फतेहपुर: साल 2013 पुलिस भर्ती के शेष बचे अभ्यर्थियों ने जिलाधिकारी को ज्ञापन देकर इच्छामृत्यु की मांग की है. इनका आरोप है कि भर्ती के तय कट ऑफ नबंर लाने पर भी भर्ती बोर्ड ज्वाइनिंग नहीं करा रहा है. वहीं जब ईटीवी भारत संवाददाता ने इनसे बातचीत की तो उन्होंने बताया कि हम साल 2013 से मानसिक और आर्थिक रुप से परेशान हो रहे हैं. अब हम लोगों का आत्मविश्वास लगभग खत्म हो गया है.
जानिए क्या है पूरा मामला
- उत्तर प्रदेश पुलिसभर्ती बोर्ड ने अखिलेश यादव की सरकार, 2013 में 41,610 आरक्षी पदों पर भर्ती का आवेदन निकला था.
- प्रारम्भिक परीक्षा , शारीरिक दक्षता परीक्षा और मुख्य परीक्षा सफल होने के बाद 55 हजार अभ्यर्थियों का चिकित्सा परीक्षण पूर्ण करने के बाद 16 जुलाई को 38,315 अभ्यर्थियों को ट्रेनिंग पर भेज दिया गया और शेष को वेंटिग लिस्ट में डाल दिया गया.
- जहां शेष वेटिंग लिस्ट में बचे अभ्यर्थी हाईकोर्ट की शरण में पहुंचे थे.
- वहीं कोर्ट ने 8 मई 2018 को प्रदेश सरकार को आदेश दिया कि जल्द से जल्द रिक्त पदों पर आरक्षियों की नियुक्ति की जाए.
- अभ्यर्थियों ने बताया कि सैकड़ों बार के मुख्यमंत्री और गृहसचिव के अतिरिक्त कई नेता और मंत्रियों से मिले, लेकिन झूठे आश्वासन और पुलिस की लाठी के सिवाय कुछ नहीं मिला.
- वहीं पुलिस भर्ती बोर्ड ज्वाइनिंग कराने के बजाय अवकाश प्राप्त अधिकारियों और सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहें हैं.
- ऐसे में हम लोगों के पास इच्छामृत्यु के सिवाय कोई विकल्प नहीं बचा है.