश में ऐसा पहली बार नहीं है कि जब जहरीली शराब के चलते लोगों की मौत हुई हो. एक बार फिर प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है, ऐसे में अब यह देखना होगा कि सरकार के द्वारा कोई ठोस कदम उठाया जाता है या फिर हर बार की तरह इस बार भी निलंबन कर केवल खानापूर्ती की जाएगी.

जानिए प्रदेश में कब और कहां जहरीली शराब ने लोगों को मौत की नींद सुला दिया

सहारनपुर
बात फरवरी 2019 की है, जब जहरीली शराब के सेवन से सहारनपुर में 36 लोगों की मौत हो गई थी. इतने लोगों की एक साथ मौत से जिले में कोहराम मच गया था. वहीं मामला संज्ञान में आते ही प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई की. पुलिस के साथ-साथ आबकारी विभाग के कई अधिकारी और कर्मचारियों को निलंबित किया गया.

कुशीनगर
सहारनपुर के साथ-साथ जहरीली शराब के चलते कुशीनगर में भी 8 लोग मौत की नींद सो गए थे, यहां भी वहीं निलंबन जैसी प्रक्रिया अपनाई गई. कई अधिकारियों और कर्मचारियों को निलंबित किया गया.

बाराबंकी
जिले में जहरीली शराब पीने से अब तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई लोगों की हालत अब भी गंभीर बनी हुई है. जिले में जहरीली शराब पीने से मौत होने का मामला पहली बार नहीं है. बता दें करीब डेढ़ साल पहले जहरीली शराब पीने से ही 14 लोगों की मौत हो गई थी. दोनों में खास बात यह है कि पिछली बार भी अधिकारी और कर्मचारी निलंबित हुए थे और इस बार भी यही किया गया है.

यहां भी जहरीली शराब का शिकार बने हैं लोग
उल्लेखनीय है कि जहरीली और अवैध शराब पीने से पूर्व में भी काफी संख्या में लोगों की मौत हो चुकी है. इनमें आजमगढ़, कानपुर देहात, गोरखपुर सहित तमाम जिले शामिल हैं. इसके बावजूद हालात सुधरेने का नाम नहीं ले रहे हैं.

क्या निलंबन काफी है
प्रदेश में जहरीली शराब से आए दिन हो रहीं मौतों के बावजूद क्या अधिकारियों और कर्मचारियों का केवल निलंबन काफी है, या फिर सरकार को कोई और ठोस कदम उठाना चाहिए. अगर सरकार निलंबन की जगह कोई ठोस कदम उठा लेती तो शायद आज जो बाराबंकी में हुआ वो नहीं होता. कहीं ऐसा तो नहीं प्रशासन इस विभाग पर इसलिए लगाम नहीं लगा पा रहा कि यह सबसे ज्यादा रेवेन्यु देने वाले विभागों में से एक है. जो भी हो इसमें प्रशासन की लापरवाही साफ तौर पर देखी जा सकती है. अब सवाल यह है कि इन मौतों के बाद क्या सरकार सबक लेकर कोई ठोस कदम उठाएगी या फिर वहीं निलंबन जैसी कार्रवाई करके अपना पल्ला झाड़ लेगी.


इन राज्यों में है शराब बैन
बता दें कि भारत के कई राज्यों में शराब पर पाबंदी है. इसमें बिहार, गुजरात समेत कई राज्य शामिल हैं.

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Last Updated : May 28, 2019, 3:11 PM IST
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