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बरेली: परिवहन विभाग की नई पहल, गुड सेमेरिटन का होगा सम्मान

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Published : Jun 22, 2019, 4:10 AM IST

सड़क हादसों में होने वाली मौतों को रोकने के लिए परिवहन विभाग ने एक पहल की है. इस पहल में घायलों को अस्पताल पहुंचाने वालों को नेक आदमी माना जायेगा. इस योजना को गुड सेमेरिटन नाम दिया गया है.

जयशंकर तिवारी, परिवहन आयुक्त.

बरेली: सड़क हादसों में होने वाली मौतों को रोकने के लिए परिवहन विभाग ने एक नई पहल की है. इस पहल में घायलों को अस्पताल पहुंचाने वालों को नेक आदमी माना जायेगा. जिले के परिवहन आयुक्त जयशंकर तिवारी ने बताया कि ऐसे लोग जो हादसों में घायल लोगों को अस्पताल पहुंचाएंगे उनको सरकार प्रोत्साहित करेगी. इस योजना को गुड सेमेरिटन नाम दिया गया है. जिले के परिवहन विभाग के अधिकारी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में इस बात का खुलासा किया.

गुड सेमेरिटन का होगा सम्मान

सरकार की है योजना

  • इस योजना को गुड सेमेरिटन नाम दिया गया है.
  • यह योजना चल तो रही है, लेकिन इसको अब नए सिरे से लागू करने की फिर से तैयारी है.
  • ऐसे लोग जो हादसों में घायल लोगों को अस्पताल पहुंचाएंगे उनको सरकार प्रोत्साहित करेगी.

परिवहन आयुक्त जय शंकर तिवारी ने बताया कि इस योजना को गुड सेमेरिटन नाम दिया गया है. उन्होंने बताया कि परिवहन विभाग की तरफ से यह पहल शुरू की गई है. अब इस योजना में सरकारी और प्राइवेट अस्पताल भी भूमिका निभाएंगे. उन्होंने कहा कि जान बचाने वाले शख्स को बिना वजह कोई परेशान नहीं कर सकता, उस व्यक्ति की परमिशन के बिना उसकी पहचान उजागर नहीं की जाएगी.

कौन हैं गुड सेमेरिटन

सड़क दुर्घटना में घायलों को तत्काल मेडिकल सहायता उपलब्ध कराने वाले मददगारों को नेक आदमी (गुड सेमेरिटन) कहते हैं.

क्या है कानून

2016 में बना गुड सेमेरिटन कानून आमतौर पर उन लोगों को बुनियादी कानूनी सुरक्षा प्रदान करता है, जो घायल या खतरे में पड़े व्यक्ति की सहायता करते हैं. कानून कहता है कि अगर कोई आपात स्थिति में हो और उसकी मदद के लिए कोई व्यक्ति पुलिस को फोन करे तो पुलिस उससे उसकी पहचान बताने को नहीं कहेगी. मददगार को अपनी पहचान और पता अस्पताल स्टॉफ और पुलिस को बताने की जरूरत नहीं होगी. यदि गुड सेमेरिटन किसी घटना का गवाह बनता है, तो पुलिस बेहद सावधानी बरतते हुए उससे जांच में सहयोग के लिए पूछताछ करेगी.

बरेली: सड़क हादसों में होने वाली मौतों को रोकने के लिए परिवहन विभाग ने एक नई पहल की है. इस पहल में घायलों को अस्पताल पहुंचाने वालों को नेक आदमी माना जायेगा. जिले के परिवहन आयुक्त जयशंकर तिवारी ने बताया कि ऐसे लोग जो हादसों में घायल लोगों को अस्पताल पहुंचाएंगे उनको सरकार प्रोत्साहित करेगी. इस योजना को गुड सेमेरिटन नाम दिया गया है. जिले के परिवहन विभाग के अधिकारी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में इस बात का खुलासा किया.

गुड सेमेरिटन का होगा सम्मान

सरकार की है योजना

  • इस योजना को गुड सेमेरिटन नाम दिया गया है.
  • यह योजना चल तो रही है, लेकिन इसको अब नए सिरे से लागू करने की फिर से तैयारी है.
  • ऐसे लोग जो हादसों में घायल लोगों को अस्पताल पहुंचाएंगे उनको सरकार प्रोत्साहित करेगी.

