लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार के नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन गोपाल ने कोरोना संक्रमण के कारण मरने वाले नगर निगम के स्थाई कर्मचारियों के आश्रितों को बुधवार को नियुक्ति पत्र सौंपा है. पिछले एक वर्ष में लखनऊ नगर निगम के 40 कर्मचारियों की सेवाकाल में मृत्यु हुई. जिसमें से कुल 12 मृतक आश्रितों को सेवायोजित कर लिया गया है. शेष की नियुक्ति किये जाने के संबंध में औपचारिकताएं पूर्ण की जा रही हैं, जिसके पूर्ण होने पर नियमानुसार मृतक आश्रित के रूप में शीघ्र नियुक्ति प्रदान कर दी जायेगी.
नगर निगम के कर्मियों ने किया उल्लेखनीय काम
इसी क्रम में मृतक कर्मचारियों के आश्रितों को भविष्य निधि एवं अर्जित अवकाश का लगभग रु. 2.38 करोड़ का भुगतान नगर निगम लखनऊ द्वारा किया जा चुका है. नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन ने कहा कि नगर निकाय के समस्त कर्मियों द्वारा कोरोना काल के पिछले एक वर्ष में सैनिटाइजेशन, सफाई, दवा वितरण के अभियान में उल्लेखनीय कार्य किया गया है. विशेष रूप से कंटेनमेंट जोन में किया गया कार्य प्रशंसनीय रहा है, जिसके फलस्वरूप महामारी को रोकने में काफी मदद मिली है. इसके साथ ही उन्होंने अपने कर्तव्य का पालन करते हुए काल के गाल में समाने वाले कर्मियों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की. जिन्होंने कोविड-19 के दौरान विषम परिस्थितियों में कार्य करते हुए अपने दायित्वों का तत्परता के निवर्हन किया. उन्होंने कहा कि ऐसे मृतक कर्मचारीगण जो हमारे साथ नहीं रहे उनके परिवार एवं आश्रितों की चिंता करना हमारा दायित्व है, जिसके क्रम में यह नियुक्ति पत्र वितरित किए जा रहे है..
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महापौर ने जताया नगर निगम के कर्मियों का आभार
लखनऊ की महापौर संयुक्ता भाटिया ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि कोरोना महामारी के समय जब सभी नागरिक अपने घरो में रहे तब निगम के कर्मचारियों द्वारा निरन्तर कार्य किया गया. इसी दौरान अनेक कर्मचारी अस्वस्थ्य भी हुए, जिनकी शीघ्र स्वस्थ्य होने कामना की गई. महापौर ने कहा कि शासन द्वारा कोरोना से मृत कर्मचारियों के आश्रितों को अनुग्रह धनराशि 50 लाख रुपये प्रदान किये जाने का प्राविधान किया गया है. कोरोना संक्रमण से नगर निगम लखनऊ के मृत 13 कर्मचारियों के आश्रितों को अनुग्रह धनराशि प्रदान कराये जाने के संबंध में नगर निगम लखनऊ द्वारा निरन्तर शासन/प्रशासन से प्रयास किया जा रहा है. कोविड संक्रमण के दौरान बड़ी संख्या में नगर निगम कर्मचारियों की मौत हो गई. ऐसे में जिस तरह से प्रदेश सरकार के निर्देश पर मृतक आश्रितों के परिजनों को नौकरी दी जा रही है, निश्चित रूप से यह सराहनीय है.