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लखनऊ: ग्रामीणों को नहीं मिल रहा 'आयुष्मान भारत योजना' का लाभ

लखनऊ में मऊ गांव के लोगों को 'आयुष्मान योजना' का लाभ नहीं मिल पा रहा है. दरअसल, अधिकारियों की लापरवाही के चलते ग्रामीणों का अब तक गोल्डन कार्ड नहीं बन पाया है.

ग्रामीणों के नहीं बन रहे गोल्डन कार्ड.
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Published : Mar 3, 2019, 12:21 PM IST


लखनऊ: देश के हर गरीबों तक स्वास्थ्य सुविधाओं को पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार ने 'आयुष्मान भारत योजना' चलाई है. जिससे हर गरीब और जरूरतमंद को मुफ्त इलाज मिल सकेगा, लेकिन प्रदेश में आज भी बहुत से ऐसे गांव हैं जहां प्रधानमंत्री की इस महत्वाकांक्षी योजना से लोग कोसों दूर हैं.

ग्रामीणों के नहीं बन रहे गोल्डन कार्ड.

ऐसा ही कुछ हाल सूबे की राजधानी लखनऊ के मऊ गांव का है, जहां जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही की वजह से गरीब जनता को 'आयुष्मान भारत योजना' का लाभ नहीं मिल पाया है.

मजदूरी का पैसा बीमारी में लगाने को मजबूर हैं ग्रामीण

मोहनलालगंज विकासखंड के मऊ गांव में दर्जनों ऐसे लोग हैं जो गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं. लेकिन इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है. वहीं जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही की वजह से गांव के लोंगो का अब तक गोल्डन कार्ड नहीं बन पाया है. जिससे उन्हें केंद्र सरकार की आयुष्मान योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है और वह मेहनत मजदूरी कर एक-एक पैसा बीमारी में लगाने को मजबूर हैं.

अधर में लटकीप्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना

वहीं मऊ गांव के क्षेत्र पंचायत सदस्य मनीष तिवारी का आरोप है कि उन्होंने कई बार स्वास्थ्य विभाग और संबंधित अधिकारियों से मामले को लेकर शिकायत भी की. लेकिन अधिकारियों ने अभी तक कोई भी उचित कार्रवाई नहीं की है. ऐसे में प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना अधिकारियों की लापरवाही के चलते अधर में लटकी हुई है.

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लखनऊ: देश के हर गरीबों तक स्वास्थ्य सुविधाओं को पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार ने 'आयुष्मान भारत योजना' चलाई है. जिससे हर गरीब और जरूरतमंद को मुफ्त इलाज मिल सकेगा, लेकिन प्रदेश में आज भी बहुत से ऐसे गांव हैं जहां प्रधानमंत्री की इस महत्वाकांक्षी योजना से लोग कोसों दूर हैं.

ग्रामीणों के नहीं बन रहे गोल्डन कार्ड.

ऐसा ही कुछ हाल सूबे की राजधानी लखनऊ के मऊ गांव का है, जहां जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही की वजह से गरीब जनता को 'आयुष्मान भारत योजना' का लाभ नहीं मिल पाया है.

मजदूरी का पैसा बीमारी में लगाने को मजबूर हैं ग्रामीण

मोहनलालगंज विकासखंड के मऊ गांव में दर्जनों ऐसे लोग हैं जो गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं. लेकिन इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है. वहीं जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही की वजह से गांव के लोंगो का अब तक गोल्डन कार्ड नहीं बन पाया है. जिससे उन्हें केंद्र सरकार की आयुष्मान योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है और वह मेहनत मजदूरी कर एक-एक पैसा बीमारी में लगाने को मजबूर हैं.

अधर में लटकीप्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना

वहीं मऊ गांव के क्षेत्र पंचायत सदस्य मनीष तिवारी का आरोप है कि उन्होंने कई बार स्वास्थ्य विभाग और संबंधित अधिकारियों से मामले को लेकर शिकायत भी की. लेकिन अधिकारियों ने अभी तक कोई भी उचित कार्रवाई नहीं की है. ऐसे में प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना अधिकारियों की लापरवाही के चलते अधर में लटकी हुई है.

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Intro:देश के हर गरीब तक स्वास्थ्य सुविधाओं को पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार ने आयुष्मान भारत योजना चलाई जिससे हर उस गरीब और जरूरतमंद को मुफ्त इलाज मिल सके लेकिन आज भी बहुत से ऐसे गांव हैं जहां प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना से लोग कोसों दूर है।


Body:ऐसा ही कुछ हाल सूबे की राजधानी लखनऊ के मऊ गांव का है जहां आज तक यहां की गरीब जनता को आयुष्मान भारत योजना का लाभ नहीं मिल पाया है क्योंकि अभी तक किसी ने इनका गोल्डन कार्ड बनाने की जहमत नहीं उठाई है। मोहनलालगंज विकासखंड के मऊ गांव में दर्जनों ऐसे लोग हैं जो गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं और अपनी मेहनत मजदूरी का एक-एक पैसा बीमारी में लगा दे रहे हैं।

यहां के रहने वाले बुजुर्ग जान मोहम्मद पिछले कई सालों से पैर के कैंसर से जूझ रहे हैं यहां तक वह विकलांगता का भी शिकार है लेकिन आज तक उनका ना तो गोल्डन कार्ड बना है ना ही उन्हें आयुष्मान भारत योजना का लाभ मिला है।

बाइट- जान मोहम्मद (पीड़ित)

ऐसा ही कुछ हाल नूरजहां का भी है जो काफी समय से गंभीर बीमारी से जूझ रही है बेटा मजदूरी कर एक-एक पैसे उनके इलाज में लगा रहा है जब पैसा होता है तब इलाज होता है और दवाइयां आती हैं और जब पैसा नहीं होता तो बिना दवा के ही रहना पड़ता है।

बाइट- नूरजहां (पीड़ित)

मऊ गांव के क्षेत्र पंचायत सदस्य मनीष तिवारी का आरोप है कि कई बार सीएससी प्रशासन और अधिकारियों से शिकायत की गई लेकिन अधिकारियों ने अभी तक कोई भी उचित कार्रवाई नहीं की है जिससे कि गरीब लोगों का गोल्डन कार्ड बन सके।

बाइट- मनीष तिवारी (क्षेत्र पंचायत सदस्य)

पीटीसी- योगेश मिश्रा


Conclusion:वही देखने वाली बात है कि प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना लापरवाह अधिकारियों के चलते अधर में लटकी हुई दिखाई दे रही है अब ऐसे में देखना होगा कि कितनी जल्द जरूरतमंदों को इस योजना का लाभ पहुंचाया जाता है।

योगेश मिश्रा लखनऊ
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