परिवहन आयुक्त जय शंकर तिवारी ने बताया कि इस योजना को गुड सेमेरिटन नाम दिया गया है. उन्होंने बताया कि परिवहन विभाग की तरफ से यह पहल शुरू की गई है. अब इस योजना में सरकारी और प्राइवेट अस्पताल भी भूमिका निभाएंगे. उन्होंने कहा कि जान बचाने वाले शख्स को बिना वजह कोई परेशान नहीं कर सकता, उस व्यक्ति की परमिशन के बिना उसकी पहचान उजागर नहीं की जाएगी.

कौन हैं गुड सेमेरिटन

सड़क दुर्घटना में घायलों को तत्काल मेडिकल सहायता उपलब्ध कराने वाले मददगारों को नेक आदमी (गुड सेमेरिटन) कहते हैं.

क्या है कानून

2016 में बना गुड सेमेरिटन कानून आमतौर पर उन लोगों को बुनियादी कानूनी सुरक्षा प्रदान करता है, जो घायल या खतरे में पड़े व्यक्ति की सहायता करते हैं. कानून कहता है कि अगर कोई आपात स्थिति में हो और उसकी मदद के लिए कोई व्यक्ति पुलिस को फोन करे तो पुलिस उससे उसकी पहचान बताने को नहीं कहेगी. मददगार को अपनी पहचान और पता अस्पताल स्टॉफ और पुलिस को बताने की जरूरत नहीं होगी. यदि गुड सेमेरिटन किसी घटना का गवाह बनता है, तो पुलिस बेहद सावधानी बरतते हुए उससे जांच में सहयोग के लिए पूछताछ करेगी.

Intro:बरेली। सड़क हादसों में होने वाली मौतों को रोकने के लिए परिवहन विभाग ने एक पहल की है। इस पहल में घायलों को अस्पताल पहुंचाने वालों को नेक आदमी माना जायेगा।

जिले के परिवहन विभाग के अधिकारी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में इस बात का खुलासा किया।


Body:सरकार की है योजना

यह योजना चल तो रही है लेकिन इसको अब नए सिरे से लागू करने की फिर से तैयारी है। जिले के परिवहन आयुक्त जयशंकर तिवारी ने बताया कि ऐसे लोग जो हादसों में घायल लोगों को अस्पताल पहुचायेंगे उनको सरकार प्रोत्साहित करेगी।

योजना को दिया गया नाम

परिवहन आयुक्त जयशंकर तिवारी ने बताया कि इस योजना को गुड सेमेरिटन नाम दिया गया है। उन्होंने बताया कि परिवहन विभाग की तरफ से यह पहल शुरू की गई है। उन्होंने कहा कि अब इस योजना में सरकारी और प्राइवेट अस्पताल भी भूमिका निभाएंगे।

नहीं होगी कोई कार्रवाई

परिवहन आयुक्त ने बताया कि जान बचाने वाले शख्स को बिना वजह कोई परेशान नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि उस व्यक्ति की परमिशन के बिना उसकी पहचान उजागर नहीं की जाएगी।

सुप्रीम कोर्ट ने की थी कमेटी गठित

जयशंकर ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट की तरफ से गठित कमेटी ऑन सेफ्टी रोड की सिफारिश पर गुड सेमेरिटन योजना की पहल की गई थी। अब इस योजन में सरकारी और प्राइवेट दोनों अस्पतालों को शामिल किया जाएगा।

यह दिए गए निर्देश

घायल को अस्पताल पहुंचाने वाले गुड सेमेरिटन को पूछताछ के लिए परेशान नहीं किया जाएगा।

उनकी पहचान गुप्त रखी जायेगी।

गुड सेमेरिटन के मांगने पर अस्प्ताल को घायल के लाने सम्बन्धी प्रमाण पत्र देना होगा। इससे उनको प्रोत्साहन मिलेगा।




Conclusion:सुप्रीम कोर्ट की सेफ्टी रोड की सिफारिश पर परिवहन विभाग की महल, गुड़ सेमेरिटन को आने वाले दिनों में सम्मानित भी किया जाएगा।

byte,: परिवहन आयुक्त जय शंकर, बरेली।


अनुराग मिश्र

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