मेरठ: कोरोना महामारी के कारण इस बार प्रदेश सरकार ने कांवड़ यात्रा को स्थगित करने का निर्णय लिया है. वहीं विश्व हिंदू परिषद का कहना है कि कांवड़ यात्रा को बंद नहीं किया जाना चाहिए. सरकार को कोरोना महामारी को देखते हुए यात्रा को आंशिक रूप से शुरू करने की अनुमति देनी चाहिए. यह ऐतिहासिक यात्रा सैकड़ों वर्षों से चली आ रही है, इसे इस बार पूरी तरह बंद किया जाना ठीक नहीं है.
विश्व हिंदू परिषद के प्रांत प्रवक्ता शीलेंद्र कुमार ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि कांवड़ मेला यात्रा सैकड़ों वर्षों से चली आ रही है. यह हिंदू धर्म की आस्था से जुड़ी ऐतिहासिक कांवड़ यात्रा है. इसमें यूपी ही नहीं, बल्कि दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब मध्य प्रदेश आदि राज्यों के शिवभक्त हरिद्वार से कांवड़ यात्रा के दौरान गंगाजल लाकर शिवरात्रि पर जलाभिषेक करते हैं.
उन्होंने कहा कि इस बार कोरोना वायरस के कारण प्रदेश सरकार ने इस कांवड़ यात्रा को स्थगित करने का निर्णय लिया है, जो कि ठीक नहीं है. सरकार को इस कांवड़ यात्रा को पूरी तरह स्थगित न करते हुए जगन्नाथ पुरी की रथयात्रा की तर्ज पर आंशिक रूप से जारी रखने की अनुमति देनी चाहिए. शीलेंद्र कुमार ने कहा कि यह कांवड़ यात्रा भले ही आंशिक हो, प्रतीकात्मक हो, लेकिन होनी जरूर चाहिए. बड़ी कांवड़ और जत्थों वाली कांवड़ पर रोक लगाई जा सकती है, लेकिन एकल कांवड़ में किसी तरह की परेशानी नहीं है.
शीलेंद्र कुमार ने कहा कि जब सरकार ने बाजार, मॉल और सभी धर्मस्थल खोल दिए हैं तो कांवड़ यात्रा को अनुमति देने में क्या परेशानी है. उन्होंने कहा कि इस मामले में प्रदेश सरकार को केंद्र सरकार से बात कर कोई बीच का रास्ता निकालना चाहिए. शिवरात्रि पर शिवालयों में जलाभिषेक की व्यवस्था करानी चाहिए, ताकि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर शिवभक्त जलाभिषेक कर सकें.